मार्गरेट अल्वा ने साबित कर दिया कि क्यों वो विपक्ष की उपराष्ट्रपति पद की बेहतरीन उम्मीदवार हैं?

अल्वा अगर थोड़ी और कोशिश करती तो वो यशवंत सिन्हा को पछाड़कर राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बन सकती थीं

Margaret Alva

जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखि तिन तैसी। अब जिसको 2+2= 5 ही देखने हैं उसे कभी 2+2= 4 दिख ही नहीं सकते। मार्गरेट अल्वा उसी 2+2= 5 वाली कैटेगरी की महिला हैं जो सांसद रहीं, राज्यपाल रहीं और अब संयुक्त विपक्ष की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार भी हैं। इतने लंबे अंतराल में ये सरल गणित न समझ पाने वाली मार्गरेट अल्वा जिस हिसाब से आरोप-प्रत्यारोपों की झड़ी लगा रही हैं उनसे इससे अधिक और कुछ अपेक्षित भी नहीं था। अब जिस पार्टी के चश्मोचिराग को “पप्पू” की संज्ञा दी गयी हो उसके नेताओं से अच्छी बौद्धिक क्षमता का अनुमान लगाना हास्यास्पद ही होगा।

इस लेख में जानेंगे कि कैसे अब अल्वा के हालिया बयानों को देखकर साफ पता चलता है कि “अबोध मार्गरेट अल्वा विपक्ष के लिए सबसे अच्छी पसंद साबित हो रही हैं।”

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उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा का ट्वीट

दरअसल, विपक्ष की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने सोमवार को कहा कि वह अपने फोन से कॉल करने या कॉल प्राप्त करने में असमर्थ हैं। अल्वा ने आगे सरकार के स्वामित्व वाली दूरसंचार ऑपरेटर एमटीएनएल से वादा किया कि वह भाजपा, टीएमसी या बीजू जनता दल के किसी भी सांसद को अब फोन नहीं करेंगी अगर आज रात तक MTNL उनकी फोन सेवा बहाल करता है। अल्वा ने ट्विटर पर महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) से एक संचार पोस्ट किया जिसमें कहा गया था कि उनका एमटीएनएल KYC निलंबित कर दिया गया है और उनका सिम कार्ड 24 घंटे के भीतर बंद कर दिया जाएगा।

संचार को टैग करते हुए, अल्वा ने कहा, “प्रिय बीएसएनएल/एमटीएनएल आज भाजपा में कुछ दोस्तों से बात करने के बाद मेरे मोबाइल पर सभी कॉलों को डायवर्ट किया जा रहा है और मैं कॉल करने या कॉल प्राप्त करने में असमर्थ हूं।”

इस आरोप को दरकिनार किया जाना संभव नहीं था तो MTNL ने भी खेला कर दिया। MTNL ने मार्गरेट अल्वा के ट्वीट पर प्रतिक्रिया और जवाब देते हुए कहा कि “चूंकि आदरणीय महोदया, एमटीएनएल कभी भी व्हाट्सएप/एसएमएस/कॉल आदि पर ई-केवाईसी नहीं मांगता है, एमटीएनएल अलर्ट सभी जीएसएम ग्राहकों को इस प्रकार के ईकेवाईसी एसएमएस/व्हाट्सएप/कॉल से बचने के लिए संदेश भेजकर, क्योंकि इससे किसी प्रकार की धोखाधड़ी हो सकती है, इसलिए अब आप ऐसे ई-केवाईसी संदेशों को अनदेखा करें।”

दिल्ली पुलिस ने बीते दिनों इसी फ्रॉड पर आगाह करते हुए कहा था कि, “सावधान!  धोखाधड़ी की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है जिसमें @MTNLOfficial के नाम और लोगों का उपयोग साइबर धोखाधड़ी करने के लिए किया जा रहा है। गोपनीय जानकारी प्राप्त करने के लिए मोबाइल ग्राहकों को केवाईसी अपडेशन के बहाने बदमाशों से व्हाट्सएप संदेश प्राप्त होते हैं।”

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यह फ्रॉड करने का नया तरीका है

सत्य तो यह है कि यह संदेश स्पैम से कम नहीं था, यह फ्रॉड करने का नया तरीका है। KYC के नाम पर निजी जानकारी हथियाने के लिए यह सब किया जाता है। यह चलन इन दिनों आम हो गया है जिसे मार्गरेट अल्वा ने राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया।

अब इसे अबोध बालक वाली हरकत कहें या जान के अनजान बनने की प्रवृत्ति, बीते दिन विपक्ष की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने रविवार को अपने प्रचार अभियान के तहत विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संपर्क किया ताकि वे चुनाव में पक्ष-विपक्ष सबकी सहायता प्राप्त कर सकें। इसी चुनाव प्रचार को लेकर मार्गरेट पहुंची असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के पास और इसकी जानकारी कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर के जरिए शेयर की। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “श्रीमती @alva_margaret ने आज 1, पंडित रविशंकर शुक्ल लेन में अपने चुनाव कार्यालय का कार्यभार संभाला। उन्होंने अपने उपराष्ट्रपति प्रचार अभियान के हिस्से के रूप में असम, कर्नाटक और दिल्ली के मुख्यमंत्री से बात की। उनके लंबे राजनीतिक करियर और जुड़ाव को देखते हुए बातचीत बहुत सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण थी।”

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बस फिर क्या था, कांग्रेस नेता के ट्वीट का जवाब देने और कांग्रेस का भ्रम तोड़ने में हिमंता बिस्वा सरमा ने अधिक देर नहीं लगायी। उन्होंने ट्वीट कर जवाब दिया कि “श्रीमती @alva_margaret ने आज सुबह मुझसे बात की। मैंने विनम्रता से उनसे कहा कि मैं निर्वाचक मंडल का सदस्य नहीं हूं। इसलिए भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव में मेरी कोई भूमिका नहीं है।”

बात तो सही ही थी, जब राज्य सभा चुनावों में किसी राज्य के मुख्यमंत्री या विधानसभा सदस्य की कोई भूमिका ही नहीं थी तो काहे फोन कर समर्थन मांगने के लिए गयीं मार्गरेट अल्वा? अब इसके तुरंत बाद यह सत्ता पक्ष पर हमलावर होने वो भी एक ऐसे सर्वविदित विषय पर जिसे फ्रॉड कहा जाता है, बिल्कुल प्रदर्शित करता है कि “अबोध मार्गरेट अल्वा विपक्ष के लिए सबसे अच्छी पसंद साबित हो रही हैं।”

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