शमशेरा फ़िल्म समीक्षा: रणबीर कपूर की फ़िल्म देखने से अच्छा है 3 घंटे चैन की नींद ले लो

इतनी घटिया फ़िल्म कोई कैसे बना सकता है?

ShamShera

Source- TFIPOST.in

हम सभी को पता था कि इस फिल्म का क्या हाल होने वाले हैं, पर ऐसा? राम राम। एक विश्लेषक ने तो बिल्कुल ही सटीक विश्लेषण दिया है – बाहुबली के दोनों वर्जन + RRR + KGF + ठग्स ऑफ हिंदोस्तान + मंगल पांडे = शमशेरा

आखिर क्यों इन्ही फिल्मों के कारण हमारे दर्शक भर-भर के बहुभाषीय भारतीय सिनेमा की ओर आकर्षित हो रहे हैं। आप एक दर्शक है और एक फिल्म में आप क्या चाहोगे, कि वो मनोरंजन से परिपूर्ण हो, अच्छी हो, परिवार के साथ देखने योग्य हो, और अगर हो सके तो समाज को एक अच्छा संदेश दे सके। परंतु शमशेरा इन सभी मोर्चों पर फिसड्डी सिद्ध हुई है। ‘संजू’ के लगभग 4 वर्ष बाद इस फिल्म से वापसी कर रहे रणबीर कपूर के कंधों पर ये फिल्म ही नहीं, लगभग सम्पूर्ण बॉलीवुड टिका हुआ था, पर अगर आपको घूम फिरके ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ ही परोसनी थी, तो उसका सीक्वेल ही बना देते, इस नौटंकी पर 150 करोड़ बर्बाद करने की क्या आवश्यकता थी?

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यह कोई मज़ाक नहीं है, घूम फिरके शमशेरा हांडी की वो अधपकी बिरयानी है, जिसकी बदबू अब तक लोगों के नाक के बाल को सड़ा देने के लिए पर्याप्त है। अगर आप के फिल्म के सीन को देख ‘KGF’ की याद आए, तो क्षमा कीजिएगा, इसे इनोवेशन नहीं, कॉपीवेशन कहते हैं, और फिर पूछते हैं कि हमें कोई सीरियसली क्यों नहीं लेता?

परंतु यह नौटंकी यहीं पर खत्म नहीं होती। चलो एक बार ये मान लेते है कि फिल्म खराब थी, मज़ा नहीं आया, लेकिन अगर फिल्म में जहर भी भरा हो, तो वो स्वीकार्य नहीं, और यहाँ तो नेक्स्ट लेवल का जहर है। अभी कल ही चर्चा हुई थी कि अंग्रेज़ कैसे ‘RRR’ में अपने चित्रण को देखकर त्राहिमाम कर उठे थे, परंतु अगर शमशेरा को देख लेते, तो उनका हाल तो कुछ ऐसा ही होता।

शमशेरा के अनुसार अंग्रेज़ तो बड़े धर्मप्रिय, न्यायप्रिय शासक हैं, जिन्हे भारतीयों से कोई द्वेष नहीं। असल दोषी तो क्रूर, उच्च जाति के हिन्दू हैं, जिन्हे पिछड़ी जातियों का शोषण करने में बड़ा मज़ा आता है, और उन्ही के कारण देश अंग्रेज़ों का गुलाम बन गया है। यदि शुद्ध सिंह जैसे क्रूर लोग न होते, तो देश सदैव स्वतंत्र रहता। सच कहें तो शमशेरा बुरी होगी ये सब को पता था, परंतु इतनी बुरी और विषैली, इसका लेशमात्र भी किसी को अंदाजा नहीं रहा होगा। अगर आपके समय हो, और जीवन में कुछ अच्छा करना है, तो आप ‘रॉकेट्री’ देख लो, या फिर OTT पे ‘पंचायत’ से लेकर कुछ भी देख लो, पर इस जहर को मत देखना, बर्बाद हो जाओगे, और इसीलिए बॉलीवुड बर्बाद हो जाएगा।

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