भारत का लघु और कुटीर उद्योग यानी MSME को लेकर एक ऐसा वक्त था जब कहा जाता था कि अब देश यह सेक्टर लगभग खत्म हो चुका है क्योंकि इस सेक्टर के लिए भारत में आर्थिक स्थिति हद से ज्यादा खराब हो रही थी। संक्षेप में कहें तो MSME को भारत में उस बीमार खरगोश के रुप में देखा जाता था जिसकी धीरे-धीरे मौत हो रही है लेकिन उस सेक्टर को न केवल बचाया गया है बल्कि उसे इतनी शक्ति दे दी गई है कि आज की स्थिति में वही MSME सफेद हाथी बन गया है और भारत का MSME सेक्टर देश की जीडीपी में अपना अहम योगदान दे रहा है।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोटे उद्योगों को आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक नीतिगत बदलाव करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि MSME सेक्टर सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ‘उद्यमी भारत’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोटे उद्यमियों को सरकार को सामान की सप्लाई के लिए जीईएम पोर्टल (GeM Portal) पर खुद को रजिस्टर करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि “मैं एमएसएमई क्षेत्र को बधाई देता हूं। हमने देश के हर जिले और हिस्से में अपने अद्वितीय स्थानीय उत्पादन को वैश्विक बनाने का संकल्प लिया है। MSME क्षेत्र को विकसित करने पर ध्यान दिया जा रहा है। 500 करोड़ से अधिक रूपये को डिजिटल रूप से 18,000 MSME को हस्तांतरित किया गया है।”
In easier words, if India earns Rs 100 today, Rs 30 comes because of our MSME sector… for us, MSME means – maximum support to Micro, Small & Medium Enterprises… I urge all our MSMEs to register on GeM portal. The government will be able to buy your products: PM Modi pic.twitter.com/qnqGFmEoyI
— ANI (@ANI) June 30, 2022
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सफलता के झंडे गाड़ रहा MSME
पीएम मोदी ने MSME सेक्टर की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत (AatmaNirbhar Bharat) के लिए एमएसएमई बहुत जरूरी है। MSME सेक्टर ने पिछले 8 साल में आत्मनिर्भर भारत को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने आगे कहा कि अगले हफ्ते तक GeM पोर्टल पर 1 करोड़ नए रजिस्ट्रेशन देखकर उन्हें खुशी होगी।
पीएम ने MSME का जीडीपी में योगदान बताते हुए कहा कि आसान शब्दों में कहें तो अगर भारत आज 100 रुपये कमाता है, तो 30 रुपये हमारे एमएसएमई क्षेत्र के कारण आता है। हमारे लिए एमएसएमई का अर्थ है – सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को अधिकतम समर्थन। मैं अपने सभी एमएसएमई से जीईएम पोर्टल पर पंजीकरण करने का आग्रह करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र को मजबूत करने के लिए पिछले आठ वर्षों में बजट में 650 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है। मोदी ने कहा, “अगर कोई उद्योग विकास करना चाहता है, विस्तार करना चाहता है, तो सरकार न केवल उसका समर्थन कर रही है, बल्कि नीतियों में आवश्यक बदलाव भी कर रही है।” पीएम ने बताया कि खादी ग्रामोद्योग का कारोबार पहली बार एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है और पिछले आठ वर्षों में खादी की बिक्री चार गुना बढ़ गई है।
मोदी सरकार के सार्थक कदमों का दिख रहा है असर
गौरतलब है कि MSME की यह तस्वीर अचानक नहीं बदली है इसके पीछे केंद्र सरकार की कड़ी मेहनत है। इसके लिए मोदी सरकार की ही क्रेडिट गारंटी योजना ने एमएसएमई ऋण खातों को 1.8 लाख करोड़ रुपयों को NPA से बचाने में मदद की है। एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार एसके घोष ने इस साल जनवरी में ही कहा था कि लगभग 14% बकाया एमएसएमई क्रेडिट (पुनर्गठन के 2% सहित) को ईसीएलजीएस योजना के कारण NPA में फिसलने से बचा लिया गया। ध्यान देने वाली बात है कि SBI की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 13.5 लाख एमएसएमई खातों में से लगभग 93.7% सूक्ष्म और लघु श्रेणी में हैं इसलिए सबसे कमजोर उद्यम इस योजना के प्रमुख लाभार्थी रहे हैं। यह योजना वर्ष 2020 में लॉन्च की गई थी और आज इसका बड़ा फायदा देखने को मिल रहा है। इस योजना के बजट को करीब 41,600 करोड़ किया गया था। ऐसे में कोविड के समय सरकार द्वारा MSME सेक्टर के लिए शुरू की गई योजनाओं के कारण ही आज MSME सेक्टर एक हाथी बन गया है जो कि निश्चित तौर पर देश की मोदी सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
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