शाहरुख हुसैन नामक दरिंदे के हाथ जलायी गयी अंकिता के माता-पिता चीख रहे हैं, सोरेन पिकनिक मना रहे हैं

झारखंड सरकार तुष्टीकरण की राजनीति में पूरी तरह से अंधी हो चुकी है !

jharkhand

source- TFIPOST.in

झारखंड की राजनीति इस समय बस रिजॉर्ट पॉलिटिक्स और तुष्टीकरण के आसपास केंद्रित है। विडंबना है कि सत्तारूढ़ पार्टी तो पिकनिक मनाने में मदमस्त है पर राज्य की जनता उनके तुष्टीकरण से त्रस्त है। राज्य की एक घिनौनी घटना जो हाल ही में हुई, उसमें 12वीं कक्षा की एक छात्रा अंकिता कुमारी को शाहरुख हुसैन नामक एक हत्यारे ने ‘मित्रता के प्रोपोजल’ को अस्वीकार करने के बाद आग के हवाले कर दिया था। रविवार को अंकिता ने अंतिम सांस ली परंतु उसके और उसके परिवार के लिए पीड़ा तो अभी मात्र प्रारंभ हुई थी।

परंतु अंकिता थी कौन? दरअसल, अंकिता कुमारी झारखंड के दुमका जिले की 12वीं कक्षा की महज 17 वर्ष की छात्रा थी। पिछले रविवार को उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी और उसकी एकमात्र गलती यह थी कि उसने एक युवक शाहरुख हुसैन के निर्लज्ज प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। इसपर निरंकुश होकर आरोपी शाहरुख़ ने झारखंड के दुमका में मंगलवार 23 अगस्त की सुबह अंकिता कुमारी पर गैसोलीन छिड़क कर आग लगा दी।

और पढ़ें: झारखंड अगला केरल बनने की राह पर तो नहीं है?

स्थानीय लोग इंसाफ के लिए सड़कों पर उतरे 

इस दुखद घटना की निंदा करने के लिए कई लोग सड़कों पर उतर आए और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की मांग की। हादसे के तुरंत बाद दुमका इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई। इसके अतिरिक्त, हैशटैग #justiceforAnkita कई सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म पर व्यापक रूप से ट्रेंड करने लगा। लेकिन वास्तव में इस पूरे प्रकरण में कौन कितना ज़िम्मेदार है यह अनुमान लगाना बहुत सरल है। अंकिता कुमारी के परिजनों ने पुलिस थाने जाकर शाहरुख़ की शिकायत तक की पर अंकिता की मृत्यु से पूर्व इस शिकायत पर गौर तक नहीं किया गया।

ज्ञात हो कि मृतक अंकिता ने पुलिस को बताया था कि उसका पड़ोसी शाहरुख उसे हर दिन प्रताड़ित करता था। वह उसके पास आता और उससे “दोस्ती” करने की याचना करता था। संबंध बनाने के चक्कर में वह उसे बार-बार फोन करता था। अंकिता ने उसे ऐसा जारी रखने के लिए फटकार लगाई तो उसने जान से मारने की धमकी दी। बाद में गैसोलीन छिड़ककर शाहरुख़ ने अंकिता को जला दिया। 90% जलने के साथ गंभीर हालत में उसे शुरू में दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज और अस्पताल लाया गया था। पुलिस ने कहा कि बाद में उसे बेहतर देखभाल के लिए रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भेज दिया गया। हालांकि, गंभीर रुप से जलने के कारण अंकिता को बचाया नहीं जा सका।

और पढ़ें: झारखंड में इस्लामिस्ट ‘आतंक’ मचा रहे हैं, सीएम सोरेन क्या कर रहे हैं?

आपको बता दें कि आरोपी शाहरुख हुसैन को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है। गिरफ़्तार होने के बावजूद उसका बर्ताव ऐसा था कि उसको अपने कुकृत्य पर अभिमान है न कि पछतावा।

 

इस मामले की जांच शुरु में डीएसपी नूर मुस्तफा के हाथों में थी, जिस पर भाजपा की ओर से सवाल उठाए गए। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में नेता विपक्ष बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा है कि अंकिता हत्याकांड में जिस डीएसपी नूर मुस्तफा के कॉम्यूनल भूमिका व अभियुक्त शाहरुख को बचाने के आरोप को लेकर लोग उबल रहे हैं, वह अधिकारी घोर आदिवासी विरोधी है, उस इलाके में कोयला, बालू, पत्थर चोरी के सरगनाओं का संरक्षक व हिस्सेदार रहा है। इस सब का खुलासा हम थोड़ी देर में करेंगे।

 

उन्होंने आगे कहा, “अंकिता हत्याकांड में अभियुक्त शाहरुख़ को बचाने के प्रयास में निशाने पर आये डीएसपी नूर मुस्तफ़ा के आदिवासी विरोधी एवं कॉम्यूनल होने का यह एक प्रमाण है। आदिवासियों के एक शोषक ज़ुल्फ़िकार पर एसटी एक्ट का मामला दर्ज हुआ। वह जेल गया। मुस्तफ़ा ने 90 दिनों में चार्जशीट नहीं की।” ट्वीट में आगे लिखा गया कि “इसी आधार पर ज़ुल्फ़िकार को बेल मिल गया। उसके बाद डीएसपी नूर मुस्तफ़ा ने उसके जेल से निकल जाने के कुछ देर बाद चार्जशीट कर दिया। आदिवासियों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले सीटीबाज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, बताइये न, ऐसे अफ़सर को जेल में होना चाहिये या नहीं?”

 

और पढ़ें: ‘जिहादियों’ को सजा देने पर सीएम सोरेन ने झारखंड पुलिस को ही दे दी सजा

इन सबके बीच विडंबना यह है कि जिस समय अंकिता कुमारी के साथ यह सब घटित हुआ था तब हेमंत सोरेन की सरकार रिजॉर्ट पॉलिटिक्स करने में व्यस्त थी। सत्य तो यह है कि बेशर्मी से लदी सरकार तुष्टीकरण में ऐसी डूबी हुई थी कि उसे मृतक का धर्म दिखा और आरोपित का भी। यदि यही मृतक का धर्म कुछ और होता तो सोरेन सरकार सहित पूरी सरकार सड़क पर आकर मुजरिम को दोषी ठहराती।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Exit mobile version