सत्यम् शिवम् सुन्दरम् के साथ वापसी कर रहा है पुराना दूरदर्शन, ‘स्वराज’ उसी का संकेत है

असली 'स्वराज' में वीर सावरकर भी हैं और चंद्रशेखर आज़ाद भी।

DD National, Swaraj

Source- TFIPOST HINDI

दूरदर्शन की आगामी सीरीज स्वराज का प्रोमो रिलीज हो चुका है और उसे देखने के बाद यह प्रतीत हो रहा है कि इसी दिन के लिए तरस गए थे हमारे देशवासी. एक तरफ कंटेंट के नाम पर निरंतर वोक संस्कृति का ओवरडोज़ और भारतीय संस्कृति का अपमान हमें जबरदस्ती परोसा जा रहा था तो दूसरी ओर सिनेमा में कुछ भी नया देखने को नहीं मिल रहा था और टीवी, विशेषकर दूरदर्शन तो मानो अंतिम सांस लेने की दिशा में आगे बढ़ चुका था. परंतु वो कहते हैं, सबै दिन न होत एक समान. अब स्थिति में परिवर्तन आ चुका है और अब दूरदर्शन जोरदार वापसी करे को तैयार है. इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे नवीन धारावाहिक ‘स्वराज’ दूरदर्शन की धमाकेदार वापसी का स्पष्ट संकेत है.

हाल ही में प्रसार भारती ने अपने तेवर और अपनी शैली में व्यापक परिवर्तन करते हुए एक नया लोगो दिखाया एवं उसी के साथ एक नए सीरीज की घोषणा भी कर दी जिसका नाम है- “स्वराज”. जैसा कि पूर्व के रिपोर्ट में बताया गया था कि इस सीरीज़ के बारे में काफी अटकलें थी परंतु अब इसकी पुष्टि भी हो चुकी है और यह शीघ्र ही 14 अगस्त से रात 9 बजे से डीडी नेशनल पर प्रसारित होगा.

और पढ़ें: संस्कृति मंत्रालय ने वीर सावरकर पर निकाला पत्र, उसमें जो लिखा है वो आपको अवश्य जानना चाहिए

दूरदर्शन ने घोषणा की है कि वे स्वराज नाम से जल्द ही एक भव्य सीरीज लेकर सामने आने वाले हैं. ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत निर्मित होने वाले सीरीज स्वराज को प्रसार भारती एवं Contiloe Pictures निर्मित करेंगी और 75 एपीसोड्स का यह धारावाहिक भारत के उस कालखंड पर प्रकाश डालेगा, जब वास्को डी गामा ने इसका भ्रमण किया था यानी 1498 से 1947 तक, पुर्तगाली से लेकर मुगल, अंग्रेज इत्यादि, सभी प्रकार के आक्रमणकारी, उनके द्वारा किये गए अत्याचारों और उनसे लोहा लेने वाले अनेक वीर जिन्हें वामपंथी इतिहासकारों ने कभी सामने ही नहीं आने दिया, उनका अब सम्मान सहित वर्णन होगा.

इसका एक ट्रेलर भी जारी किया गया है जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज, लाला लाजपत राय, रानी लक्ष्मीबाई, स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर, चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस का चित्रण देखने को मिल रहा है, जो आज से पूर्व शायद ही कभी आपको एक साथ देखने को मिला होगा और नेहरू को ट्रेलर में उतनी ही इज्जत मिली है जितनी इज्जत आकाश चोपड़ा की कमेंटरी को सोशल मीडिया पर मिलती है. परंतु बात यहीं तक सीमित नहीं रहती, अगर आपने दूरदर्शन के नए लोगो को ध्यान से देखा होता. अब आपको देखने को मिल रहा होगा कि दूरदर्शन का पुराना लोगो, सत्यम शिवम् सुंदरम् पुनः वापसी कर चुका है. परंतु सवाल यह भी है कि उसे हटाया क्यों गया था?

ये कैसे? एक समय ऐसा भी था जब रामायण को मूल स्वरूप में दिखाने के लिए ही उसे प्रतिबंधित करने हेतु एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा था. तत्कालीन कांग्रेस सरकार ‘रामायण’ तक को सेक्युलर के तौर पर दिखाने पर तुली थी और ऐसा न करने पर वे रामानंद सागर के विश्व प्रसिद्ध शो को बीच में बंद करने की धमकियां भी देते थे. रामानंद सागर के पुत्र और फिल्मकार प्रेम सागर अपनी पुस्तक में बताते हैं कि तत्कालीन दूरदर्शन के निदेशक भास्कर घोष ने मांग की थी कि रामायण को ‘थोड़ा और धर्मनिरपेक्ष बनाना चाहिए’ ताकि दूरदर्शन पर ध्रुवीकरण के आरोप न लगे. वो और बात है कि जनसमूह के आगे सेक्युलरिज्म की एक न चली.

ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि ‘स्वराज’ जैसे सीरीज लाकर दूरदर्शन दशकों पुरानी अपनी भूल को सुधारेगा भी और भारत के वास्तविक नायकों को उनका सम्मान भी देगा. अब देश के वास्तविक नायकों की जय होगी और सम्मान उसी को मिलेगा जो योग्य है, उसे नहीं, जिसकी सत्ता होगी!

और पढ़ें: कांग्रेस के राज में दूरदर्शन ने राम मंदिर के उल्लेख को बैन करना चाहा था, और रामायण को ‘सेक्यलर’ बनाना चाहा था

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Exit mobile version