इस्लामिस्ट चुन-चुनकर हिंदुओं को मार रहे हैं और दुनिया मूकदर्शक बनी है

वामपंथियों का 'वैश्विक इकोसिस्टम' मुंह पर ताला जड़ कर बैठा है!

Crime Scene

Source- TFIPOST.in

भारत इस्लामिक कट्टरता का शिकार हो रहा है। जिहादी मानसिकता वाले कट्टरपंथी निर्दोष हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बना रहे है। नुपूर शर्मा के बयान की आड़ लेकर इस्लामिस्ट देश में खून-खराबा मचा रहे हैं। राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैला लाल की मौत ने पूरे देश को भीतर तक हिलाकर रख दिया। पूरी घटना को लेकर केवल एक ही प्रश्न हर किसी के मन में उठ रहा है कि आखिर कन्हैया लाल की गलती क्या थी, जो इन कट्टरपंथियों द्वारा बड़ी ही बेरहमी से उनको मौत के घाट उतार दिया गया?

कन्हैया लाल के लड़के द्वारा उनके फोन से केवल नुपूर शर्मा के समर्थन में गलती से पोस्ट हो गया था। इसके बाद से ही इस्लामिस्ट उनके खून के प्यासे हो गए थे। उनको जान से मारने की धमकी मिलने लगी। मामला पुलिस तक पहुंचा और विवाद सुलझाने के प्रयास हुए। परंतु इन कट्टरपंथी ने मन ही मन ठान लिया था कि इन्हें कन्हैया लाल की जान लेकर ही सुकून मिलेगा और इन्होंने किया भी कुछ ऐसा ही।

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निरंतर ऐसे मामले सामने आ रहे है

हालांकि कन्हैया लाल का मामला ऐसा इकलौता नहीं, जिसमें इस्लामिस्टों द्वारा किसी बेगुनाह की यूं बेरहमी से जान ली गई हो। बल्कि ऐसी ही एक दर्दनाक घटना को इससे एक हफ्ते पूर्व भी अंजाम दिया गया था महाराष्ट्र के अमरावती में। दरअसल, अमरावती में 54 वर्षीय केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या हुई थीं। उमेश कोल्हे ने नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट फॉरवर्ड किया था और इस कारण ही सरेराह उनकी चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी गई।

घटना 21 जून की है। रात करीब दस बजे उमेश अपने घर जा रहे थे, तो इसी दौरान कट्टरपंथियों ने बीच रास्ते में उन पर हमला कर दिया। उनकी जान लेने वाला कोई और नहीं बल्कि उमेश का ही एक करीबी दोस्त था। बताया जा रहा है कि उमेश कोल्हे ने जिन व्हाट्सएप ग्रुप में नूपुर शर्मा से संबंधित पोस्ट शेयर किए थे, उसमें आरोपी डॉ. यूसुफ खान भी शामिल था। युसूफ ने उस ग्रुप से स्क्रीन शॉट निकाला और उसे अपने मुस्लिम सदस्यों वाले ग्रुपों में पोस्ट किया। इसके बाद उनकी हत्या की साजिश रची गई।

कमलेश तिवारी तो आपको याद होंगे ही, जिन्हें आज से तीन वर्ष पूर्व इन इस्लामिस्टों ने घर में घुसकर मार दिया था। अब उनकी पत्नी भी इन कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गई है। दरअसल, उदयपुर में हुई घटना के बाद कमलेश तिवारी की पत्नी किरण को जान से मारने की धमकी मिली है। जानकारी के मुताबिक किरण को उनके कमरे में उर्दू में लिखा हुआ चिट्ठी मिली, जिसमें लिखा है कि तुम्हारे पति को जहां भेजा है, तुमको भी वही पहुंचा देंगे।

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मूकदर्शक बना वामपंथी और पश्चिमी मीडिया

इसके अलावा उदयपुर घटना के विरोध में जो लोग आवाज उठा रहे है, उन्हें भी इन कट्टरपंथियों द्वारा मारने की धमकियां दी जा रही है। ऐसी ही धमकी मशहूर रियलिटी टीवी शो ‘रोडीज’ की एक्स कंटेस्टेंट निहारिका तिवारी को मिली है। दरअसल, निहारिका ने उदयपुर घटना की निंदा की थीं। जिसके बाद कट्टरपंथियों द्वारा उन्हें धमकी देकर कहा गया- “तू उल्टी गिनती शुरू कर, अब तेरी बारी है।“ इन घटनाओं से साफ है कि कैसे जिहादी देश में हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाने के प्रयासों में जुटे है। परंतु इस दौरान एक और चीज है, जिस पर शायद अपना ध्यान ना गया हो। वो है इन मामलों पर दुनिया के तमाम देशों की चुप्पी।

दुनिया के कई देश ऐसे है, जिन्हें भारत के मामलों में बेहद ही दिलचस्पी रखते है। देश में अगर किसी अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े लोगों को खरोंच भी आ जाए तो वामपंथी के साथ पश्चिमी मीडिया और तमाम देश भारत को मानवाधिकार पर ज्ञान देना शुरू कर देते है। अखलाक मॉब लिंचिंग मामले में देखने मिला था कि कैसे इस मुद्दे को पूरी दुनिया में जोर-शोर से उठाया गया था। अखलाख के साथ जो कुछ हुआ, वो गलत था । परंतु क्या अब भारत में जो हिंदुओं के साथ हो रहा है, वो गलत नहीं है? जिस तरह से कट्टरपंथी हिंदुओं को टारगेट कर रहे है क्या वो गलत नहीं है? तो फिर क्यों वामपंथी के साथ भारत को ज्ञान देने वाली पश्चिमी मीडिया से लेकर तमाम देश इन घटनाओं पर चुप्पी साधे हुए है और मूकदर्शक बनकर पूरा तमाशा देख रहे है? यह तो इनके दोहरे रवैये को ही दर्शाता है।

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