‘उदयपुर आतंकी घटना को महिमामंडित करने वाला कंटेट हटाएं सोशल मीडिया कंपनियां’

सिर्फ कंटेट हटवाने से काम नही चलेगा सरकार, कार्रवाई भी होनी चाहिए।

Social Media and Udaipur killing

Source- Google

कानून का काम कानून को ही करने दिया जाए तो ज्यादा सही है। स्वयं में जज बनकर फन्ने खां बनने वाले वर्ग को केंद्र सरकार ने कड़ा संदेश दिया है। उदयपुर में हुई एक दर्ज़ी कन्हैया लाल की नृशंस हत्या के बाद राज्य समेत देशभर में रोष का माहौल है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक नोटिस में सोशल मीडिया मंचों को उदयपुर में हुई नृशंस हत्या को बढ़ावा देने, महिमामंडित करने या इसे उचित ठहराने वाली सामग्री को हटाने के लिए कहा है। उदयपुर हत्याकांड को जायज ठहराने वाली सामग्री को हटाने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों को दिए गए निर्देश निश्चित रूप से मोदी सरकार का एक साहसिक कदम है।

दरअसल, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने शुक्रवार को सार्वजनिक किए गए एक नोटिस में कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को उदयपुर में नृशंस हत्या को प्रोत्साहित, महिमामंडित या उचित ठहराने वाली सामग्री को हटाने की जरूरत है। राजस्थान के उदयपुर के रहने वाले कन्हैया लाल की मंगलवार को दो हत्यारों रियाज अख्तरी और घोष मोहम्मद ने हत्या कर दी थी। बेशर्मी की हद इतनी थी कि दोनों ने “सिर काटने” की जिम्मेदारी लेते हुए अपराध का एक भयानक वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया था।

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यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गई  और वीडियो देखते ही देखते वायरल हो गया। जिसके बाद देशभर में आक्रोश चरम पर पहुंच गया और उग्रता बढ़ने की संभावना बढ़ गई। इसके बाद उस जिहादी तत्वों की जुबान भी खुल गई जो हमेशा से ऐसे आरोपियों को शह देते रहे हैं। नूपुर शर्मा के समर्थन में आने के परिणामस्वरूप  कन्हैया लाल को मौत के घाट उतार देना इस जिहादी समूह के लिए गौरव की बात है। इस कृत्य को जायज ठहराते हुए कई तत्व अपनी निकृष्टता को सोशल मीडिया पर दर्शाते हुए इसके समर्थन में पढ़-लिख और बोल रहे थे। इससे वर्तमान सामाजिक माहौल में अव्यवस्था फैलने की आशंकाएं बढ़ती जा रही थी।

इसके परिणामस्वरूप सरकार ने सभी संदर्भित सोशल मीडिया कंपनियों को लाइनहाज़िर कर उन्हें नोटिस थमा दिया कि “सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से उदयपुर में हुई नृशंस हत्या को बढ़ावा देने और महिमा मंडित करने या इसे उचित ठहराने वाली सामग्री को तुरंत हटाए।” ध्यान देने वाली बात है कि 28 जून को एक दर्ज़ी कन्हैया लाल की रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद ने चाकू से सिर कलम कर हत्या कर दी थी। इसके बाद उन्होंने सिर काटने की जिम्मेदारी लेते हुए अपराध का एक भयानक वीडियो सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया था। सरकार की और से कहा गया कि सोशल मीडिया पर ऑनलाइन अपलोड किए गए वीडियो के अलावा कई ऐसे उदाहरण भी सामने आए हैं जहां हत्या का महिमामंडन किया गया या उसे सही ठहराया गया।

सरकार ने इसपर कहा कि इस नोटिस के माध्यम से आपको (सोशल मीडिया कंपनियों को) तत्काल यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि सुरक्षा और विश्वास के अपने दायित्व के हिस्से के रूप में आप टेक्सट मैसेज, ऑडियो, वीडियो, फोटो या किसी भी रूप में पोस्ट ऐसी सामग्री को तुरंत हटा दें। ऐसी सामग्री को हटाए जाने की जरूरत है ताकि सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी तरह की गड़बड़ी और व्यवधान को रोका जा सके और लोक शांति और सद्भाव को बहाल किया जा सके। ज्ञात हो कि नृशंस हत्या का वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया गया था और सोशल मीडिया हैंडल और अकाउंट द्वारा हत्या का महिमामंडन करने और उसे सही ठहराने के कई उदाहरण सामने आए थे। ऐसे में सरकार ने अपने कर्तव्य को निभाते हुए वैमनस्यता वाला वातावरण न बने ऐसा सुनिश्चित करने हेतु सभी सोशल मीडिया तंत्रों को नोटिस भेज उक्त घटना से जुडी पोस्ट पर कार्रवाई करने के त्वरित निर्देश दिए हैं जो कि एक सराहनीय कदम है।

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