ब्रिटेन एक ऐसा देश जो खुद को सभ्यता की मिसाल समझता है। जो समझता है कि कैसे चलना चाहिए, बात करने के तौर-तरीके, किस तरह उठना बैठना और खाना चाहिए, यह सब पूरी दुनिया को उसी से सीखने की जरूरत है क्योंकि ब्रिटेन जितना सभ्य है उतना ना कोई था और ना कोई है और ना ही कोई होगा। ब्रिटेन के इस आत्मविश्वास को देखकर कहीं ना कहीं दुनिया को भी है विश्वास हो चला था कि ब्रिटेन से ज्यादा सभ्यशील और कोई देश नहीं लेकिन वह कहते हैं ना कि सच ज्यादा दिनों तक नहीं छिपता। अब ब्रिटेन की सभ्यता का यह छलावा भी दुनिया के सामने है।
कुछ दिनों पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के जल्द बाद पीएम पद के लिए कई दावेदार खड़े हुए जिनमें से दो- ऋषि सुनक और सोयला सोयला ब्रेवरमैन, भारतीय मूल के हैं। ऋषि, जोकि हिंदू परिवार से हैं, इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के 42 वर्षीय दामाद हैं। उनके इस इलेक्शन में दावेदारी करते ही सभ्य ब्रिटेन का चेहरा साफ नजर आने लगा।
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हुआ यह की ऋषि सुनक ने अपने ट्विटर प्लेटफार्म पर पीएम पद के लिए अपनी दावेदारी एक वीडियो के साथ सामने रखी, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उनकी नानी ढेरों सपने लेकर ब्रिटेन में आई थी और यहां इस देश ने उनके सपनों को दिए। वह चाहते हैं कि जिस तरह इस देश में उन्हें मौका मिला अपने सपनों को पूरा करने का उसी तरह इस देश को और बेहतर बनाया जाए ताकि आने वाली पीढ़ी अपने हर सपने को पूरा कर सकें। एक बार फिर सब में विश्वास जगाया जाए, अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण किया जाए और ब्रिटेन को साथ लाया जाए। इसी को लेकर उन्होंने #Ready4Rishi कैंपेन की शुरुआत की।
I’m standing to be the next leader of the Conservative Party and your Prime Minister.
Let’s restore trust, rebuild the economy and reunite the country. #Ready4Rishi
Sign up 👉 https://t.co/KKucZTV7N1 pic.twitter.com/LldqjLRSgF
— Rishi Sunak (@RishiSunak) July 8, 2022
लेकिन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के उत्तराधिकारी की इस जंग ने रविवार को उस समय भद्दा रूप ले लिया, जब सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी के कई सांसदों ने आगे चल रहे भारतीय मूल के ऋषि सुनक की छवि बिगाड़ने के लिए प्रचार शुरू कर दिया। इनमें ज्यादातर पीएम के पक्के समर्थक माने जाते हैं। लेबर सांसदों, वामपंथी वकीलों और यहां तक कि दक्षिणपंथी टिप्पणीकार जिनके ट्विटर पर हजारों फॉलोअर हैं उन्होंने सनक के नारे #Ready4Rishi, उनकी संपत्ति, पार्टीगेट के लिए जुर्माना, कर से बचाव (उनकी पत्नी अक्षता के संदर्भ में) के लिए, यहां तक कि उनकी अप्रवासी पृष्ठभूमिकी भी निंदा की।
डेली टेलीग्राफ की पत्रकार एलिसन पर्सन ने ट्वीट किया, “40 वर्षों के सबसे खराब जीवन संकट के बीच में कंजरवेटिव पार्टी एक ऐसे व्यक्ति को पीएम के रूप में चुनने जा रही है जिसकी पत्नी एक अरबपति है. यह तो चुनावी आत्महत्या है!“
In the middle of the worst cost of living crisis for 40 years is the Conservative party seriously going to pick a man with a billionaire wife as Prime Minister?
Electoral suicide! https://t.co/vfnkrDbmNR— Allison Pearson (@AllisonPearson) July 8, 2022
एलिसन के इस ट्वीट पर पूर्व कंजर्वेटिव MEP डेविड बैनरमैन ने ट्वीट किया कि “जो खुद करोड़पति है वह कैसे हमारी परेशानी समझेगा साथ ही उनके पास तो ग्रीन कार्ड भी है। अगर उन्हें इंग्लैंड का प्राइम मिनिस्टर बनना है तो उन्हें अमेरिका के ग्रीन कार्ड की क्या जरूरत है। अमेरिका जाने के लिए वह कब ब्रिटेन को धोखा दे दे पता नहीं।”
And he’s a multi millionaire. Good for them – but sorry it won’t play well on cost of living no. Why too does he need a US Green Card? To abandon UK for USA – it’s one step off fill US citizenship. Why was his wife living as a non dom allegedly in No 11?? https://t.co/94tsh31A7s
— David C Bannerman (@DCBMEP) July 8, 2022
हैरानी की बात तो यह है कि यह वही डेविड है जिसने पिछले साल ऋषि की बजट स्पीच की तारीफ की थी और अब जब वही ऋषि देश का प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में खड़ा है तो डेविड उसके खिलाफ है। क्या इसका मतलब यह है कि ब्रिटेन के लोग किसी भी अप्रवासी को छोटे-मोटे पदों पर तो देख सकते हैं लेकिन प्रधानमंत्री के पद पर बिल्कुल नहीं।
बैरिस्टर जो मौघम नेभी एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने ऋषि से पूछा, “क्या आपको लगता है कि आपकी पार्टी के सदस्य एक भूरे रंग के आदमी को चुनने के लिए तैयार हैं?” यह ट्वीट जल्दी ही वायरल हो गया और उन्हें इसे डिलीट करना पड़ा। अब जो के इस ट्वीट में नस्लीय टिप्पणी छिपी थी या फिर जैसा कि वह सब को बताते और समझाते फिर रहे हैं कि यह एक बहुत ही मामूली सा सवाल था।
Am taking no lectures on racism from Parliamentarians in a Party that chose as its leader a man who described black people as "picaninies", which introduced the racist National and Borders Act, which introduced Voter ID to make it disproportionately more difficult for…
— Jo Maugham (@JolyonMaugham) July 9, 2022
सुनक की पत्नी को भी बनाया निशाना
वह ब्रिटेन जो अब तक अपने आप को सभ्यता और व्यवहारिक ज्ञान की मिसाल समझता था अब उसका एक अप्रवासी भारतीय मूल के दावेदार के प्रधानमंत्री पद के लिए खड़े होते ही उसका असली चेहरा सामने आ रहा है रही बात सुनक की पत्नी के अमीर होने की तो कोई यह क्यों नहीं समझ पा रहा कि ऋषि सुनक को कामकाज का गहरा अनुभव है, लिहाजा वह यूके के सामने आने वाली बड़ी आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में है।
प्रधानमंत्री पद के लिए खड़े उम्मीदवारों से सवाल करने और उन पर आरोप और लांछन लगाने में फर्क होता है। लेकिन शायद यह ब्रिटेन के नागरिक इतने मदमस्त हो रखे हैं की इन्हें इसका आभास ही नहीं रहा कि वह कब पर्सनल अटैक पर उतर आए। सबसे बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि यह सभी ऊंचे पद पर बैठे हुए मंत्री हैं। ब्रिटेन के उच्च पदों पर बैठे इन ब्रिटेनियों का यह व्यवहारिक ज्ञान और सभ्यता कुछ ज्यादा ही अनूठा है। या फिर शायद यही ब्रिटेन का असली चेहरा है जिसे वह आज तक छिपाता आया था।
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दौड़ में अब नौ प्रत्याशी
ब्रिटेन में सत्ता का उलटफेर हो चुका है. बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के नए चेहरे की तलाश शुरू हो गई है. इस रेस में सबसे आगे भारतीय मूल के ऋषि सुनक हैं. कारोबार मंत्री पैनी मोरडाउंट ने दावेदारी का एलान करते ही दूसरा स्थान हासिल कर लिया है। उन्होंने परिवहन मंत्री ग्रांट शैप्स, पूर्व विदेश मंत्री जेरेमी हंट और पाकिस्तान मूल के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद के बाद वीडियो जारी कर दावेदारी जताई। दौड़ में गोवा मूल की महान्यायवादी सुएला ब्रेवरमैन, इराकी मूल के नदीम जाहवी, नाइजीरियाई मूल की केमी बेडोनविच और टोरी पार्टी के टॉम तुगेनधत शामिल हैं। विदेश मंत्री लिज ट्रुस के भी जल्द ही रेस में आने की संभावना है।
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