‘बोलो जुबां केसरी’ ये सुनते ही आपके मस्तिष्क में किस व्यक्ति का नाम सबसे पहले आएगा? स्वाभाविक तौर पर अजय देवगन का। इस व्यक्ति ने इस ब्रांड की चर्चा घर घर में इतनी कर दी है कि अब अजय देवगन और विमल एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं और न चाहते हुए भी अजय देवगन को इसके चक्कर में अनेकों बार सिनेमा प्रशंसकों के तानों और उलाहनों का सामना करना पड़ता है। चाहे वो जितना बढ़िया अभिनय करें, वो जितना बढ़िया प्रयोग करें, कोई न कोई उन्हें ‘बोलो जुबां केसरी’ से चिढ़ाने के लिए तैयार रहता है, वो भी तब जब इन्होंने नैतिकता का चोला कभी भी नहीं ओढा।
परंतु क्या आपको पता है कि अजय देवगन एकमात्र ऐसे व्यक्ति नहीं हैं, जो पान मसाला के कारण चर्चा में रहे हैं? अब भई यदि हमारे वरिष्ठ नागरिकों को स्मरण हो तो दूरदर्शन पर वो प्रसिद्ध विज्ञापन तो अवश्य आता था, जहां शम्मी कपूर अशोक कुमार से कहते थे, “देखिए जी, हमारी बस इतनी मांग है कि बरातियों का स्वागत पान पराग से करें!” यह एड न केवल खुलेआम प्रसारित होता था अपितु पान पराग खाना तो बड़े “शान की बात” मानी जाती थी। अब अगर ‘जुबां केसरी’ उचित नहीं है तो उस तर्क के अनुसार फिर यह भी उचित नहीं हुआ न?
परंतु ठहरिए, ये तो मात्र प्रारंभ है। ये सूची अनंत है जिसमें अभी लगभग दो माह पूर्व अक्षय कुमार की एंट्री हुई थी। कभी नैतिकता पर लंबे चौड़े ज्ञान देने वाले अक्षय बाबू पर उन्हीं का ‘राजू भाई’ वाला किरदार अधिक भारी पड़ गया और उनके लिए पैसा अधिक प्रिय हो गया। जल्द ही वो विमल के विज्ञापन में भी दिखाई देने लगे।
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अक्षय कुमार की क्षमा याचना
अब जैसे ही विज्ञापन वायरल हुआ, लोगों ने अक्षय की खूब खिंचाई की और उनके दोहरे मापदंडों के लिए आड़े हाथों भी लिया। तब अक्षय कुमार ने सार्वजनिक रूप से क्षमायाचना पोस्ट करते हुए लिखा, “मैं अपने सभी प्रशंसकों और शुभचिंतकों से माफी मांगना चाहता हूं। पिछले कुछ दिनों में आपकी प्रतिक्रिया ने मुझे बहुत प्रभावित किया है। हालांकि, मैंने तंबाकू का समर्थन नहीं किया है और न ही आगे करूंगा। मैं विमल इलायची के साथ अपने एसोसिएशन को लेकर आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं। इसलिए पूरी विनम्रता के साथ मैं अपने कदम वापस लेता हूं। साथ ही मैंने फैसला किया है कि विज्ञापन के लिए ली गई फीस को किसी अच्छे काम के लिए दान कर दूंगा। ब्रांड चाहे तो इस एड को प्रसारित करना जारी रख सकता है जब तक कि उसके कॉन्ट्रैक्ट की लीगल अवधि पूरी नहीं होती। लेकिन मैं वादा करता हूं कि भविष्य में पूरी समझदारी के साथ विकल्पों का चयन करूंगा। इसके बदले में मैं हमेशा आपका प्यार और शुभकामनाएं चाहूंगा।” –
— Akshay Kumar (@akshaykumar) April 20, 2022
परंतु अक्षय कुमार को यूं ही हिपोक्रेसी शिरोमणि नहीं बताया जाता है। सोशल मीडिया के कुछ खोजी यूजर्स ने उनके पुराने विज्ञापन निकाले जहां वो सिगरेट से लेकर तंबाकू आधारित उत्पादों का प्रचार प्रसार करते हुए दिखाई दे रहे थे। इसपर प्रकाश डालते हुए TFI के संस्थापक अतुल मिश्रा ने ट्वीट किया, “अक्षय ने कई दिल तोड़े जब उन्होंने शाहरुख खान एवं अजय देवगन के साथ विमल ‘इलाइची’ का प्रचार करने का निर्णय किया। हो भी क्यों न, अक्षय फिटनेस आइकन हैं, स्वच्छता के अधिवक्ता हैं, महिला स्वच्छता के पुरोधा हैं और राष्ट्रवादी भी हैं। पर अक्षय चूंकि अक्षय थे इसीलिए जब वो विमल इलाइची के प्रोजेक्ट से हटे तो वे फिर से सबकी आंखों के तारे बन गए। लेकिन एक एड ये भी है जहां ये महानुभाव स्वयं बाबा इलाइची का प्रचार करते दिखाई दे रहे हैं और ये बात 2016 की है और बाबा तो पान मसाला, ज़र्दा और सिगरेट का प्रमुख उत्पादक भी है।” –
Here is a funny Ad featuring the maestro himself promoting Baba ‘Elaichi’. This was in 2016.https://t.co/QqdrXl7JHf
— Atul Kumar Mishra (@TheAtulMishra) April 21, 2022
क्या कभी महेश बाबू और रितिक रोशन जैसे लोगों को लताड़ा गया?
ये तो कुछ भी नहीं है। आप ये बताइए जब अनुष्का शर्मा या प्रियंका चोपड़ा ‘रजनीगंधा सिल्वर पर्ल्स’ का प्रचार प्रसार करती हैं तो क्या वे मोती दाने का प्रचार करती हैं? क्या उसे खाने से शरीर में तंदुरुस्ती आएगी या व्यक्तित्व का विकास होगा? असल में ये वही है जो बाबा इलाइची करता है यानी मुंह की दुर्गंध भगाना। अब आपने कभी सुना है कि रितिक रोशन, टाइगर श्रॉफ, महेश बाबू इत्यादि को अजय देवगन की भांति कठघरे में खड़ा किया गया? या फिर अपने बहुचर्चित “सरदार खान” यानी मनोज बाजपेयी को उनके ‘पान विलास’ के विज्ञापन एड के लिए कठघरे में लिया गया? आलोचना भी राजनीति की तरह वन साइडेड होने लगी है क्या? यदि सोशल मीडिया पर अमिताभ बच्चन द्वारा पान मसाला के प्रसार को उठाया नहीं जाता तो उन्हें भी पान पराग के विज्ञापन की भांति अपना काम करने दिया जाता क्योंकि बच्चन साहब है तो चलता है, नहीं? –
@urstrulyMahesh bollywood can't afford u but pan masala brand does 🤭😂😂 pic.twitter.com/CI7Lkqij1d
— SAMBIT (Modiji ka sab kuch) (@SAMBITASH2) May 11, 2022
ऐसे में अजय देवगन निस्संदेह कोई बधाई के पात्र न कभी थे, न कभी रहेंगे पर यदि वो किसी गलत प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के ‘दोषी’ थे तो उनके बराबर के दोषी ये लोग भी हैं, जिनके कारनामों पर चर्चा होती है परंतु इन्हें आड़े हाथ कोई नहीं लेता। इनकी आलोचना न करना मतलब हिपोक्रेसी की माला जपने समान है और ये अच्छा बात नहीं!
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