‘हर घर तिरंगा’ अभियान के दौरान भी अपने प्रोपेगेंडा और पाखंड से बाज नहीं आ रही कांग्रेस

कांग्रेसिया सब गुलामी का आदी हो गया है, ये रहा प्रमाण!

हर घर तिरंगा

Source- TFI

देश को स्वतंत्र हुए 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं और इस अवसर को भव्य बनाने हेतु भाजपा शासित केंद्र सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसी परिप्रेक्ष्य में भाजपा ने अपने ऐतिहासिक ‘एकता यात्रा’ से प्रेरणा लेते हुए ‘हर घर तिरंगा’ अभियान लॉन्च किया ताकि देशवासी 15 अगस्त को भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ को जोर शोर से मनाएं। परंतु देश की बयोवृद्ध पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को इससे भी दिक्कत है। इस लेख में हम विस्तार से कांग्रेसियों की चाटुकारिता की पराकाष्ठा से अवगत होंगे, जिसके चक्कर में इस पार्टी ने ‘हर घर तिरंगा’ जैसे नेक अभियान में भी अपना कुत्सित एजेंडा घुसा दिया और तिरंगे के स्थान पर नेहरू-गांधी परिवार की पूजा करने में लगे हैं।

हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने हर घर तिरंगा अभियान का आह्वान किया और लोगों से अपील की कि सभी सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफ़ाइल पिक में तिरंगा को लगाए, जिसकी चर्चा उन्होंने अपने शो ‘मन की बात’ में भी की थी। जहां एक ओर अधिकतम देशवासियों ने निस्स्वार्थ भाव से इसका समर्थन किया तो वही कांग्रेस ने एक अलग युक्ति अपनाई।

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आजादी के अमृत महोत्सव पर जब पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया के डीपी में तिरंगा लगाया तो कांग्रेस ने इस अभियान के जवाब में अब एक नए अभियान की शुरूआत कर दी है। कांग्रेस पार्टी से जुड़े लोग हाथ में तिरंगा लिए जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर को अपनी डीपी पर लगा रहे हैं।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपनी डीपी को बदल कर जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर लगाकर इसकी शुरूआत की। उन्होंने संघ पर हमला बोलते हुए कहा, वर्ष 1929 के लाहौर अधिवेशन में रावी नदी के तट पर झंडा फहराते हुए पंडित नेहरू ने कहा था कि एक बार फिर आपको याद रखना है कि अब यह झंडा फहरा दिया गया है। जब तक एक भी हिंदुस्तानी मर्द, औरत, बच्चा जिंदा है, यह तिरंगा झुकना नहीं चाहिए। देशवासियों ने ऐसा ही किया। हम हाथ में तिरंगा लिए अपने नेता नेहरू की डीपी लगा रहे हैं। लेकिन लगता है प्रधानमंत्री का संदेश उनके परिवार तक ही नहीं पहुंचा। जिन्होंने 52 सालों तक नागपुर में अपने हेड क्वार्टर में झंडा नहीं फहराया, वे क्या प्रधानमंत्री की बात मानेंगे?

हालांकि, जयराम रमेश ने पीएम मोदी समेत आरएसएस पर हमला तो बोल दिया लेकिन वो फ्लैग कोड के बारे में बताना भूल गए। चलिए हम आपको फ्लैग कोड को लेकर चीजों को स्पष्ट करते हैं जिसके कारण हमारे यहां तिरंगा फहराने पर अनेक प्रकार की पाबंदियां थी? ये वही फ्लैग कोड है जिसके कारण 15 अगस्त और 26 जनवरी के अतिरिक्त कुछ चुनिंदा जगहों को छोड़कर कहीं भी तिरंगा लहराने की इजाजत नहीं थी और इन पाबंदियों को हटाने के लिए वर्ष 2002 में विशेष संशोधन तक करना पड़ा था।

परंतु ये कांग्रेसी नेता ऐसे हैं जिनके लिए चाटुकारिता परम धर्म है, चाहे इसके पीछे उन्हें अपनी पार्टी की लंका ही क्यों न लगानी पड़े। ये वही कांग्रेस है, जिसने कोविड महामारी के दौरान सरकार की हर योजना का हर बार विरोध किया था। चाहे पीएम मोदी द्वारा दिया जलाना हो, थाली बजाना हो, राशन वितरण हो, गरीबों तक पैसे पहुंचाने हो या कुछ और, कांग्रेस ने हर जगह पीएम मोदी का विरोध किया। यहां तक कि जब पीएम मोदी ने वर्तमान संसद से हटकर नये संसद परिसर के निर्माण की बात की तो उसका भी विरोध किया गया ताकि नेहरू गांधी परिवार का अभिमान मिट्टी में न मिले। अब इसी पार्टी ने वास्तव में हर घर तिरंगा में भी अपना एजेंडा घुसेड़कर यही सिद्ध किया है कि उनके लिए देश नहीं, 10 जनपथ और वहां निवास करने वाले नेहरू-गांधी परिवार ही सर्वोपरि हैं।

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