दुनिया के टॉप-5 सबसे अमीर शख्स में एशिया के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी ने अब अपना दबदबा बना लिया है। गौतम अडानी अब केवल भारत और एशिया महाद्वीप के ही सबसे अमीर व्यक्ति नहीं है बल्कि अब वे विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में चौथे स्थान पर आ गए हैं। फोर्ब्स की रियल टाइम बिलेनियर्स इंडेक्स (Forbes Real Time Billionaires) के आंकड़ों के अनुसार अब गौतम अडानी 127 बिलियन अमेरिकी डॉलर की संपत्ति के साथ बिल गेट्स को पीछे छोड़ते हुए विश्व के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं।
अडानी की यह सफलता केवल उनके लिए ही नहीं बल्कि भारत के लिए भी बहुत मायने रखती है। जैसे-जैसे वे भारत में अपना कारोबार बढ़ा रहे हैं वैसे-वैसे वे भारत के युवाओं के लिए न केवल रोजगार के अवसर दे रहे हैं बल्कि उनके लिए एक मिसाल भी पेश कर रहे हैं। प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी के विपरीत गौतम अडानी पहली पीढ़ी के उद्यमी हैं। उन्हें उनकी संपत्ति विरासत में नहीं मिली बल्कि व्यापार की सूझ-बूझ और अपनी कुशल बुद्धि का उपयोग करते हुए अडानी ने अपनी फर्श से अर्श की कहानी लिखी है। कैसे मेहनत, जोखिम लेने की हिम्मत, सूझ-बूझ और दूरदर्शिता के बल पर अपने हर सपने को पूरा किया जा सकता है गौतम अडानी इसका एक जीवंत उदहारण हैं।
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अडानी का फर्श से अर्श तक सफर
जैन बनिया परिवार में जन्मे गौतम अडानी 1978 में अपनी किशोरावस्था में मुंबई पहुंचे जहाँ उन्होंने दो साल महेंद्र ब्रदर्स के लिए डायमंड सॉर्टर के रूप में काम किया। जिसके बाद उन्होंने मुंबई के जावेरी बाजार में अपनी खुद की डायमंड ब्रोकरेज फर्म स्थापित की। इस संपत्ति को हासिल करने के बाद, उन्होंने अडानी एंटरप्राइजेज की स्थापना की, जो जल्द ही एक बहुत बड़े समूह में बदल गया। आज अडानी इंटरप्राइजेज ऊर्जा, परिवहन, खनन, बुनियादी ढांचे, रसद, सीमेंट जैसे क्षेत्रों में कई व्यवसायों की देखरेख करता है। इतना ही नहीं, भारत के प्रमुख बंदरगाहों के मालिक अडानी को “पोर्ट किंग” के नाम से भी जाना जाता है।
अडानी समूह के ये 13 रणनीतिक रूप से स्थित बंदरगाह और टर्मिनल देश की बंदरगाह क्षमता का 24% प्रतिनिधित्व करते हैं। 2008 में पहली बार फोर्ब्स की ‘सबसे अमीर व्यक्ति’ की सूची में शामिल होने वाले यह भारतीय उद्योगपति बीते समय में एक के बाद एक कई अधिग्रहणों में लग गए जिसके चलते पिछले एक साल में उनकी कुल संपत्ति में $40 बिलियन से अधिक की वृद्धि हुई है। जिससे वह भारत में अमीरों की सूची में मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ते हुए शीर्ष पर पहुंच गए।
आज तक भारत में एक सोच जो व्यापक थी वह थी कि “जब अमीर व्यक्ति और अमीर होता है तो गरीब और गरीबी में धंसता चला जाता है।” हममें से अधिकांश लोगों की आदत है कि वे हर अच्छा प्रदर्शन करने वाले उद्यमी को भ्रष्ट और जोड़-तोड़ करने वाले के रूप में दोष देते हैं। उस उद्यमी ने कितने रोजगार सृजन और धन सृजन के अवसर पैदा किये हैं, इसे भी नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है।
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हालाँकि गौतम अडानी इस बात को पूर्ण रूप से गलत ठहराने में सफल रहे हैं। अप्रैल माह में मुंबई में हुए एक समारोह के दौरान भारत के अरबपति गौतम अडानी ने कहा कि “वर्ष 2050 तक देश अपनी अर्थव्यवस्था में करीब 25 ट्रिलियन डॉलर और शेयर बाजार पूंजीकरण में करीब 2 करोड़ डॉलर का इजाफा करेगा। उस सीमाकाल में देश से हर तरह की गरीबी का अंत हो जायेगा और हममें इस सपने को सच करने की ताकत है।”
अडानी की इस घोषणा से साफ़ है कि जब अडानी जैसा एक उद्योगपति सपना देखता है तो उस सपने को साकार करने में उसका अकेले का ही स्वार्थ सिद्ध नहीं होता बल्कि यह समाज के लिए भी कल्याणकारी होता है। देश को ऊंचाइयों पर पहुंचाने की ताकत वही रखता है जिसकी स्वयं की पहुँच हो और अडानी जैसे उद्योगपति भारत की अर्थव्यवस्था की गाडी का वह पहिया है जो इस देश को अर्थव्यवस्था और विकास की इस दौड़ में जिताने की ताकत रखता है। हमें अडानी जैसे ही और दूरदर्शी व्यापारिक व्यक्ति की आवश्यकता है।
गौतम अडानी की व्यापारिक सूझ-बूझ और उनके व्यवसाय कौशल का अंदाज़ा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि इस वर्ष जहाँ एलन मस्क और जेफ बेजोस समेत विश्वभर के कई अमीर व्यक्तियों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। वही भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी अकेले ऐसे व्यापारी हैं, जिन्होंने उस स्थिति में भी अपनी कंपनियों से ढेर सारा मुनाफा कमाया है। अडानी की इस व्यवसाय की कौशलता और उनकी संपत्ति में बढ़ोतरी को देखते हुए इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि वे जल्द ही विश्व के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति अमेज़न कंपनी के मालिक जेफ बेजोस को पीछे कर उनका स्थान हासिल करते हुए तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन जायेंगे।
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