अब प्रवर्तन निदेशालय की रडार पर भी ‘हिन्दू विरोधी’ मोहम्मद ज़ुबैर

हमने तो पहले ही कहा था कि इस बार लंबा जाएगा ज़ुबैर!

Mohammed Zubair

SOURCE TFIPOST.in

इधर के किए का इधर ही भोगना पड़ता है। कथित सच की प्रतिमूर्ति, फैक्ट चेक का पुरोधा महामानव मोहम्मद ज़ुबैर अब लंबे समय तक जेल भ्रमण पर रहेंगे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर का सरकारी सत्कार बढ़ता ही जा रहा है। धार्मिक भावनाओं को आहत करने और वैमनस्यता को बढ़ावा देने के आरोपी जुबैरे पर अब मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत भी शिकंजा कसा जाने लगा है।

मोहम्मद ज़बैर हिंदुओं के विरुद्ध एजेंडा चलाता है और कथित फैक्ट चेकर वेबसाइट Alt News का सह-संस्थापक है। यह वेबसाइट शुरू से ही फैक्ट चेक के नाम पर अपने प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देते आयी है। लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि अब मोहम्मद जुबैर के बुरे दिन शुरू हो चुके हैं और नफरती बीज बोने वाले इस कुंठित व्यक्ति की लंका लगने का शुभारंभ भी हो चुका है।

मुहम्मद पर ईडी का शिकंजा

दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मोहम्मद जुबैर के बैंक खाते का विवरण मांगा है जिसे हिंदू भावनाओं को आहत करने और फिर सबूतों को हटाने का प्रयास करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। रिपोर्टों के अनुसार, ED ने दिल्ली पुलिस से एफआईआर और रिमांड के कागजात भी मांगे हैं। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए जुबैर के बैंक खाते के विवरण की जांच करेगा। ईडी के अनुसार वो मोहम्मद ज़ुबैर के खाते में लेनदेन के माध्यम से जांच करेंगे। यदि उन्हें सबूत मिलते हैं, तो मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच और कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी।

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ज्ञात हो कि कथित फैक्ट चेकर वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को दिल्ली पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने और वैमनस्यता को बढ़ावा देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। जुबैर की गिरफ्तारी उसके फेसबुक अकाउंट से कई हिंदू फोबिक पोस्ट वायरल होने के कुछ दिनों बाद हुई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट से FIR के विरुद्ध याचिका रद्द होने के पश्चात मोहम्मद ज़ुबैर ने आश्चर्यजनक रूप से अपना फ़ेसबुक अकाउंट डिलीट कर दिया था। हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने के लिए कुख्यात ज़ुबैर ने पहले कई ट्वीट किए और बाद में डर के कारण वो ट्वीट डिलीट कर दिए पर कानून का शिकंजा कसता ही चला गया। फिलहाल, जुबैर गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस की हिरासत में है और उसे गुरुवार को उसके इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स बरामद करने के लिए बेंगलुरु ले जाया गया था।

और तो और एफसीआरए मंजूरी न होने के बाद भी ऑल्ट न्यूज़ के रेजरपे गेटवे पर पाकिस्तान और सीरिया से मिल रही फंडिंग को कोर्ट में उचित ठहराते हुए ज़ुबैर के वकील ने बात को बदलते हुए कहा कि, “वह फंडिंग कंपनी अर्थात प्रावदा मीडिया को हुई है न की सीधे मोहम्मद ज़ुबैर को।”

जुबैर के बैंक खाते में 50 लाख से अधिक का हुआ है लेनदेन

यह विदित हो कि इससे पहले दिल्ली पुलिस ने सूचित किया था कि मोहम्मद जुबैर के बैंक खाते में पिछले कुछ दिनों में 50 लाख से अधिक का लेनदेन हुआ था। अब यह भी स्वाभाविक है कि ऐसे में इतनी बड़ी रकम का लेन देन यूंही नहीं हो जाता, इसलिए इसको जांच के दायरे में लाते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों और संलिप्तता की जांच के लिए ईडी ने अपने काम को शुरू कर दिया है। पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने टिप्पणी की है कि, “हमारे पास सबूत हैं कि पिछले कुछ दिनों में उनके खाते का उपयोग करके 50 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन किया गया है, जिस पर हम गौर करेंगे।”

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कहते हैं, जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदते हैं, कभी-कभी वे स्वयं उसी गड्ढे में गिर जाते हैं और इसके लिए मोहम्मद ज़ुबैर से बड़ा उदाहरण इस समय कोई और हो ही नहीं सकता। फेक न्यूज का पर्दाफाश करने के नाम पर हिन्दू देवी देवताओं को निरंतर अपमानित करने वाले Alt News के सह संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर कानूनी एजेंसियों का शिकंजा जिस प्रकार से कसता जा रहा है कि उसकी जेल की कहानी अब लंबी होती जाएगी क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग और ED की एंट्री ने केस को और नये आधार दे दिए हैं जो ज़ुबैर के लंबे जेल-टूर की तस्दीक करता है।

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