आमिर खान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ रिलीज़ होने से पहले ही फ्लॉप हो गई!

इ तो शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया!

Amir khan

Source- TFI

कभी सुई की नोक से जहाज को डूबने से बचाया है? कभी झाड़ू के तिनके से तूफान को रोकने का प्रयास किया है? यदि नहीं तो बॉलीवुड में आपका स्वागत है, जहां अभी भी कुछ भोले मानूस को लगता है कि वे आमिर खान की अपकमिंग फिल्म लाल सिंह चड्ढा को बॉक्स ऑफिस पर डूबने से बचा लेंगे। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे लाल सिंह चड्ढा रिलीज़ होने से पहले ही फ्लॉप हो चुकी है और कैसे उसके लिए स्वयं उसके निर्माता ही दोषी हैं।

कोई माने या न माने परंतु ‘बॉयकॉट बॉलीवुड’ के निशाने पर यदि सबसे अधिक कोई रहा है तो वो हैं आमिर खान, जिसके लिए उन्होंने भरपूर मसाला भी दिया है। वर्ष 2015 में ही महाशय ने कहा था कि उनकी धर्मपत्नी को इस देश में रहने में खतरा महसूस होता है क्योंकि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है। तभी से लोगों ने आमिर के विरुद्ध बॉयकॉट की तलवारें बुलंद कर ली और दंगल के बहिष्कार का निर्णय किया था। अब वो अलग बात थी कि फिल्म को भारतीय बॉक्स ऑफिस पर 300 करोड़ का लाभ मिला जबकि उसने चीन में लगभग 1400 करोड़ का कलेक्शन किया था।

वो कहते हैं न कि सब्र का फल सदैव मीठा होता है। अगले ही वर्ष आमिर खान लेके आ गए ‘सीक्रेट सुपरस्टार’। रोल भले ही छोटा था परंतु भूमिका तो थी ही और वो इस फिल्म के निर्माता भी थे। परंतु महोदय ने एक गड़बड़ भी कर ली। वो सीधे दीपावली पर अजय देवगन से भिड़ गए और परिणाम यह हुआ कि ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ को ‘गोलमाल अगेन’ के मुकाबले अपने बजट निकालने के भी लाले पड़ गए थे।

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परंतु जो गलतियों से सीख ले वो आमिर खान कहां? वो अगले ही वर्ष लेकर आ गए ठग्स ऑफ हिंदोस्तान, जो देश के सबसे बहुप्रतीक्षित फिल्मों में से एक थी। बड़े स्केल पर लॉन्च की गई, बड़े सितारों से सुसज्जित इस फिल्म को देखकर लगा कि ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ अब गर्दा उड़ाएंगे परंतु हुआ ठीक उल्टा। फिल्म इतनी खराब और सुस्त निकली कि 50 करोड़ का ओपनिंग लेने के बाद अगले ही दिन औंधे मुंह गिरने लगी और देश के सबसे सफलतम सितारों में से एक आमिर खान शीघ्र ही देश के सबसे असफल सितारों की श्रेणी में आ गए। परंतु प्रश्न तो अब भी वही है – लाल सिंह चड्ढा में ऐसा क्या है कि वह रिलीज़ से पूर्व ही फ्लॉप हो गई? सर्वप्रथम तो इस फिल्म के रिलीज़ डेट इतने बदले गए कि लोगों में इसके प्रति तनिक भी उत्सुकता नहीं रही। सवाल तो यह भी है कि रिलीज़ डेट तो Rocketry, KGF, RRR, Vikram इत्यादि के भी बहुत बदले गए परंतु उन्होंने जनता में कैसे उत्सुकता बनाए रखा?

बस असल समस्या तो यहीं पर है। अगर कंटेंट में दम हो तो आप किसी से भी भिड़ने को तैयार हो जाए जैसे “विक्रम” ने किया। पर जो आमिर खान अपने सामने किसी को टिकने नहीं देते थे, वो मात्र एक उभरते हुए कन्नड़ स्टार यश की फिल्म ‘KGF’ के द्वितीय संस्करण से इतने भयभीत हो गए कि उन्होंने एक नहीं, दो बार अपनी रिलीज़ डेट बदली, पहले फरवरी में और फिर अप्रैल में। यह कैसे मिस्टर परफेक्शनिस्ट हैं जिन्हें अपनी फिल्म और कहानी पर ही भरोसा नहीं है? और कहानी यहीं खत्म नहीं होती। अभी न पिक्चर रिलीज़ हुई, न कुछ कलेक्शन का पता और पहले ही तय हो गया कि लाल सिंह चड्ढा OTT पर फिल्म रिलीज़ के 6 महीने बाद प्रदर्शित होगी। सच पूछिए तो लाल सिंह चड्ढा शुरू होने से पहले ही खत्म हो चुकी है। ये वास्तव में अगर अच्छी फिल्म होती तो इतनी बार इसकी रिलीज़ डेट न बदली जाती और न ही स्क्रीन होर्डिंग की ओर ध्यान देती। परंतु इतनी नौटंकी के बाद जब शमशेरा न बच पाई तो आमिर खान की क्या हस्ती?

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