बैठे-बिठाए कैसे अपनी ही सरकार की फजीहत कराई जाए, यह तो कोई केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से सीखे! केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को अपनी एक ट्वीट के माध्यम से बड़ा बवाल मचा दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि मोदी सरकार ने रोहिंग्या को फ्लैट्स में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। मीडिया ने भी उनके इस बयान को जोर-शोर से प्रसारित किया, जिसके बाद से ही बवाल मच गया। सोशल मीडिया पर मोदी सरकार और हरदीप सिंह पुरी के इस बयान को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाए जाने लगे, जिसके बाद गृह मंत्रालय को स्वयं सामने आकर स्पष्टीकरण देना पड़ा।
दरअसल, ऐसी खबरें सामने आई कि मोदी सरकार ने रोहिंग्या घुसपैठियों को 250 सरकारी आवासों में स्थानांतरित करने का फैसला किया है। दिल्ली के बक्करवाला इलाके में 1100 रोहिंग्या घुसपैठियों को रहने की व्यवस्था की जाएगी। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इससे संबंधित एक ट्वीट कर कहा था कि “भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है, जिन्होंने देश में शरण मांगी है। एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में EWS फ्लैटों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। उन्हें मूलभूत सुविधाएं, यूएनएचसीआर आईडी और चौबीसों घंटे दिल्ली पुलिस का संरक्षण प्रदान किया जाएगा।“
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India has always welcomed those who have sought refuge in the country. In a landmark decision all #Rohingya #Refugees will be shifted to EWS flats in Bakkarwala area of Delhi. They will be provided basic amenities, UNHCR IDs & round-the-clock @DelhiPolice protection. @PMOIndia pic.twitter.com/E5ShkHOxqE
— Hardeep Singh Puri (मोदी का परिवार) (@HardeepSPuri) August 17, 2022
हरदीप सिंह पुरी की इस ट्वीट के बाद खलबली मच गई। सोशल मीडिया पर बड़ा बवाल खड़ा हो गया, भाजपा समर्थकों ने मोदी सरकार को घेरना शुरु कर दिया। क्योंकि वो मोदी सरकार जो रोहिंग्या को देश के लिए खतरा मानती थी, उन्हें देश से निकालने की बात करती थी, वही अगर उन्हें संरक्षण देने, सुरक्षा देने के लिए ऐसे कदम उठाएगी, तो इस पर बवाल तो मचना लाजिमी है। खासतौर पर भाजपा समर्थकों के लिए यह काफी चौंकाने वाला था। इस पर हंगामा इतना बढ़ गया कि बाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय को आगे आकर स्वयं पूरी हकीकत बतानी पड़ी।
हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट के कुछ घंटों बाद गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर साफ किया कि सरकार ने रोहिंग्याओं को फ्लैट्स में बसाने से संबंधित कोई आदेश जारी नहीं किया है। गृह मंत्रालय द्वारा स्पष्ट किया गया कि सरकार द्वारा रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को EWS फ्लैट प्रदान करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया गया। मंत्रालय ने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा रोहिंग्याओं को नए स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा गया है। हालांकि, हमने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि उन्हें वर्तमान स्थान पर बनाए रखा जाए क्योंकि गृह मंत्रालय पहले से ही विदेश मंत्रालय के जरिए संबंधित देश से अवैध विदेशियों के निर्वासन के मामले को उठा चुकी है।
Rohingya Illegal Foreigners
Press release-https://t.co/eDjb9JK1u1 pic.twitter.com/uKduPd1hRR
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) August 17, 2022
गृह मंत्रालय ने आगे कहा कि अवैध विदेशियों को कानून के अनुसार रोहिंग्या के निर्वासन तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाना है। दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है, उन्हें तत्काल ऐसा करने के निर्देश दिए गए हैं। ध्यान देने वाली बात है कि रोहिंग्याओं को संरक्षण देने को लेकर भाजपा में जो असमंजस की स्थिति बनी और हरदीप सिंह पुरी ने जो पूरा रायता फैलाया, वह भाजपा समर्थकों को नागवार गुजरा। यही कारण है कि वे इस पूरे मामले को लेकर मोदी सरकार और हरदीप सिंह पुरी पर जमकर बरस पड़े थे।
टीएफआई के संस्थापक अतुल मिश्रा ने मंत्री हरदीप सिंह पुरी की ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि “यह सरकार मर चुकी है।“ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “यह सरकार सीएए को लागू नहीं कर सकती लेकिन रोहिंग्याओं को आसानी से बसा सकती है।“
This government can’t enforce CAA but can easily resettle #Rohingyas. Shame.
— Atul Kumar Mishra (@TheAtulMishra) August 17, 2022
वहीं, शेफाली वैद्या ने ट्वीट कर सरकार से प्रश्न किया कि “पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों का क्या, जो सालों से बिना पानी, बिजली और शौचालय के टेंट में सड़ रहे हैं? उनके लिए कोई मानवीय चिंता?”
What about the Hindu refugees from Pakistan rotting in tents without water, power and toilets for years now? Any humanitarian concerns for them?
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) August 17, 2022
आपको बताते चलें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब हरदीप सिंह पुरी द्वारा भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी की गई हो। इससे पहले वर्ष 2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने ऐसा ही किया था, जब उन्होंने भाजपा की ओर से मनोज तिवारी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया था, जबकि ऐसा कुछ तब तक तय भी नहीं था। हालांकि, बाद में बवाल मचने के बाद पुरी ने अपने बयान को वापस ले लिया था। तब तक चुनाव के दौरान जो कुछ भी भाजपा के पक्ष में जा रहा था, वह काफी कुछ पार्टी के विरुद्ध चला गया था। हालिया घटनाक्रम को देखते हुए यह प्रतीत हो रहा है कि हरदीप सिंह पुरी अगले प्रकाश जावडेकर बनने की राह पर निकल पड़े हैं, जो उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है!
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