डिकोड: खालिस्तानी कार्यकर्ता के लिए बॉरिस जॉनसन फड़फड़ा क्यों रहे हैं?

कितना भी फड़फड़ा लो कुछ नहीं होना

boris johnson

SOURCE GOOGLE

कहते हैं कि किसी को आवश्यकता से अधिक भाव दे दो तो वो आसमान में उड़ने लगता है, इस समय ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के लिए ये शब्द सटीक जान पड़ते हैं। दरअसल, भारत में उनका भव्य स्वागत किया गया लेकिन अपने देश पहुंचते-पहुंचते उनके मानो सुर ही बदल गये।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पहली बार ब्रिटिश सिख कार्यकर्ता की हिरासत को लेकर भारत पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने मनमाने ढंग से ब्रिटिश सिख कार्यकर्ता जगतार सिंह जोहल उर्फ ​​जग्गी जोहल को दिल्ली की एक जेल में “मनमाने ढंग से हिरासत में” लिया है और उन्होंने इस साल अप्रैल में अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस मुद्दे को “व्यक्तिगत रूप से” उठाया था।

और पढ़ें- बोरिस जॉनसन ने रोकी BBC की फंडिंग, अब कटोरा लेकर करना प्रोपोगैंडा

बोरिस जॉनसन के पत्र की हो रही है चर्चा

ब्रिटिश अखबार द गार्डियन का कहना है कि उसने बोरिस जॉनसन के उस पत्र को देखा है जिसमें उन्होंने ये बात लिखी है। जॉनसन का ये पत्र विपक्षी लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर के नाम है। दरअसल, कीर ने ही जॉनसन से जगतार सिंह के संबंध में प्रश्न किया था जिसके बाद पीएम ने उन्हें पत्र लिखा। पत्र में जॉनसन ने यह भी कहा कि ब्रिटिश अधिकारियों ने नवंबर 2017 में जोहल की नजरबंदी के बाद से “जोहल के इलाज और निष्पक्ष सुनवाई के उनके अधिकार” के मुद्दे को भारत सरकार के साथ लगभग 100 बार उठाया है।

लेकिन यह जोहल है कौन जिसके लिए ब्रिटिश सरकार इतनी तड़पती जा रही है? आइए जानते हैं। जगतार सिंह जोहल (34) ब्रिटेन के नागरिक हैं और स्कॉटलैंड के डंबर्टन के रहने वाले हैं। उनके परिवार के अनुसार, जोहल एक ऑनलाइन कार्यकर्ता थे और उन्होंने भारत में सिख धार्मिक अल्पसंख्यकों के कथित उत्पीड़न का डॉक्यूमेंटेशन करने वाली एक पत्रिका और वेबसाइट में योगदान दिया था।

जब जोहल शादी करने भारत आए तब आरएसएस नेता ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) जगदीश गगनेजा सहित दूसरी लक्षित हत्याओं में उनकी कथित भूमिका के लिए उन्हें 4 नवंबर, 2017 को पंजाब पुलिस ने जालंधर से गिरफ्तार किया था। ये हत्याएं प्रतिबंधित आतंकी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) द्वारा की गयी थी जिसमें जोहल ने भी अपनी भूमिका निभायी थी। वर्तमान में वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।

भारत में जग्गी जोहल के विरुद्ध कुल 11 मामले दर्ज किये गये हैं जिनमें से आठ की जांच एनआईए, दो पंजाब पुलिस और एक दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा की जा रही है। सभी मामलों में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है।

और पढ़ें- बोरिस जॉनसन को भारत-रूस की दोस्ती से कोई समस्या नहीं है, वैसे और ऑप्शन ही क्या था ?

संयुक्त राष्ट्र के कार्यकारी समूह के द्वारा क्या कहा गया?

इस साल की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र के कार्यकारी समूह ने एक रिपोर्ट में कहा था कि जोहल का 2017 में “अपहरण” किया गया था और उन्हें “प्रताड़ित” किया गया था, यह कहते हुए कि उनके मामले की जांच करने वाली जांच एजेंसियां ​​​​उनके विरुद्ध कोई साक्ष्य दे पाने में विफल रही हैं। संयुक्त राष्ट्र समूह ने भी जोहल की गिरफ्तारी को “मनमाना” और “मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया था। इसने “अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार मुआवजे और अन्य क्षतिपूर्ति” के साथ उनकी तत्काल रिहाई की भी मांग की। उसकी गिरफ्तारी के बाद से ही ब्रिटेन में जोहल का परिवार उसकी रिहाई के लिए पैरवी कर रहा है। उनके भाई गुरप्रीत सिंह जोहल हाल ही में डनबार्टन में स्कॉटिश स्थानीय चुनाव में लेबर काउंसलर चुने गए थे।

2017 में उसकी गिरफ्तारी के बाद पंजाब पुलिस ने दावा किया था कि जोहल ने एक इकबालिया बयान में फ्रांस में हरमिंदर सिंह उर्फ ​​मिंटू से मिलने और उसे 3000 पाउंड देने की बात स्वीकार की थी।

हालांकि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों के लिए ऐसी सहानुभूति कोई नई बात तो नहीं है लेकिन इस बार जिस तरह से बोरिस सहानुभूति की वर्षा करने में लगे हैं इससे हैरानी तो होती ही है। भारत का इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया होगी यह देखने वाली बात है। क्या बोरिस का यह पत्र भारत के साथ उनके संभवत अच्छे संबंध को अतीत बना देगा?

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Exit mobile version