हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अडानी, अंबानी के बाद अब उतरा है Tata

आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम और आगे बढ़ने को तैयार है भारत!

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SOURCE TFIPOST.in

भारत में जहां आए दिन पेट्रोल के बढ़ते दामों से लोग परेशान रहते हैं वहीं दूसरी ओर ईंधन की बढ़ती खपत और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं के कारण ऊर्जा के नये स्रोत जल्द से जल्द तैयार करने की आवश्यकता और बढ़ गयी है। आपने सुना तो होगा ही कि “आवश्यकता आविष्कार की जननी है” तो इसी के कारण ऊर्जा के ऐसे नये स्रोतों की खोज की गयी जो कभी ख़त्म न हों, प्रदूषण न फैलाएं और आम इंसान की आवश्यकताओं को भी पूरा कर सकें। साथ ही भारत जो अपनी पेट्रोल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहता है वह इस क्षेत्र में भी पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर हो जायेगा।

समय की मांग हरित ऊर्जा है

अब जब समय की मांग हरित ऊर्जा है तो भारत के दो बड़े उद्योगपति अडानी और मुकेश अंबानी पहले ही मैदान में उतर चुके हैं। भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति, गौतम अडानी की कंपनी अडानी न्यू इंडस्ट्रीज का लक्ष्य नवीकरणीय ऊर्जा और हरित ऊर्जा उपकरण जैसे- सौर पैनल और पवन टर्बाइन के उत्पादन से लेकर नाइट्रोजन उर्वरकों और मेथनॉल जैसे हरे हाइड्रोजन डेरिवेटिव का उत्पादन करने वाली डाउनस्ट्रीम सुविधाओं का निर्माण करना और साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा एकीकृत हाइड्रोजन उत्पादक बनना है। अपने इसी लक्ष्य को  सार्थक करने के लिए अडानी एक के बाद एक  इस क्षेत्र में निवेश करते जा रहे हैं। अभी हाल ही में उन्होंने आंध्र प्रदेश में 3,700 मेगावाट पंप हाइड्रो सौर परियोजना स्थापित करने के साथ-साथ 10,000 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने के लिए 60000 करोड़ की डील साइन की है।

वहीं भारत के सबसे अमीर व्यक्ति, मुकेश अंबानी भी कहां पीछे रहने वाले थे।  उन्होंने भी गुजरात को कार्बन-मुक्त बनाने के लिए राज्य में 10 से 15 वर्षों में 100 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा संयंत्र और ग्रीन हाइड्रोजन इको-सिस्टम का विकास करने के लिए 5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा रिलायंस ने यह भी कहा कि वह एक नयी ऊर्जा विनिर्माण-एकीकृत नवीकरणीय विनिर्माण स्थापित करने में 60,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

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अब जब भारत के ये दो बड़े उद्योगपति पहले ही हरित ऊर्जा क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित करने की दौड़ में थे तो इस रेस में टाटा ग्रुप ने भी एंट्री ले ली है।  खबर आयी है कि टाटा पावर ने गुरुवार को अगले पांच वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा में 75,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने की घोषणा की। कंपनी की वार्षिक आम बैठक में, टाटा पावर के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन ने कहा कि फर्म का लक्ष्य इस अवधि के दौरान 30 GW की बिजली उत्पादन में आधे से अधिक ऊर्जा  स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से आये यही हमारा संकल्प और लक्ष्य है। टाटा कंपनी इस समय बदलते समय की मांग को पूरा करने के लिए सौर रूफटॉप, ईवी चार्जर, सौर पंप, स्मार्ट जैसे उत्पादों के निर्माण में भी अपना ध्यान लगा रहा है।

नितिन गडकरी का बयान जल्द ही सच होने वाला है

जिस तरह से भारत के ये तीनों दिग्गज उद्योगपति हरित ऊर्जा पर अपना जोर लगा रहे हैं ऐसा लग रहा है मानो केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री,  नितिन गडकरी का बयान जल्द ही सच होने वाला है। गडकरी को गुरुवार को  महाराष्ट्र के डॉ पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था, उस दौरान उन्होंने बयान दिया कि “मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि पांच साल बाद देश से पेट्रोल की आवश्यकता ख़त्म हो जाएगी। आपकी कार और स्कूटर या तो ग्रीन हाइड्रोजन, एथोनल फ्लेक्स फ्यूल, सीएनजी या एलएनजी पर चलेंगे।”

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नितिन गडकरी की हरित हाइड्रोजन, एथोनल और अन्य हरित ईंधन के उपयोग के लिए ऐसी मजबूत पिच और अडानी- अंबानी- और टाटा के भविष्य के लक्ष्य देखकर लग रहा है जैसे भारत की परिवहन व्यवस्था जल्द बदलने जा रही है।

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