जब उद्योगों का मशीनीकरण हो रहा था तब कई लोगों का मानना था कि यह मजदूर वर्ग को बेरोजगार कर देगा और उन्हें गरीबी के दलदल में धकेल देगा। कम्युनिस्टों का गहरा विश्वास था कि पूंजीपति उत्पादन के स्वामी बन जाएंगे और समाज में असमानता बढ़ेगी। लेकिन तथ्य यह है कि मशीनीकरण ने संपत्ति के स्वामित्व को लोकतांत्रिक बना दिया है। आविष्कारों के साथ आम लोगों को उत्पादन की नयी सीमाओं को छूने और उससे भी आगे निकल जाने का अधिकार मिला है और पारंपरिक व्यवसायों को आधुनिक मांगों के अनुसार संशोधित किया गया।
एक तरह से औद्योगिक क्रांति ने उत्पादन के स्वरूप को पूरी तरह से नहीं बदला लेकिन कुछ नौकरियां बदली गयीं, कुछ आंशिक रूप से विकसित हुईं और कुछ कभी नहीं बदलीं।
इसी तरह, ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी भविष्य की तकनीकों के विकास के साथ, यह भविष्यवाणी की जाती रही है कि वे दुनिया की हर चीज को बदल देंगे। यह अतिशयोक्ति से परिपूर्ण बात AI आधारित उत्पादों की शानदार तकनीकी क्षमताओं का हवाला देकर की गयी है। यद्यपि निर्जीव चीजों में ये विकास वास्तव में अभूतपूर्व हैं, लेकिन भूलना नहीं चाहिए कि मानव ही इन उत्पादों के स्वामी हैं। ये AI मानवों द्वारा बनायी गयी है जो कि हर चीज की जगह तो नहीं ही ले सकते हैं।
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रोबोट वाला विकल्प बेहतर है
कुछ ऐसे कौशल और कार्य हैं जो दोहराए जाते हैं और उनके काम में किसी मानवीय स्पर्श की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे काम रोबोट से कराए जा सकते हैं जिनमें मानव द्वारा पूर्व-स्थापित प्रोग्राम होते हैं। सरल और दोहराए जाने वाले कार्यों में मानव मस्तिष्क को लगाकर कीमती ज्ञान और समय खर्च करने से कहीं बेहतर तो रोबोट वाला विकल्प है।
एकाउंटेंट, ग्राहक सेवा प्रतिनिधि, सेवा वितरण, सार्वजनिक परिवहन, बाजार अनुसंधान विश्लेषक, प्रूफरीडर और सैनिक जैसी नौकरियां जो कि एक प्रकार के दोहराए जाने वाले कार्य जान पड़ते हैं और इसके लिए ऑटोमेशन का उपयोग कर इन्हें पूरी तरह से बदला जा सकता है।
कैसे? तो और अच्छे से समझने के लिए उदाहरण लेते हैं- एक एकाउंटेंट का डेटा रखरखाव कार्य लगभग दोहराए जाने वाली प्रकृति का होता है। ऐसे में एक स्वचालित मशीन में पूर्व-स्थापित प्रोग्रामिंग आवश्यक कार्य को प्रभावी ढंग से कर सकती है। इसी तरह, अगर हम बाजार विश्लेषक की नौकरी देखें तो ये ज्यादातर बार डेटा संकलन और उसके परिणामों पर आधारित होते हैं। ऐसे में इन्हें भी स्वचालित मशीनों से बदला जा सकता है। इसके अलावा, त्रुटिरहित प्रोग्रामिंग इंस्टॉलेशन के कारण कार्य की प्रभावशीलता और सटीकता को भी बढ़ाया जा सकता है।
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मानव की जगह कोई नहीं ले सकता है
सत्य तो यह है कि मानव रोबोट के मालिक हैं, मानव पेशेवर रोबोट के वर्क प्रोफ़ाइल को तय करते हैं। इंजीनियर और वैज्ञानिक तय करते हैं कि रोबोट क्या काम करेगा और कैसे काम करेगा। आदेश और सेवा सिद्धांत पूरी तरह से स्वचालन प्रौद्योगिकियों में लागू होता है। तो इससे एक बात स्पष्ट हो जाती है कि एक स्वचालित मशीन में मस्तिष्क, कल्पना, रचनात्मकता और रणनीतिक सोच, क्षमताओं का स्पष्ट उपयोगों को स्थापित नहीं किया जा सकता है।
यदि हम एक वकील, नेता, डॉक्टर और मानव संसाधन पेशेवरों के कौशल को देखें, तो ये उस तरह के जॉब प्रोफाइल हैं जो एक रोबोट तो कतई नहीं कर सकता है। किसी भी प्रकार की कृत्रिम बुद्धि मानव की भावनात्मक बुद्धि के स्तर से मेल नहीं खा सकती है। इन जॉब प्रोफाइल के लिए विभिन्न परिस्थितियों में काम करने की आवश्यकता होती है। परिस्थितियों के बदलने के साथ ही काम करने का तरीका भी बदल जाता है। इन कार्यों में एक मानव की सक्रिय आलोचनात्मक सोच और भावना शामिल है।
उदाहरण के लिए, किसी भी निर्जीव मशीन में वकील का काम पहले से स्थापित नहीं किया जा सकता है और मशीन के माध्यम से न्याय स्थापित नहीं किया जा सकता है। एक मशीन तर्कसंगत तर्क नहीं दे सकती और सामाजिक संबंध स्थापित नहीं कर सकती है। काम करने की सामाजिक और न्यायसंगत प्रकृति बनाने के लिए मानवीय हस्तक्षेप हमेशा आवश्यक होगा। इसी तरह एक मशीन डॉक्टर नहीं बन सकती क्योंकि नौकरी में भी इसी तरह की मानवीय सोच की आवश्यकता होती है।
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आंशिक रूप से बदलने योग्य कौशल
विकास एक प्राकृतिक घटना है। शायद ही कोई कौशल है जिसे पूरी तरह से बदला जा सकता है। काम करना अपने आप में एक सामाजिक घटना है। कुछ कार्यों को पूरी तरह से स्वचालित मोड में बदल दिया जा सकता है, लेकिन कुछ कार्य ऐसे भी होंगे जिनमें मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता होगी। उदाहरण के लिए, यदि हम व्यापार विश्लेषण और उसके निर्णय पर विचार करते हैं तो यह कहा जा सकता है कि मानव और AI दोनों का संयोजन काम में किसी प्रकार की पूर्णता पैदा करेगा।
एक ओर ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व्यवसाय का समकालिक डेटा प्रदान करेगा और बाजार रणनीतिकार उसके निर्णय ले सकते हैं। इसी तरह, कई मामलों के संकलन और श्रेणीकरण के लिए न्यायिक प्रक्रिया में स्वचालन और ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग किया जा सकता है। यह एक न्यायाधीश और एक वकील की नौकरी की जगह तो वैसे भी नहीं ले सकता। इसलिए ऑटोमेशन और एआई दुनिया की हर चीज की जगह नहीं ले सकते लेकिन दुनिया अपनी जरूरत के हिसाब से ऑटोमेशन और AI का इस्तेमाल करेगी।
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