Jug Jug Jeeyo के बाद भी अगर बॉलीवुड बड़ा नहीं हुआ तो इसका कुछ नहीं हो सकता

भारतीय लोगों को अब ‘कुछ-कुछ होता है’ टाइप फ़िल्में नहीं बल्कि RRR टाइप फ़िल्में चाहिए !

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व्यक्ति अगर अपनी गलतियों से सीख नहीं लेता है तो उससे बड़ा मुर्ख कोई नहीं हो सकता है। भारतीय फिल्म उद्योग जितना विख्यात है उससे के कई ज़्यादा अपने कामों से हासिल रिकॉर्ड के लिए जाना जाता है। यूँ तो भारतीय फिल्म उद्योग के अंतर्गत बॉलीवुड से लेकर तमिल फिल्म उद्योग आ गया पर यह विडंबना है कि आज बॉलीवुड के मुकाबले अन्य देश के भाषाई फिल्म उद्योग अपने काम के लिए जाने जा रहे हैं। हास्यास्पद बात यह है कि कहानी और नए विचारों के अकाल से जूझ रहे बॉलीवुड को तमिल फिल्मों की कहानी से अपने यहाँ फ़िल्में बनानी पड़ रही हैं। ऐसे में अब सबसे बड़ा सबक बॉलीवुड के लिए उसके सामने खड़ा है कि आज के समय में उसकी स्थिति कहाँ है? क्या वाकई में जुग-जुग जियो जैसी फ़िल्में एक फ्लॉप गेम के अतिरिक्त कुछ हैं भी?

हाल ही में रिलीज़ हुई जुग जुग जियो फिल्म के आंकड़ों की बात करें तो फिल्म समीक्षक तरण आदर्श ने हाल ही में रिलीज़ हुई जुग जुग जीयो के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के बारे में जानकारी देते हुए लिखा कि, फिल्म ‘जुग-जुग जियो’ ने रिलीज के 10वें दिन कमाल का प्रदर्शन करते हुए बॉक्स ऑफिस पर 6.10 करोड़ का कलेक्शन किया है। जिसके तहत बॉलीवुड सुपरस्टार वरुण धवन और कियारा आडवाडी की इस फिल्म का टोटल कलेक्शन 67.54 करोड़ के पास पहुंच गया है। मालूम हो कि इस दूसरे सप्ताह की शुरूआत से ही ‘जुग जुग जियो’ ने अपनी कमाई की रफ्तार को आगे ही रखा है। ट्विटर पर भारत से बाहर हुए कलेक्शन को जानकारी में तरण आदर्श ने लिखा कि, “#JugJuggJeeyo असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है #वैश्विक रूप से दूसरे शनिवार तक कुल … #ऑस्ट्रेलिया में $ 576,677, न्यू ज़ीलैण्ड में $ 160,472 #UK में: £ 285,965 #उत्तरी अमेरिका में $1.5 मिलियन को पार कर जाएगा।

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यह सर्वविदित है कि,जब जब करण जौहर की फिल्म आई है उसमें तिल का ताड़ और अर्थ का अनर्थ, महिमामंडन और भारतीय परंपराओं  मात्र भी न जुड़ाव होता है और न ही उनको सही ढंग से पेश किया जाता है। ऐसे में इस फिल्म में भी कुछ ऐसा ही होना था, कहीं छिटपुट हिन्दू धर्म और उनकी रीति-नीति पर तंज दिखे तो कहीं तलाक से जुड़े संदर्भों को महिमामंडित करके दिखाया। इस फिल्म का बजट 85 करोड़ था और यह लगभग दो हफ्ते में ही 67 करोड़ की कमाई करने में सफल रही।

अब वो कमाई न हो जिसका लक्ष्य हो तो इसका ठीकरा भी तो कहीं न कहीं फोड़ना ही था। वरुण धवन ने इसका ठीकरा फोड़ने के लिए पश्चिमी प्रभाव का सहारा लिया। अभिनेता वरुण धवन का कहना है कि हिंदी सिनेमा में पारिवारिक फिल्मों की संख्या में बड़े पैमाने पर गिरावट आई है, क्योंकि बॉलीवुड पश्चिमी सिनेमा से काफी हद तक ‘‘प्रभावित”  है। धवन ने कहा कि “फिल्म उद्योग महामारी के दौरान एक और संक्रमण के दौर में है, जहां हर कोई उन फिल्मों के बारे में अनिश्चित है जो बॉक्स ऑफिस पर काम करेंगी।हमने बड़े पैमाने पर, मसाला पारिवारिक मनोरंजन बनाना बंद कर दिया है क्योंकि हम पश्चिमी सिनेमा से बहुत अधिक प्रभावित हैं… शुरुआत में, कोई नहीं जानता कि किस प्रकार की फिल्म काम करेगी। फिर भी हर सप्ताह हम ज्ञान देते हैं कि यह काम करता है, वह काम करता है।’’

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अब प्रतिस्पर्धा और बढ़ गई है

अब चूंकि करण जौहर से वरुण धवन का विशेष जुड़ाव रहा है, उन्हें पहली फिल्म में कास्ट करने वाले भी जौहर ही थे तो वरुण ने धर्मा प्रोडक्शन के लिए कहा कि प्रोडक्शन हाउस और ‘जुग जुग जीयो’ के उनके सह-कलाकार अनिल कपूर और कियारा आडवाणी हमेशा पारिवारिक मनोरंजन से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘धर्मा पारिवारिक मनोरंजन में विश्वास करता है। करण जौहर इस शैली में विश्वास करते हैं और उन्होंने हमेशा किया है। मैं इस शैली में विश्वास करता हूं, मैंने हमेशा ऐसी फिल्म की हैं… मेरा करियर इसी पर आधारित है। अनिल कपूर और कियारा भी इसमें विश्वास करते हैं।’’

निश्चित रूप से यह वरुण की निजी राय हो सकती है पर जब महिमंडन और परिकल्पना शास्वत सत्य पर हावी हो जाए, अब चिंता का विषय बढ़ जाता है। यह सच है कि आज का दर्शक कुछ भी देखना पसंद नहीं करता है, उसे चाहिए कि उसके सामने मनोरंजन के नाम पर परोसे जा रहे कंटेंट में वास्तव में मनोरंजन हो, न कि दो मुंही बातें और एकतरफा दृश्य। ऐसा होने पर या तो दर्शक आपसे हमेशा के लिए कट जाएगा। अब इसी कोरोनाकाल को ही देख लें तो पता चलता है कि तथ्यों से जुडी “द कश्मीर फाइल्स” ने सिनेमा खुलते ही धागा खोल दिया था। ऐसे में कंटेंट में दम है तो सोना निखर के ही बाहर आएगा और नहीं है तो फिर पस्त हो जाएगा, क्योंकि प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है और OTT अपनी जड़ें पसार चुका है।

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