भाजपा ने केसीआर के गढ़ में घुसकर उनके अहंकार को कुचल दिया

तेलंगाना में भाजपा के बढ़ते प्रभाव से केसीआर भौखला गए है !

kcr & Modi

Source- TFIPOST.in

जब सत्ता हाथ से फिसलती हुई दिखे तो आम तौर पर व्यक्ति बौखला जाता है और यह बौखलाहट स्पष्ट तौर पर दिखने भी लगती है। ऐसा ही कुछ हाल तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) का भी है। राज्य में बीजेपी के बढ़ते प्रभाव से केसीआर को परेशानी में डाल दिया। इसी कारण उनकी बीजेपी के साथ तल्खी बढ़ती हुई नजर आ रही है।

दरअसल, रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी BJP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में हिस्सा लेने के लिए दो दिनों के तेलंगाना दौरे पर आए हैं। नियम यह कहते है कि प्रधानमंत्री जिस भी राज्य में जाए, वहां के मुख्यमंत्री को उनका अगवानी करने के लिए एयरपोर्ट जाना होता है। परंतु केसीआर ने ऐसा नहीं किया। प्रोटोकॉल का उल्लघंन कर वो प्रधानमंत्री को रिसीव करने के लिए नहीं पहुंचे। दूसरी ओर वो इसी दौरान विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को एयरपोर्ट पर रिसीव करने के लिए आए और उनके समर्थन में रैली आयोजित कर शक्ति प्रदर्शन किया।

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बीजेपी और टीआरएस के बीच टकराव

प्रधानमंत्री सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति होते हैं और जब किसी राज्य के मुख्यमंत्री उनकी अगवानी के लिए मौजूद नहीं रहते, तो यह केवल उनके पद का नहीं बल्कि संविधान के प्रोटोकॉल का अपमान माना जाता है। केसीआर के इस बर्ताव पर बीजेपी के अध्यक्ष संजय बादी ने उन पर तंज कसा। उन्होंने कहा- ‘टाइगर के आते ही लोमड़ियां भाग जाती हैं। जब बाघ आया है तो वह (केसीआर) भाग रहा है। हम नहीं जानते कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? आने वाले दिनों में यहां भगवा और कमल के झंडे फहराएंगे।’ परंतु यह पहली बार नहीं, जब केसीआर ने यूं नियमों का उल्लंघन किया हो। पिछले छह माह में लगातार तीन बार उन्होंने ऐसा किया । जब-जब प्रधानमंत्री तेलंगाना आए तब-तब मुख्यमंत्री उनकी अगवानी करने के लिए नहीं पहुंचे।

इसके पीछे का स्पष्ट कारण बीजेपी और टीआरएस के बीच बढ़ती तल्खी है। एक वक्त ऐसा था जब बीजेपी और टीआरएस के बीच संबंध अच्छे हुए करते थे। पिछले राष्ट्रपति चुनाव में टीआरएस ने रामनाथ कोविंद का समर्थन भी किया था। लेकिन उत्तर भारत के बाद अब बीजेपी जिस तरह से दक्षिण भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने के प्रयासों में जुटी है उससे केसीआर को चिंता में डाल दिया। यही कारण है कि अब केसीआर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार जुबानी हमले बोल रहे है। हाल ही दिए बयान में केसीआर ने प्रधानमंत्री को सेल्समैन से लेकर तानाशाह, झूठा, खुद की तारीफ करने वाला तक बोल दिया।

मुख्यमंत्री केसीआर ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप राज्य की सरकारें गिराने में व्यस्त हैं। आपने नौ सरकारें अब तक गिराकर रिकॉर्ड बनाया है। पीएम मोदी 15वें प्रधानमंत्री हैं लेकिन उनके शासन में हमने दुनिया में पहले जैसा सम्मान खो दिया। श्रीलंका का दौरा आपने एक प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि एक व्यापारी के रूप में किया था। वर्ष 2023 में तेलंगाना में विधानसभा के चुनाव होने है। इन चुनावों से पहले BJP राज्य में अपने जनाधार को मजबूत करने में जुटी है। इसी उद्देश्य ने हैदराबाद में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन किया गया है। 18 सालों बाद दक्षिण भारत में बीजेपी अपनी यह बैठक आयोजित कर रही है। स्पष्ट तौर पर बीजेपी का इसके जरिए फोकस मिशन तेलंगाना पर ही है।

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तेलंगाना में बढ़ता भाजपा का जनाधार

कुछ सालों में बीजेपी का जनाधार तेलंगाना में कैसे बढ़ रहा है, यह राज्य में हुए पिछले कुछ चुनावों के परिणामों से स्पष्ट होता है। बीते साल 30 अक्टूबर को तेलंगाना के करीमनगर जिले के हुजूराबाद विधानसभा क्षेत्र में मतदान हुआ था। इसे टीआरएस का गढ़ माना जाता था। परंतु जब इस चुनाव के नतीजे सामने आए तो उससे टीआरएस और केसीआर को बड़ा झटका लगा। BJP प्रत्याशी एटाला राजेंदर यहां TRS के उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराने में कामयाब हुए।

केवल इतना ही नहीं। हैदराबाद नगर निगम चुनाव और पिछले लोकसभा चुनाव में BJP का जनाधार यहां साफ तौर पर बढ़ता हुआ दिखा है। साल 2020 में हुए हैदराबाद नगर निगम चुनाव में बीजेपी ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया। यहां पार्टी 48 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब हुई, जबकि चार वर्ष पहले इन चुनावों में बीजेपी केवल चार ही सीटों पर जीती थीं। वहीं 2019 लोकसभा चुनाव में तेलंगाना की भाजपा ने 17 लोकसभा सीटों में से चार पर जीत हासिल की। इसके पहले 2014 में भाजपा को यहां से सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी।

इस आंकड़ों से स्पष्ट है कि बीजेपी तेलंगाना में लगातार मजबूत होती चली जा रही है और इससे सबसे अधिक नुकसान जिसको हो रहा है वो है केसीआर और उनकी पार्टी टीआरएस को। केसीआर को तेलंगाना से अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती हुई दिख रही है। यही कारण है कि वो अपनी कुंठा प्रदर्शित करते हुए इस तरह प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहे हैं।

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