28 जुलाई को संसद में क्या हुआ था?
सोनिया गांधी और स्मृति ईरानी बवाल की इनसाइड स्टोरी
सोनिया गांधी के साथ सच में धक्का-मुक्की हुई ?
या फिर
स्मृति ईरानी के साथ धक्का-मुक्की करने की थी योजना?
सोनिया गांधी और ईकोसिस्टम ने फैलाया ‘पल्प फ़िक्शन’?
लोकसभा में मैडम सोनिया गांधी, रमा देवी से बहुत प्यार से बात करने गई थीं. बिल्कुल ऐसे मानो कोई कवि अपनी कविता से बात कर रहा हो. इस बातचीत में स्मृति ईरानी ने खलल डाल दिया, स्मृति ईरानी मैडम सोनिया गांधी पर चिल्लाने लगी, तभी भाजपा के सभी नेता आ गए और उन्होंने अकेली खड़ी बूढ़ी औरत सोनिया गांधी के साथ धक्का-मुक्की करने की कोशिश की.
यही पढ़ रहे होंगे ना आप यही सोशल मीडिया पर लिखा जा रहा है. कितना अच्छा लगता है ना इसे पढ़ने में बूढ़ी औरत, भाजपा के गुंडें, मजा आ जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे पल्प फ़िक्शन या फिर लुगदी साहित्य कहते हैं। अब आप कहेंगे लुगदी साहित्यभला क्या बला है? तो आपको बताते हैं लुगदी साहित्य उन साहित्यिक किताबों को कहते हैं जिन्हें पढ़ने में मज़ा आता है. हिंदी में कई बड़े लुगदी साहित्यकार हुए हैं. वेद प्रकाश शर्मा और सुरेंद्र मोहन पाठक एक दौर में इनकी किताबों की दिवानगी देखते ही बनती थी. बहुत मजेदार लिखते थे. तथ्यहीन, यथार्थहीन, तर्कहीन, सबकुछ हीन लेकिन मजेदार बिल्कुल वैसे ही जैसे स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी की कहानी मीडिया आपको सुना रहा है.
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संसद के मॉनसून सत्र में
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के घटिया बयान पर हंगामा मचा था. अधीर रंजन चौधरी ने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को राष्ट्रपत्नी बोला था. स्मृति ईरानी इस घटिया बयान के लिए अधीर रंजन चौधरी और सोनिया गांधी पर हमलावर थी. विपक्षी पार्टियां हमेशा की तरह हंगामा कर रही थी. बस हंगामा, हंगामा और हंगामा.
भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई. सभी नेता लोकसभा से बाहर निकलने लगे. उसी वक्त सोनिया गांधी अपनी सीट से उठकर बड़े ही एटीट्यूड के साथ सत्ता पक्ष की सीटों की तरफ जाने लगीं. सोनिया गांधी भाजपा सांसद रमा देवी की सीट के पास पहुंची. रमा देवी की सीट के पास ही स्मृति ईरानी की सीट है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अपनी सीट पर बैठी हुईं थीं. सोनिया गांधी, रमा देवी से अधीर रंजन चौधरी के बयान को लेकर बोलने लगीं. सोनिया गांधी ने कहा कि अंधीर रंजन ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली है.
स्मृति ईरानी भी वहां बैठीं थी. उन्होंने सुना कि अधीर रंजन चौधरी के बयान पर बात हो रही है. इसी विषय पर ही तो वो अभी बोल रही थीं. स्मृति ईरानी ने बहुत सरलता और सम्मान के साथ कहा, ‘Madam, may I help you? I took your name.’ इसका अर्थ हुआ, ‘मैडम, क्या मैं आपकी कुछ मदद कर सकती हूं? मैंने आपका नाम लिया है?’ बस, स्मृति ईरानी ने इतना कहा और मैडम तो भड़क गईं, आंखें लाल करके, जबड़ा मसोसकर, दांत भिंचते हुए ऊंगली स्मृति ईरानी की तरह दिखाते हुए चीख पड़ीं, ‘Don’t Dare to talk to me’ इसका अर्थ हुआ, ‘मुझसे बात करने की हिम्मत मत करो।’
सोनिया गांधी ने जैसे इस बात को बोला उससे साफ दिखाई दे रहा था कि वो धमका रही हैं. वही हुआ भी तुंरत कांग्रेस के कई नेता वहां इकठ्ठा हो गए. यह सब कांग्रेसी तेजी से चीखने लगे वही अंग्रेजी हाऊ डेयर यू टाइप माहौल ऐसा हो गया था कि किसी भी वक्त कांग्रेसी नेता स्मृति ईरानी के साथ धक्का-मुक्की कर सकते थे. तब तक भाजपा के कुछ सांसद भी आ गए और उनके साथ रमा देवी और स्मृति ईरानी वहां से बाहर निकल गई.
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तो यह हुआ था 28 जुलाई को लोकसभा में और हां, यही सत्य है क्योंकि यह पूरी जानकारी टीएफ़आई को उस वक्त लोकसभा में मौजूद ही किसी शख्स ने दी है. हम उसका नाम सार्वजनिक नहीं कर सकते लेकिन हमारा सूत्र वही शख्स है. अब आप इस सच्चाई को उस पल्प फ़िक्शन के साथ रखकर देखिए. मां काली को अपशब्द कहने वाली महुआ मोइत्रा हो, महाराष्ट्र में सत्ता गंवाने वाले स्वयंभू चाणक्य की बेटी सुप्रिया सुले हों या फिर मैडम राष्ट्रपति को राष्ट्रपत्नी कहने वाले अधीर रंजन चौधरी हो. इन लोगों ने जो कहानी आपको सुनाई है वो पल्प फ़िक्शन यानी लुगदी साहित्य था. सच तो हमने आपको बता दिया, लेकिन इसके बाद भी कुछ सवाल बच जाते हैं.
हार रही कांग्रेस की बौखलाहट चरम पर है
सवाल यह कि क्या अब सोनिया गांधी अपने इस बुरे व्यवहार और षड्यंत्र के लिए स्मृति ईरानी से माफी मांगेगी? सवाल यह भी कि जब लोग कांग्रेस पार्टी को ख़त्म करने पर तुले हैं और उसे वोट नहीं देते तो फिर ऐसे में क्या फ्रस्टेट होकर कांग्रेस अध्यक्षा कुछ भी करेंगी? सवाल यह भी है कि लोकतंत्र में मैडम सोनिया गांधी स्वयं को तोप क्यों समझती हैं? हम जानते हैं कि आप इंदिरा गांधी की बहू हैं, लेकिन आप यह कब जानेंगी कि लोकतंत्र में हर किसी की जवाबदेही होती है? देश के सर्वोच्च पद पर बैठी हुई महिला के लिए नेता विपक्ष ऐसा घटिया बयान देता है और आप कोई कार्रवाई क्यों नहीं करती? जब सवाल पूछे जाते हैं तो भड़क जाती हैं.
कई सवाल हैं- सवाल यह भी है कि क्या सोनिया गांधी इस देश के कानून से ऊपर हैं? जब ईडी उनसे पूछताछ करती हैं तो वो भड़क जाती हैं. कांग्रेस के बचे-खुचे कार्यकर्ताओं को सड़कों पर उतार देती हैं. दूसरी तरफ सवाल यह भी है कि क्या कांग्रेस पार्टी राजनीति में इतनी नीचे गिर गई है कि वो स्मृति ईरानी की बेटी पर कुछ भी फर्जी आरोप लगा दे, लेकिन अब दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में कांग्रेस नेताओं पर डंडा चला दिया है. हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि “जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने स्मृति ईरानी की बेटी के विरुद्ध जो भी कंटेट सोशल मीडिया पर डाला है उसे 24 घंटे के अंदर हटाएं। अगर वो नहीं हटाते हैं तो सोशल मीडिया कंपनी इन्हें हटाएंगी.”
इसके साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों कांग्रेसी नेताओं को समन भी किया है. इन सभी स्थितियों से एक बात तो बिल्कुल साफ है कि सभी चुनावों में बुरी तरह से हार रही कांग्रेस की बौखलाहट चरम पर है और उसे पल्प फ़िक्शन से निकलकर यथार्थ का सामना करना पड़ेगा नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब कांग्रेस इतिहास की बात होगी।
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