चीन बड़ी ही चालाकी से छोटे देशों को अपने कर्ज के जाल में फंसाकर उन्हें अपना आर्थिक गुलाम बना लेता है। ऐसा ही कुछ चीन, पाकिस्तान के साथ करने के प्रयासों में भी जुटा है। आतंकियों को पालने-पोसने वाले पाकिस्तान की आर्थिक दिन पर दिन बद से बदतर होती चली जा रही है। वो भारी कर्ज में डूबा पड़ा है। महंगाई सारे रिकॉर्ड तोड़ती नजर आ रही है। पाकिस्तान की जनता को उनकी जरूरत की आवश्यक चीजें तक नसीब नहीं हो रही। ऐसी हालत में पाकिस्तान की सरकार कभी कटिंग चाय, तो कभी सत्तू और लस्सी के जरिए अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के प्रयासों में जुटी है।
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बद से बदतर हो रहे हैं पाक के हालात
पाकिस्तान में आर्थिक संकट कितना गहरा गया है, उसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि वहां अब मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं तक बंद करने तक की नौबत आ गई है। पाकिस्तानी राष्ट्रीय सूचना तकनीकी बोर्ड (NITB) ने इसको लेकर ट्विटर पर एक चेतावनी दी है। ट्वीट में NITB ने कहा कि पूरे देश में बिजली की घंटों तक कटौती हो रही है। इस कारण टेलीकॉम ऑपरेटर्स परेशान है और उन्होंने मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को बंद करने की चेतावनी दी है। बिजली कटौती की वजह से ऑपरेटर्स को मुश्किल हो रही है और वो अपनी सेवाएं जारी रखने में सक्षम नहीं है। चीन के ‘डार्क पाक प्रोजेक्ट’ से पाक निश्चित ही अंधेरे में डूब जाएगा।
पड़ोसी देश में हालात ऐसे हो गए है कि बिजली संकट की वजह से पाकिस्तान में सरकारी कर्मचारियों के काम करने के घंटों में कटौती कर दी गई और कराची समेत विभिन्न शहरों में कारखानों से लेकर शॉपिंग मॉल तक जल्दी बंद करने के आदेश दिए गए। इसके अलावा लोगों को शादी समारोह रात 9 बजे तक खत्म करने की सलाह दी गई है। रात 9 बजे के बाद गैर जरूरी स्ट्रीट लाइटों तक को बंद कर दिया जाएगा।
परंतु पाकिस्तान में यह तो बिजली संकट अभी आसानी से टलने नहीं वाला। जुलाई में भी पाकिस्तान की जनता को बिजली कटौती की वजह से समस्याओं का सामना करना पड़े। इसको लेकर स्वयं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चेतावनी दी है। बीते दिनों अपने एक बयान में पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि देश को जुलाई में भी बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि फिलहाल आवश्यक तरलीकृत प्राकृतिक गैस LNG की आपूर्ति नहीं मिल पाई है। सरकार ने सौदा करने के प्रयास किए, लेकिन फिलहाल सहमति नहीं बन पाई।
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आर्थिक तंगी के बीच अब बिजली का संकट
गौरतलब है कि पाकिस्तान में LNG से बड़े पैमाने पर बिजली का उत्पादन होता है। पाकिस्तानी सरकार फिलहाल अगले महीने के लिए LNG का सौदा नहीं कर पाई। इसको लेकर रिफाइनिटिव डेटा की रिपोर्ट बताती है कि बिजली उत्पादन के लिए LNG खरीदने में पाकिस्तानी सरकार को संघर्ष करना पड़ रहा है। इसकी वजह है विश्व में बढ़ती LNG की मांग और इसकी कीमत में इजाफा होना। आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को LNG खरीदने में समस्या हो रही है।
यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि बिजली के मामले में पाकिस्तान चीन पर काफी अधिक निर्भर है। चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत चीन की 30 बिजली कंपनियां पाकिस्तान में प्रवेश कर चुकी है। मई 2022 में ही चीनी कंपनियों द्वारा पाकिस्तान को 300 अरब डॉलर चुकाने की चेतावनी दी थीं। कंपनियों द्वारा कहा गया था कि अगर पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया तो वो बिजली सप्लाई बंद करके पूरे पाकिस्तान को अंधेरे में डूबा देगा। चीनी कंपनियों द्वारा यह धमकी तब दी गई जब बढ़ती गर्मी की वजह से पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा उत्पादन बढ़ाने का दबाव का बनाया गया। बिजली आपूर्ति का भुगतान करने में पाकिस्तान की असमर्थता के बाद चीनी बिजली कंपनियों ने कई संयंत्र बंद कर दिए। इसके बाद पाकिस्तान का बिजली संकट अपने चरम पर पहुंच गया।
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यानी चीन जो पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त होने का ढोंग रचता है, उसने ही अब पाकिस्तान को अंधेरे में डुबने के लिए मजबूर कर दिया। वैसे चीन की तो यह आदत ही रही है कि वो पहले गरीब और पीड़ित देशों के साथ दोस्ती करता है। उन्हें अपने कर्ज के चुंगल में फंसा लेता है और फिर पूरी तरह से बर्बाद कर देता है। चीन के इन षडंयत्र का शिकार होकर श्रीलंका होकर दिवालिया हो चुका है। इसके बाद अब पाकिस्तान जल्द ही दूसरा श्रीलंका बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है।
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