“सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं”
ये कथन निरंतर हमने सुना है, परंतु एक संस्था के कारनामे इसे किस तरीके से हमें बताएगा किसी ने नहीं सोचा था। BYJUs कहने को एक शैक्षणिक व्यवस्था में ‘क्रांति’ है, लेकिन वास्तव में ये कितना बड़ा सफेद हाथी है ये धीरे धीरे अब लोगों को समझ में आने लगा है। यह कंपनी अब शीघ्र ही दिवालिया होने के मुहाने पर आ चुका है।
मतलब? मतलब ये कि BYJUs का ड्रीम रन अब सदैव के लिए खत्म होने को है। इनका कस्टमर सपोर्ट बेस भी एकदम घटिया और निरंकुश है, जिसको देखकर लोग अब क्रोध से अपना आप खो रहे हैं। विश्वास नहीं हो रहा तो इन ट्वीट्स को देखिए –
These BYJUs stories are just really really sad ☹️https://t.co/A2IqT3rq6m pic.twitter.com/yftQm1qEwR
— Anmol (@anmolm_) August 29, 2022
I have subscribed one of the course of @BYJUS it's been days no support is provided, they simply close the ticket raised for the complaint without giving d soln. Even if I receive d call, they tell me, ma'am I am mailing ur query 2 d concern department, then no revert back.
— Kirti Gupta 🇮🇳 (@KirtiGu80338835) August 29, 2022
इन ट्वीट्स के अनुसार, BYJUs न केवल विनाश के मुहाने पर है। अपितु लोगों से पैसे ऐंठकर उन्हे आवश्यक शैक्षणिक सुविधाएँ भी नहीं देते। एक सेल्सपर्सन के माध्यम से बता रहे हैं कि कैसे ये भोले भाले लोगों को उल्लू बनाकर उनसे पैसे ऐंठते हैं और उन्हे उनकी सुविधा तक नहीं प्रदान कराते। एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि “कैसे उसने BYJUs से एक कोर्स लिया और कैसे वे ग्राहकों की शिकायत तक नहीं सुनते परंतु यदि उनके घटते विक्रय पर कोई सवाल उठा देते है तो सबकी थ्योरी तन जाती है”।
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But the family is unwilling to believe they have to pay. They think @BYJUS is a free school,which have discovered their daughter and is going to gift a laptop and tuitions free to her as she is brilliant. In reality she is average academically
— Nidhi Bahuguna 𑆤𑆴𑆣𑆴🇮🇳(मोदी का परिवार) (@vinirish) November 28, 2021
इस पर प्रकाश डालते हुए 2021 में निधि बहुगुणा नामक एक ट्विटर यूजर ने अपना निजी अनुभव बताते हुए लिखा कि “कैसे BYJUs आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को निशाना बताते हुए लोगों से पैसे ऐंठता है और उन्हे भ्रमित रखते हुए उन्हे ऐसे उत्पाद बेचता है, जो वे जीवन में नहीं खरीद सकते।” परंतु इतनी नीचता और निर्लज्जता तो शायद ईश्वर भी न झेल पाते ये तो धरतीवासी है, सो कर्मों का फल शीघ्र ही BYJUs को मिला।
इसके अतिरिक्त BYJUs का निवेश भी संदेह के घेरे में रहा है। हाल ही में, BYJU ने एक विदेश स्थित कंपनी से 1200 करोड़ रुपये के फंडिंग राउंड की घोषणा की। हालांकि, कंपनी को अभी तक ये फंड नहीं मिला है। फंड मिला नहीं और कंपनी ने शोर पहले मचाना शुरू कर दिया। फिर उसके इस झोल में एक के बाद एक छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी कंपनियां फंसने लगी। सितंबर 2021 में, यूएस-आधारित ऑक्सशॉट ने 2,85,072 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से BYJUs में सीरीज़ F राउंड के हिस्से के रूप में 1,200 करोड़ रुपये का निवेश किया। द मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट के अनुसार, राउंड में अन्य निवेशकों में एडलवाइस (344.9 करोड़ रुपये), आईआईएफएल (110 करोड़ रुपये), वेरिशन मल्टी-स्ट्रैटेजी मास्टर फंड (147 करोड़ रुपये) और एक्सएन एक्सपोनेंट होल्डिंग्स (150 करोड़ रुपये) शामिल थे।
एक रिपोर्ट सामने आयी जिसमें दावा किया गया था कि 6,300 करोड़ रुपये के निजी इक्विटी निवेश में कुछ पैसा जिसे BYJUs की कंपनी ने इस साल की शुरुआत में घोषित किया था। अभी तक ed-tech कंपनी के पास नहीं आया है। दूसरी ओर, BYJUs ने कहा कि कंपनी को कुछ धनराशि मिली है जबकि बाकी को ट्रैक किया जा रहा है।
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लाभ कमाने के चक्कर में ले डूबे
यही नहीं, भारी निवेश के कारण कंपनी का खजाना जल्द ही कम होने लगा और व्यवसाय के ऑफलाइन मोड में शिफ्ट होने से राजस्व के स्रोत भी सीमित हो गए। संपूर्ण शिक्षा प्रणाली को वर्चुअल मोड में स्थानांतरित करने के लिए व्यवसाय की उम्मीद पर विराम लग गया और भारी खरीद ने कंपनी के लिए वित्तीय बाधाएं पैदा करना शुरू कर दिया।
यह ध्यान देने योग्य बात है कि इन बढ़ती वित्तीय कठिनाइयों के कारण, BYJUs की सहायक कंपनियां टॉपर और व्हाइटहैट जूनियर ने संयुक्त रूप से कम से कम 600 नौकरियों को बंद कर दिया है। इसके अलावा, पिछले साल BYJUs ने कम से कम 10 ed-tech स्टार्टअप्स का अधिग्रहण किया और उनका कुल लेनदेन मूल्य 2.5 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है। लेकिन स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर के फिर से खुलने से कंपनी की हालत खस्ता हो गयी है।
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा की BYJUs नामक सफेद हाथी को अपने किए का फल मिल रहा है। यह प्रारंभ हुई थी शिक्षा को एक नया मंच देने के लिए, परंतु लाभ कमाने के चक्कर में इसने शिक्षा को मंदिर के प्रसाद के स्थान पर 5 स्टार होटल में मिलने वाला पकवान बना दिया और यह कार्य आवश्यक नहीं की सभी को भाए जो इस केस में तो बिल्कुल नहीं भाया।
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