जयशंकर ने एक साथ राहुल गांधी, चीन और पिनराई विजयन तीनों को पटक-पटक कर धोया

'कम बोलो लेकिन बोलो तो ऐसा बोलो कि सामने वाले की बत्ती गुल हो जाए', जयशंकर से आप यह सीख सकते हो!

Jaishankar and jinping

Source- TFIPOST HINDI

एस जयशंकर जब से विदेश मंत्री बने हैं तब से भारत की विदेश नीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। भारत आज हर मुद्दे पर मुखर होकर बेबाकी से अपनी बातें रख रहा है। किसी भी वैश्विक शक्ति के दबाव के आगे अब भारत झुकता नहीं है। देश अब अमेरिका जैसे देशों को भी उसके अंदाज में जवाब देने की क्षमता रखता है। यही कारण है कि अब वैश्विक देश भी भारत की विदेश नीति की सराहना करने में लगे हैं। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने कुछ समय पहले अपने एक बयान में भारत की कुशल विदेश नीति की खूब सराहना की थी। जहां एक ओर दुश्मन देश भारत की विदेश नीति की तारीफ करते नजर आ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर भारत में ऐसे भी लोग हैं जो देश की विदेश नीति पर सवाल खड़े करते हैं। अब ऐसे कुंठित लोगों को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब दिया गया है।

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जयशंकर ने राहुल को पटक-पटक कर धोया

दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में ट्वीट करते हुए दावा किया कि भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ बढ़ रही है। राहुल गांधी के इन आरोपों का जयशंकर ने कुछ ऐसा जवाब दिया कि एक तीर से उन्होंने कई निशाने साध लिए। विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि मोदी सरकार की विदेशी नीति में सुरक्षा को पहली प्राथमिकता दी गई है। भारत-चीन सीमा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में हम यह सुनिश्चित करने में बहुत स्पष्ट और प्रभावी रहे हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर मौजूदा स्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा कोशिश को ‘बर्दाश्त’ नहीं किया जाएगा।

जयशंकर ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा, “उनके ट्वीट में मुझे कुछ खास नया नहीं दिखा। आप सभी को मालूम है कि हमारी समस्या का एक बड़ा हिस्सा 1962 में लद्दाख समेत भारत के बड़े हिस्से पर चीन द्वारा कब्जा कर लिया था। इनमें से कई रणनीतिक क्षेत्र हैं जो स्पष्ट तौर पर हमारे सीमा बलों के लिए चुनौतियां पैदा करते हैं।“ उन्होंने राहुल गांधी को जवाब देते हुए नेहरू द्वारा 1962 में की गई ‘हिमालयी भूल’ की याद दिलाई और यह भी स्पष्ट किया कि भारत-चीन के बीच मौजूदा विवाद का एक कारण यह भी है।

राहुल गांधी को दिए गए इस जवाब के जरिए विदेश मंत्री ने चीन को भी कड़ा संदेश दे दिया है। उन्होंने चीन को चेतावनी देते हुए यह साफ किया कि सुरक्षा ही मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और LAC पर यथास्थिति को बदलने के किसी भी तरह के एकतरफा प्रयास को भारत बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत का हमेशा से एक ही रुख रहा है और वो इस पर अडिग रहा है। अपने इस बयान के माध्यम से जयशंकर ने बता दिया है कि चीन LAC पर किसी भी तरह की हिमाकत दिखाने का प्रयास न करें क्योंकि भारत ऐसी हरकतों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।

पिनराई विजयन भी लपेटे में

इस दौरान एस जयशंकर से एक प्रश्न यह भी किया गया कि क्या विदेशों में भारत की छवि दयालु और सौम्य से असहिष्णु में बदल गई। इस सवाल पर जयशंकर ने कहा कि यह हकीकत नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे कोविड महामारी के दौरान भारत ने एक दयालु राष्ट्र के तौर पर कई देशों की सहायता की। अपने यहां चुनौतियों से निपटने के साथ उन देशों को भी हमने टीके उपलब्ध कराए जिनके लिए इनकी पहुंच मुश्किल थी।

आपको बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिनों के केरल दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को भी अपने अंदाज में करारा जवाब दिया है। ज्ञात हो कि केरल के सीएम ने विदेश मंत्री के इस दौरे को ‘राजनीतिक यात्रा’ बताते हुए उन पर कटाक्ष करने के प्रयास किए थे। मुख्यमंत्री विजयन ने जयशंकर के दौरे को लेकर कहा था कि विदेश मंत्री को विदेश मामलों की देखभाल करनी होती है लेकिन वो कझाकूट्टम में एक फ्लाईओवर देखने आए हैं। इसे राजनीतिक लेंस के माध्यम से देखा जा सकता है क्योंकि चुनाव आने वाले हैं। उन्होंने जयशंकर का यह दौरा लोकसभा चुनाव 2024 से प्रेरित बताया।

जयशंकर ने विजयन के कटाक्ष पर जवाब देते हुए कहा कि लोगों को इतना असुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए। उन्होंने केरल के सीएम पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि क्या उन्होंने राज्य का दौरा किया जिससे जमीन पर क्या हो रहा उसे बेहतर ढंग से समझ सके। अगर यह राजनीति से प्रेरित है तो मुझे लगता है कि मेरी राजनीतिक प्रेरणा और उनकी राजनीतिक प्रेरणा अलग हो सकती हैं।

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