राष्ट्रपति चुनाव में बुरी तरह पराजित होने के बाद अब विपक्ष उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत पाने के लिए हरसंभव प्रयास करता नज़र आ रहा है। इन्हीं प्रयासों के बीच विपक्ष की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने रविवार को अपने प्रचार अभियान के तहत विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संपर्क किया ताकि वे चुनाव में पक्ष-विपक्ष सबकी सहायता प्राप्त कर सकें। इसी चुनाव प्रचार को लेकर मार्गरेट पहुंची असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के पास और इसकी जानकारी कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर के जरिए शेयर की। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “श्रीमती @alva_margaret ने आज 1, पंडित रविशंकर शुक्ल लेन में अपने अभियान कार्यालय का कार्यभार संभाला। उन्होंने अपने उपराष्ट्रपति अभियान के हिस्से के रूप में असम, कर्नाटक और दिल्ली के मुख्यमंत्री से बात की। उनके लंबे राजनीतिक करियर और जुड़ाव को देखते हुए बातचीत बहुत सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण थी।”
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Smt. @alva_margaret took charge of her campaign office at 1,Pt Ravi Shankar Shukla Lane today. She spoke to CM Assam, CM Karnataka, & CM Delhi as part of her Vice Presidential campaign. The conversations were very cordial & friendly given her long political career & associations.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 24, 2022
शायद द्रौपदी मुर्मु को जिस तरह विपक्ष से भी समर्थन मिला वही समर्थन कांग्रेस मार्गरेट के लिए भी जुटाना चाह रही है। साथ ही जिस तरह राष्ट्रपति चुनाव ने विपक्ष की एकता को तार-तार कर दिया है शायद वैसा ही कुछ कांग्रेस करना चाह रही थी लेकिन उसके सभी इरादे फेल होते दिख रहे हैं। कांग्रेस नेता के ट्वीट का जवाब देने और कांग्रेस का भ्रम तोड़ने में हिमंता बिस्वा सरमा ने अधिक देर नहीं लगाई। उन्होंने ट्वीट कर जवाब दिया, “श्रीमती @alva_margaret ने आज सुबह मुझसे बात की। मैंने विनम्रता से उनसे कहा कि मैं निर्वाचक मंडल का सदस्य नहीं हूं। इसलिए भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव में मेरी कोई भूमिका नहीं है।”
Smt. @alva_margaret spoke to me this morning. I politely told her that I'm not a member of the electoral college. As such I have no role in the election of Vice President of India. https://t.co/u8WX6vbpKY
— Himanta Biswa Sarma (Modi Ka Parivar) (@himantabiswa) July 24, 2022
हिमंता सरमा ने बहुत ही विनम्र शब्दों में जो कहा उसका अर्थ था कि भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा किया जाता है जिसमें मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं। इस चुनाव में राज्य के सीएम और विधानसभाओं की कोई भूमिका नहीं है। अंततः उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मार्गरेट, जो राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलने जा रही हैं और उनसे संपर्क कर रही हैं वह उनके काम नहीं आने वाला क्योंकि मुख्यमंत्रियों का इस चुनाव में कोई भाग ही नहीं होता।
लेकिन शायद मार्गरेट अल्वा हिमंता की इस बात को नहीं समझ सकीं। सरमा के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए मार्गरेट अल्वा ने कहा, “उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने अभियान के हिस्से के रूप में मैं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से संपर्क कर रही हूं। श्री सरमा एक पुराने दोस्त हैं और हमने उनके लिए काफी समय तक साथ काम किया है। संसद में 30 वर्ष काम करने के बाद मुझे पता है कि निर्वाचक मंडल क्या होता है। हालांकि, हमने अच्छी बातचीत की!”
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As part of my campaign for VP, I’m reaching out to leaders from across political parties. Mr Sarma is an old friend & we’ve worked together long enough for him to know that after 30 yrs. in Parliament, I know what constitutes the electoral college. We had a nice chat though! https://t.co/LZ8ogBWEpT
— Margaret Alva (@alva_margaret) July 24, 2022
बता दें कि हिमंता बिस्वा सरमा असम के ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिनके लिए असम ने 70 वर्ष से ज्यादा का इंतजार किया है। असम का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने राज्य के विकास के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं और कई बड़े कदम उठाए हैं। साथ ही अपने बेबाक और तथ्यात्मक बोल से वो विपक्षियों की बखिया भी उधेड़ते आए हैं। इस बार मजे मजे में ही उन्होंने विपक्ष को उपराष्ट्रपति चुनने की प्रक्रिया को ट्विटर पर ही समझा दिया है। ध्यान देने वाली बात है कि भारत का उपराष्ट्रपति बनने के लिए एक नियम यह भी है कि इस पद का उम्मीदवार भारत का वासी हो लेकिन यह वही मार्गरेट अल्वा हैं जिन्होंने CAA/NRC के विरोध में कहा था कि वो अपनी कागज़ नहीं दिखाएंगी लेकिन अब जब वो उपराष्ट्रपति के चुनाव में खड़ी हैं तो ऐसे में उन्हें अपने उन शब्दों से पलटना भी होगा और पेपर भी दिखाने ही होंगे! वहीं, दूसरी ओर एनडीए ने अपने पाले से बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। उपराष्ट्रपति का चुनाव 6 अगस्त को होगा और नतीजे भी उसी दिन घोषित किए जा सकते हैं।
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