सीबीआई से जूते खा ही रहे थे कि असम से चप्पल आ गया, हाय रे सिसोदिया

इस तरह तो मनीष सिसोदिया की लुटिया डूबने में कोई कसर नहीं रह जाएगी

Manish Sisodia

सर मुंडवाते ही ओले पड़ना, यह कहावत आम आदमी पार्टी और विशेषकर मनीष सिसोदिया पर एकदम सटीक बैठती है। वैसे ही अभी दिल्ली की राजनीति मधुशाला के इर्द-गिर्द घूम रही है, सिसोदिया समेत कई नेता ईडी, सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। किसी भी क्षण कोई भी जांच में आरोपी निकल आने पर जेल की ओर भी रवाना हो सकता है।

ऐसे में दिल्ली में शराब नीति और आबकारी विभाग की अनियमितताएं पहले ही सिसोदिया को जांच के घेरे में डाल रही थीं पर नहीं इतने से थोड़े न खबर बनती है अब जब दिल्ली के बाद असम से भी समन आने लगे हैं तब मनीष सिसोदिया के लिए सर मुंडवाते ही ओले पड़ गए वाली कहावत चरितार्थ हो गयी है।

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सिसोदिया को तलब किया गया

दरअसल, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि के मामले में 29 सितंबर को असम के कामरूप जिले में एक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में तलब किया गया है। यह भी तो इस पार्टी और उसके नेताओं की आदत रही है कि आरोप लगा दो, साबित न करने पर माफी मांग लो। इसके साथ ही सिसोदिया इस बार ऐसी संकट में फंस गए हैं जहां उन्हें पूर्व की ही भांति अपने गुरु अरविंद केजरीवाल की ही तरह माफी मांगनी पड़ेगी। जैसे केजरीवाल अरुण जेटली, नितिन गडकरी जैसे नेताओं से लिखित रूप से माफ़ी मांग चुके हैं ठीक उसी प्रकार अब यह काम सिसोदिया के ज़िम्मे आ चुका है।

दरअसल, आम आदमी पार्टी (आप) के नंबर दो वाले नेता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था जिसके बाद सरमा ने जुलाई में मामला दर्ज किया था। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया गया था कि असम सरकार ने उनकी अर्थात हिमंता बिस्वा सरमा की पत्नी की फर्मों और बेटे के बिजनेस पार्टनर को पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट की आपूर्ति के लिए 2020 में COVID-19 महामारी के दौरान बाजार दर से ऊपर की आपूर्ति के लिए अनुबंध दिया था।

इस महीने की शुरुआत में, सरमा, सिसोदिया के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले के संबंध में जिला और सत्र न्यायाधीश न्यायालय के समक्ष पेश हुए थे। सरमा इस मामले में शिकायतकर्ता के रूप में प्रारंभिक बयान के लिए अदालत में पेश हुए थे। पीपीई किट की आपूर्ति में अनियमितता के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सरमा ने कहा था कि पीपीई किट “सरकार को दानस्वरूप दी गयी थीं” और उनकी पत्नी की कंपनी ने इसके लिए “कोई बिल नहीं” जारी किया था। वहीं ऐसे आरोप पर हिमंता बिस्वा सरमा की पत्नी ने अलग से मनीष सिसोदिया पर ₹100 करोड़ का मुकदमा किया है।

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दिल्ली में 31 ठिकानों पर छापेमारी

यह सब तब हो रहा है जब, सीबीआई ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सरकारी आवास समेत दिल्ली में 31 ठिकानों पर छापेमारी की। जांच आबकारी नीति 2021-2022 के संबंध में की गयी थी। मामले में दर्ज प्राथमिकी में सिसोदिया को नंबर एक आरोपी के रूप में पेश किया गया है। ठीक उसी समय अब असम से भी समन आ गया है ऐसे में यह इस बार आसानी से तो नहीं छूटने वाले यह एकदम तय है। अपने बचाव में आम आदमी पार्टी के नेता ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और कहा है कि जांच राजनीति से प्रेरित है और इसका उद्देश्य गुजरात, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य और हिमाचल प्रदेश में चुनाव से पहले पार्टी को नुकसान पहुंचाना है।

ये तो वही बात हुई कि मनीष सिसोदिया बैठे बिठाए पहले एक केस में फंसे और अब उन्हें पिछली करनी का फल भुगतना पड़ रहा है। केजरीवाल और कंपनी अब राम भरोसे ही बच सकती है क्योंकि अब जो हाल इस पार्टी के नेताओं की एक-एक करके हाजरी लग रही है उसे देखते हुए कहा नहीं जा सकता की अगला नंबर किसका होगा।

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