सत्ता में अपना वर्चस्व बनाये रखने की बात हो तो नेता बड़े से बड़े पहाड़ हिला देते हैं। इसी बात को सच साबित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठे जो बाइडेन ने भी कुछ ऐसा ही किया है। हालाँकि उन्होंने कोई विशालकाय पहाड़ नहीं हिलाया है लेकिन अपनी सहूलियत के अनुसार एक शब्द का आशय बदल डाला है।
हाल ही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने लगातार दूसरी नकारात्मक विकास दर देखी। यह वस्तुतः मंदी की परिभाषा है। कुछ समय पहले तक विकिपीडिया में भी ‘मंदी’ की यही परिभाषा थी, लेकिन यह परिभाषा बाइडेन को कुर्सी से गिराने की ताकत रखती है। ऐसे में बाइडेन अपनी कुर्सी बचाये रखने के लिए बाइडेन की इंटरनेट सेना ने ‘मंदी’ की परिभाषा के साथ छेड़छाड़ करना शुरू कर दिया।
लेकिन सच छिपाय नहीं छिपता और यहाँ भी यही हुआ। परिभाषा को बदलने के बाइडेन के इस खेल पर रूढ़िवादी की नज़र पड़ी और विपक्ष भी इसमें कूद पड़ा। यह बहुत ही दुखद है कि अपने स्वार्थ के लिए अब शब्दों और उनके अर्थ का इस तरह इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन बाइडेन प्रशासन को अपनी यह चतुराई बहुत भारी पड़ने वाली है।
विकिपीडिया और मंदी की परिभाषा
विकिपीडिया, जिसे अक्सर “दुनिया के सबसे बड़ा इनसाइक्लोपीडिया” कहा जाता है उसमें मंदी शब्द के साथ छेड़छाड़ की गई है। फॉर्च्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक हफ्ते के भीतर विकिपीडिया ने मंदी को 180 तरीकों से परिभाषित किया है। जाहिर है, शब्द की पहले से स्थापित परिभाषा और बाइडेन प्रशासन की आवर्ती आवश्यकता के बीच तालमेल बैठाने की पुरज़ोर कोशिश की जा रही है।
Wikipedia changed the definition of recession to favor the Biden regime, and then locked the page. pic.twitter.com/2HvzsavWbu
— Cernovich (@Cernovich) July 28, 2022
अमेरिका की आधिकारिक जीडीपी रिपोर्ट के अनुसार यू.एस. जीडीपी दूसरी तिमाही में पहले के अनुमान में 0.9% नीचे गिरी है जो एक वित्तीय वर्ष में लगातार दूसरी बार हुआ है। इसी परिस्थिति को मंदी कहते हैं। लेकिन, बाइडेन यह मानने को तैयार नहीं हैं कि अमेरिका में मंदी है। स्वयं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “हमारा जॉब मार्किट बहुत बड़ा है जहाँ बेरोजगारी केवल 3.6% है जो स्वयं में एक रिकॉर्ड है। मुद्रास्फीति में कमी अधिनियम (Inflation Reduction Act) में स्वच्छ ऊर्जा कर क्रेडिट में और 370 बिलियन डॉलर जोड़ देगा, जिसमें सौर पैनलों, पवन टरबाइन, बैटरी और महत्वपूर्ण सामग्री प्रसंस्करण के घरेलू उत्पादन में तेजी लाने के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं। यह मेरे लिए मंदी की तरह नहीं लगता।” बाइडेन के आखिरी शब्द “यह मुझे मंदी नहीं लगती” अपनी अक्षमता को छिपाने का प्रयास थी लेकिन अमेरिका के जीडीपी आंकड़े उनका झूठ चीख चीख कर बता रहे है।
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अमेरिकी अर्थव्यवस्था गिरने की कगार पर
माना कि कम बेरोजगारी संख्या एक संपन्न अर्थव्यवस्था को दर्शाती है, लेकिन अमेरिका के मामले में ऐसा नहीं है। कोविड-19 के दौरान छोटे कारोबारियों को लॉकडाउन की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। व्यापार मालिकों के साथ-साथ उनके कर्मचारी दोनों बाइडेन प्रशासन द्वारा कल्याणकारी भुगतान भत्ते पर निर्भर थे। जब इतनी बड़ी जनसँख्या बाइडेन पर निर्भर हुई तो बाइडेन प्रशासन ने सबको खुश करने के लिए डॉलर की अत्यधिक छपाई शुरू कर दी।
कुछ समय तक तो सब सही चलता रहा लेकिन बाइडेन प्रशासन जितना पैसा लोगों को घर बैठने का दे रही थी उतना तो उन्हें कभी काम करके नहीं मिला था। जब लोगों को इस बात का आभास हुआ कि उन्हें काम न करने के लिए और अधिक पैसा मिल रहा है तो उन्होंने कार्यबल में फिर से शामिल होने से इनकार कर दिया। दूसरी ओर, अर्थव्यवस्था में डॉलर की अधिकता के कारण मुद्रास्फीति हुई। आसान शब्दों में कहे तो यदि मुद्रा आपूर्ति उत्पादन की तुलना में तेजी से बढ़ती है तो इसके परिणामस्वरूप मुद्रास्फीति घटित होती है। यानी यदि कोई सरकार अतिरिक्त धन छापती है तो परिवारों के पास सामान पर खर्च करने के लिए अधिक धन होगा।
लेकिन जिस सामान को वह खरीदना चाह रही है उसका और उत्पादन नहीं होता और अतिरिक्त नकदी के कारण कंपनियां उन उत्पादों की कीमतें बढ़ा देंगी। इससे वे उत्पाद जो लोग पहले खरीद सकते थे अब उन्हीं चीज़ों के दाम बढ़ जाएंगे और लोग उन्हें खरीदने में असमर्थ होंगे। हालाँकि अमेरिकी राष्ट्रपति के इतने महत्वपूर्ण ओहदे पर बैठने के बाद भी बाइडेन इतनी महत्वपूर्ण बात नहीं समझ सके और इसी के चलते 9.1 प्रतिशत मुद्रास्फीति के साथ स्थानीय बाजारों में डॉलर का मूल्य गिरता जा रहा है।
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बाइडेन के अर्थशास्त्री
आश्चर्यजनक बात यह है कि बाइडेन प्रशासन अपने 3.5 ट्रिलियन डॉलर के खर्च का समर्थन पाने के लिए नोबेल पुरस्कार जीतने वाले 17 अर्थशास्त्रियों को प्रेरित करने में सक्षम रहा जिन्होंने पिछले साल सितंबर में बाइडेन का समर्थन करते हुए कहा कि अधिक पैसे की छपाई से अर्थव्यवस्था पर कोई दीर्घकालिक मुद्रास्फीति प्रभाव नहीं पड़ेगा। लगभग 11 महीने बाद, अब जो डाटा सामने आया है उसने उनके दावों की पोल खोल कर रख दी है। ऐसे में यह और भी हैरानी वाली बात है कि इन 17 लोगों को अर्थशास्त्र में नोबल पुरस्कार से क्या सोचकर सम्मानित कर दिया गया?
बात करें आंकड़ों की तो 2022 की पहली तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था को अपनी जीडीपी का 1.6 फीसदी और दूसरी तिमाही में 0.9 फीसदी का नुकसान हुआ। आखिर लोग काम ही क्यों करेंगे जब उन्हें बैठे बिठाये अच्छे खासे पैसे बाइडेन सरकार से मिल रहे है और कर्मचारियों के अभाव में कारखानों में क्या और कैसे उत्पादन होगा। हालाँकि इन सबमें अब जब बाइडेन और उनके अर्थशास्त्री सलाहकारों की अक्षमता सामने आ रही है तो उसे छिपाने के लिए बाइडेन ने परिभाषा बदलने के लिए अपनी मीडिया को तैनात कर दिया है। उनके प्रेस सचिव ने ‘मंदी’ शब्द की नई परिभाषा दी है और उसी परिभाषा के बल पर व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार ब्रायन डीज़ ने कहा है कि “अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी में नहीं है।” इसके बाद सीएनएन जैसे बिडेन फ्रेंडली टीवी चैनलों ने भी इस झूठ को हवा दी।
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विकिपीडिया का वामपंथी झुकाव अब खुलकर सामने आ रहा है। विकिपीडिया जिस पर कोई भी व्यक्ति किसी भी जानकारी या खबर में संशोधन कर सकता है उसी विकिपीडिया पर ‘मंदी’ शब्द को नए रूप में परिभाषित करने के बाद अब अन्य लोगों द्वारा पेज को संपादित करने पर रोक लगा दी गई है। अब अमेरिका और बाइडेन की सहूलियत के लिए ‘मंदी’ शब्द की नई परिभाषा दुनिया भर के देशों तक पहुंचेगी लेकिन जो बाइडेन के डूबते जहाज़ को यह परिभाषा बचा सकेगी मुझे इसके बारे में संदेह है।
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