अपने वंश को आगे बढ़ाने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते, ऐसे में जब बात आती है अंबानी परिवार की, तो ये प्रश्न और अधिक महत्व रखता है। जब रिलायंस जियो जैसा महत्वपूर्ण उद्योग आकाश अंबानी को दिया जाने लगा, तो कई लोगों को ऐसा प्रतीत हुआ कि कहीं मुकेश अंबानी धीरुभाई अंबानी वाली भूल तो नहीं करने जा रहे, क्योंकि ये इसे एक फलते फूलते वृक्ष के रूप में उनकी पुत्री ईशा अंबानी ने स्थापित किया।
परंतु योग्यता कभी भी अनदेखी नहीं की जी सकती, और ये बात मुकेश अंबानी से बेहतर कौन जान सकता है? ऐसे में इतना तो स्पष्ट है कि मुकेश ईशा अंबानी को रिटेल उद्योग की विरासत सौंपना चाहते हैं, जिसके लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। यूं कहिए मुकेश अंबानी अपनी बेटी ईशा अंबानी के लिए रिटेल जगत को सजा रहे हैं। वो कैसे? इसकी ओर संकेत देते हुए फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कैसे ईशा को रिटेल की विरासत सौंपी जाएगी।
रिपोर्ट के अंश अनुसार, “मार्केट कैप के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस (Reliance) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) नई पीढ़ी को कारोबारी जिम्मदारी सौंपने पर तेजी से काम कर रहे हैं। बेटे आकाश अंबानी को रिलायंस जियो (Reliance Jio) की कारोबारी जिम्मेदारी सौंपने के बाद अब बेटी ईशा अंबानी को रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) की जिम्मेदारी दी जाएगी, और ईशा को रिलायंस की रिटेल यूनिट का चेयरमैन बनाया जाएगा। इसका ऐलान जल्द ही हो सकता है। अभी ईशा रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड की डायरेक्टर है”।
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तो इससे क्या होगा? इससे काफी कुछ होगा, और हो भी रहा है, यदि आप अन्य गतिविधियों पर विशेष ध्यान दे तो। उदाहरण के लिए भारत के सबसे बड़े रिटेलर रिलायंस रिटेल ने चर्चित अमेरिकी फैशन ब्रांड गैप (Gap Inc.) के साथ फ्रेंचाइजी समझौता किया है। इस डील के तहत रिलायंस रिटेल भारत में गैप के सामानों के लिए आधिकारिक खुदरा विक्रेता बन गई है। यह डील इसलिए भी अहम है क्योंकि जल्द ही रिलायंस रिटेल की कमान मुकेश अंबानी की इकलौती बेटी ईशा अंबानी को मिलने वाली है।
अब रिलायंस रिटेल स्पेशल ब्रांड स्टोर, मल्टी-ब्रांड स्टोर एक्सप्रेशन और डिजिटल कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए भारतीय उपभोक्ताओं के लिए गैप की लेटेस्ट फैशन प्रोडक्ट पेश करेगी। बता दें कि अमेरिकी कंपनी गैप की स्थापना 1969 में सैन फ्रांसिस्को में की गई थी। इस कंपनी के साथ रिलायंस रिटेल ने लॉन्ग टर्म की डील की है। वहीं, अगर रिलायंस रिटेल रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी है। यह सभी रिटेल फर्म की होल्डिंग कंपनी है। रिलायंस रिटेल ने पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 26.3 बिलियन डॉलर का कारोबार किया है। वहीं, 931 मिलियन डॉलर का शुद्ध लाभ दर्ज किया है।
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ये तो कुछ भी नहीं है। ईशा इस क्षेत्र में कितनी योग्य, इसका अंदाजा आप तनिक थोड़े से शोध से ही लगा सकते हैं। अगर मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो दिया है [जिसमें भी ईशा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है], तो ईशा ने ई-कॉमर्स में चर्चित साइट AJIO दिया है, जो MYNTRA, FLIPKART, एवं Amazon तक को टक्कर देने की स्थिति में आ चुका है, जबकि इसका सृजन 2017 में ही हुआ था। सोचिए, यदि इन्हों रिलायंस का सम्पूर्ण रिटेल विभाग संभाल लिया, तो क्या होगा।
अभी पिछले ही हफ्ते UK स्थित चर्चित सैंडविच एवं कॉफी चेन Pret a Manger ने Reliance Retail के साथ संधि की। इसके स्पष्ट निशाना है Starbucks and Café Coffee Day, जिन्हे न केवल प्रसिद्धि मिली है, अपितु वे युवावर्ग के बीच काफी लोकप्रिय भी हैं। परंतु जैसे जियो ने एक झटके में सभी का ग्राहक बेस बड़ी ही आसानी से, बिना किसी विशेष समस्या के प्राप्त किया था, उसी पद्वति पर चलते हुए अब ईशा अंबानी इस क्षेत्र में अपना सिक्का जमाने को तैयार है, और इसमें सबसे अधिक प्रसन्नता किसी को होगी तो वो केवल एक व्यक्ति को – मुकेश धीरुभाई अंबानी।
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