घड़ी पहनना हमेशा से ही लोगों का शौक रहा है। घड़ी शुरुआत से हमारे स्टाइल स्टेटमेंट का हिस्सा रही है। घड़ी केवल शौक या फैशन के लिए ही नहीं पहनी जाती परंतु शुरू से ही इसे अनुशासन से भी जोड़ा जाता है। घड़ी हमें अनुशासन में रहना सिखाती हैं। परंतु बदलते वक्त के साथ यह घड़ियां भी “स्मार्ट” हो गई है। साधारण घड़ियों की तुलना में अब लोग स्मार्टफोन को अधिक पसंद करते नजर आते हैं। आप अपने आसपास देखेंगे तो अधिकतर लोगों के हाथों में साधारण घड़ी की तुलना में स्मार्टवॉच अधिक नजर आएगी।
स्मार्टवॉच पहनना फैशन हो गया है। स्मार्टवॉच ने लोगों के कई कामों को आसान बना दिया है। अब घड़िया केवल समय बताने तक ही सीमित नहीं रह गई, बल्कि स्मार्टवॉच में ऐसे कई फीचर मिलते हैं, जो हमारी सेहत का ध्यान रखने में काम करते है। ऑक्सीजन से लेकर हार्ट रेट के बारे में जानकारी इन स्मार्टवॉच के माध्यम से मिलती है। इनमें कॉल करने और कॉल रिसीव करने की भी सुविधा मिलती है।
भारत अब इसी स्मार्टवॉच में अपना दबदबा बनाता चला जा रहा है। हाल ही में कुछ आंकड़े सामने आए है, जिसके माध्यम से पता चलता है कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टवॉच मार्केट बन गया है। इसके साथ ही इस मामले में भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया। भारत के स्मार्टवॉच बाजार ने सालाना आधार पर 300 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की है।
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चीन को पीछ छोड़ भारत बना दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्टवॉच मार्केट
काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार जून तिमाही में दुनियाभर के स्मार्टवॉच बाजार में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई। भारत का स्मार्टवॉच बाजार चार गुना से अधिक 347 प्रतिशत बढ़ गया है। इसके साथ ही भारत, चीन को पछाड़ते हुए इस मामले में दूसरे पायदान पर पहुंच गया है।
रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक बाजार में 26 प्रतिशत शिपमेंट के साथ उत्तरी अमेरिका सबसे बड़ा स्मार्टवॉच बाजार बना हुआ है। हालांकि इसके शिपमेंट में सालाना 4 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं इसकी तुलना में जून तिमाही में वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी 22 फीसदी और चीन की 21 फीसदी रही। बता दें कि चीन का शिपमेंट 10% गिर गया। कुछ समय पहले तक स्मार्टवॉच के बाजार पर भी चीन ने अपना कब्जा जमाया हुआ था। परंतु हालात अब बदल गए है। चीन के इस बाजार में पिछड़ने की प्रमुख वजह उसके देश में आई आर्थिक मंदी को माना जा रहा है। चीनी ब्रांड जैसे Huawei, Imoo और Amazfit में गिरावट देखने को मिली है।
वहीं स्मार्टवॉच बाजार में भारत के बढ़ते दबदबे का कारण घरेलू कंपनियां हैं। दरअसल, Fire-Boltt और Noise जैसी कंपनियां मार्केट पर अपनी धाक जमाती हुई नजर आ रही हैं। वर्तमान समय में देखने मिल रहा है कि एप्पल और गार्मिन जैसे दिग्गज कंपनियों की तुलना में लोग भारतीय कंपनियों की स्मार्टवॉच खरीदना अधिक पसंद करते हैं। अभी के समय में उनमें इन स्मार्टवॉच को लेकर ज्यादा उत्साह देखने को मिलता है।
ऐसा इसलिए क्योंकि कम दाम में इन कंपनियों के द्वारा तमाम फीचर से लैस वैसे ही स्मार्टवॉच उपलब्ध कराई जाती है, जैसी एप्पल और गार्मिन की कंपनियां के प्रोडेक्ट्स में होते है। आपको 5 हजार से कम कीमत में ही एक बढ़िया स्मार्टवॉच आसानी से मिल जाएगी, जबकि एप्पल जैसी कंपनियों की स्मार्टवॉच के दाम ही 20 हजार से शुरू होती है। तो फिर अगर आपको 5 हजार की कीमत में वैसी ही स्मार्टवॉच मिलेगी, तो कोई भला उस पर 20 हजार तक क्यों खर्च करना चाहेगा।
वैश्विक स्मार्टवॉच बाजार में भारत का दबदबा
काउंटरपॉइंट रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर सुजोंग लिम भी बताते हैं कि एंट्री लेवल ब्रांड्स ने ही भारतीय बाजार को आगे बढ़ाया है। लिम के अनुसार दूसरी तिमाही के दौरान भारतीय बाजार में शिप किए गए 30 फीसदी मॉडल 50 डॉलर यानी 4000 रुपए से कम में बिके। देश के कई स्मार्टवॉच ब्रांड्स ने ग्राहकों के लिए कम कीमत वाली स्मार्टवॉच को मार्केट में उतारा, जिससे इनकी सेल बढ़ गई।
दुनियाभर में अगर शीर्ष पांच स्मार्टवॉच ब्रांड की सूची पर नजर डालेंगे, तो उसमें से दो भारतीय ब्रांड्स की नजर आती है। हालांकि एप्पल ने वैश्विक स्मार्टवॉच बाजार में शीर्ष स्थान बरकरार रखा है, जो कुल शिपमेंट का 29.3 प्रतिशत है। एप्पल के शिपमेंट में 8% साल दर साल की वृद्धि जरूर हुई, अब एप्पल वॉच को लेकर लोगों के उत्साह में कमी देखने को मिल रही है। मार्च तिमाही की तुलना में इसके शिपमेंट में गिरावट आई है।
इसके बाद सूची में दूसरे नंबर पर सैमसंग (9.2%) और तीसरे स्थान पर हुआवेई (6.8%) जैसी ब्रांड है। इसके अलावा भारतीय ब्रांड्स फायर-बोल्ट (6.3%) और नॉइस (5.9%) चौथी और पांचवीं सबसे बड़े ब्रांड बने हुए है। इन्होंने यूएस-आधारित गार्मिन की जगह ले ली। शानदार फीचर से लैस होने के कारण भारतीय ब्रांड की स्मार्टवॉच अपना जादू बिखरने में कामयाब हो रही हैं और यह कंपनियां एप्पल और गार्मिन जैसी कंपनियों का खेल बिगाड़ रही हैं।
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