सर्वाइकल कैंसर के विरुद्ध पहली स्वदेशी वैक्सीन बनाने जा रहा है भारत

अब भारत में जड़ से ख़त्म हो जायेगा सर्वाइकल कैंसर !

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Source- TFIPOST.in

आज भारत जब विज्ञान क्षेत्र में इतनी तरक्की कर रहा है ऐसे में भारत ने कैंसर को रोकने के लिए एक नया वैक्सीन बनाकर नयी ऊंचाई हासिल की है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के वैक्सीन Cervavac को हाल ही में मार्केट ऑथराइजेशन के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) की मंजूरी मिली है। इसी के साथ Cervavac भारत का पहला क्वाड्रीवॉलेंट ह्यूमन पेपिलोमावायरस वैक्सीन (qHPV) बन गया है जिसका उद्देश्य महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाना है। साथ ही इसका उद्देश्य सर्वाइकल कैंसर का ‘सस्ती’ और ‘सुलभ’ तरीके से इलाज करना है।

क्या है सर्वाइकल कैंसर?

सर्वाइकल कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो गर्भाशय ग्रीवा- गर्भाशय का निचला हिस्सा जो योनि से जुड़ता है, की कोशिकाओं में होता है। सर्वाइकल कैंसर, सर्विक्स का मैलिग्नैंट ट्यूमर, है जो भारत में महिलाओं को होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के कारण होने वाला यह संक्रमण एक यौन संचारित संक्रमण है, जो अधिकांश सर्वाइकल कैंसर पैदा करने में भूमिका निभाते हैं।

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सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

प्रारंभिक चरण के सर्वाइकल कैंसर में आमतौर पर लक्षण नही दिखते। हालाँकि बाद के चरणों में इसके लक्षण देखे जा सकते हैं:

टीका लेने के लिए सबसे अच्छी आयु

फोर्टिस हॉस्पिटल्स के निदेशक- सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग और रोबोटिक और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, डॉ संदीप नायक पी के अनुसार, “लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए एचपीवी वैक्सीन लेने की सबसे अच्छी उम्र 11-12 साल है। हालाँकि इसे 26 वर्ष की आयु तक लिया जा सकता है। लेकिन 26 की आयु से ऊपर (46 वर्ष तक), का कोई व्यक्ति यदि इस वैक्सीन को लेता है तो उसमें एचपीवी संक्रमण को रोकने की प्रभावशीलता लगभग 60 से 70 प्रतिशत तक गिर जाती है जिस कारण से इसका लाभ न्यूनतम होगा। इसी कारण यह वैक्सीन मैं व्यक्तिगत रूप से इसे केवल किशोरों के लिए सुझाऊंगा।”

रोकथाम

सर्वाइकल कैंसर एक आम यौन संचारित संक्रमण है। एचपीवी का लंबा संक्रमण सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण है। सर्वाइकल कैंसर के कारण हर वर्ष देश में कई महिलाओं की मृत्यु होती है। हालाँकि यदि स्क्रीनिंग टेस्ट करवाकर प्रारम्भिक चरणों में ही इसका पता लगा लिया जाये या फिर पहले ही इसके लिए उपलब्ध टीके को समय पर ले लिया जाये तो सर्वाइकल कैंसर के विकास के जोखिम को कम कर सकते हैं।

साथ ही यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि एचपीवी यौन गतिविधियों के अलावा “शौचालय के माध्यम से” भी फैल सकता है। इसलिए इससे बचाव के लिए यौन और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है।

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क्यों ख़ास है भारत का बनाया CervaVac

भारत का बनाया CervaVac वैक्सीन हेपेटाइटिस बी वैक्सीन के समान वीएलपी (वायरस लाइक पार्टिकल्स) पर आधारित है। यह वैक्सीन एचपीवी वायरस के एल 1 प्रोटीन के खिलाफ एंटीबॉडी उत्पन्न करके इस कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है।

वर्तमान में भारत में सर्वाइकल कैंसर के दो विकल्प उपलब्ध हैं: Merck Sharp and Dohme’s Gardasil (qHPV vaccine) और GSK’s Cervarix (bivalent HPV vaccine)। ये वैक्सीन के डोज़ पूरे करने के लिए कम से कम 5,000 रुपये से 8,000 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। लेकिन भारत का बनाया वैक्सीन काम मूल्य पर उपलब्ध करवाने की कोशिश की जा रही है ताकि हर कोई इसे ले सके।

वैक्सीन ट्रायल के नतीजे

भारत में, SII के टीके का परीक्षण 2019 में शुरू किया गया था और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली; क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर और महाराष्ट्र में टाटा मेमोरियल अस्पताल और कैंसर अनुसंधान संस्थान सहित 12 साइटों पर 9-26 वर्ष के आयु वर्ग के 2,000 से अधिक प्रतिभागियों को इन परीक्षणों में शामिल किया गया था।

अधिकारियों के अनुसार इस वैक्सीन ने सभी 100% वैक्सीन प्राप्तकर्ताओं में एचपीवी के खिलाफ एंटीबॉडी गेनेराते की जिससे की यह प्रयोग सफल रहा और अब भविष्य में उन्हें सर्वाइकल कैंसर की कोई शिकायत नहीं होगी। भारत यदि इसी तरह प्रयास करता रहा और लोगों में इसकी जागरूकता फैली तो जिस तरह पोलियो को भारत से जड़ से ख़त्म कर दिया गया उसी तरह सर्वाइकल कैंसर भी भारत में जड़ से ख़त्म हो जायेगा।

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