जब पैरों के नीचे से जमीन खिसकती हुई दिखनी लगे तो आमतौर पर व्यक्ति बौखला जाता है। ऐसा ही कुछ हाल इस वक्त बॉलीवुड का हो रहा है। बायकॉट बॉलीवुड के ट्रेंड को जो बॉलीवुडिया गैंग अब तक मजाक मान रहा था, लाल सिंह चड्ढा की हालत देखने के बाद अब उनके पसीने छूटने लगे हैं। लाल सिंह चड्ढा जो आमिर खान की बहुप्रतीक्षित फिल्मों में से एक थी, वो बायकॉट अभियान का कुछ यूं शिकार हुई कि आज इस फिल्म को कोई पूछ भी नहीं रहा है। आलम यह है कि सिनेमाघर खाली पड़े हैं, जिस कारण शो तक को कैंसिल करने की नौबत आ पड़ी है।
ध्यान देने वाली बात है कि यह फिल्म अब तक केवल 50 करोड़ का कारोबार नहीं कर पाई है। लाल सिंह चड्ढा को बुरी तरह से पिटता देख बॉलीवुडिया गैंग को एहसास हो गया है कि उनका अंत अब निकट आने लगा है। यही कारण है कि बॉलीवुड सितारे अपना आपा खो रहे हैं और बेतुकी बयानबाजी कर स्वयं के लिए समस्याओं को बुलावा दे रहे हैं। हाल ही में ऋतिक रोशन ने भी कुछ ऐसा ही किया था।
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दरअसल, बीते दिनों ऋतिक रोशन ने लाल सिंह चड्ढा का समर्थन कर आग से खेलने का काम किया और यह जानते हुए भी कि वो इसमें जलेंगे। उन्होंने लाल सिंह चड्ढा की तारीफों के पुल बांधते हुए लोगों से अवश्य इसे देखने की अपील की। बस फिर क्या था ऋतिक द्वारा लाल सिंह चड्ढा का सपोर्ट करते ही, लोग उनकी फिल्मों का बहिष्कार करने की बात करने लगे। सोशल मीडिया पर बायकॉट विक्रम वेधा की मांग जोर पकड़ती चली जा रही है। ध्यान देने वाली बात है कि विक्रम वेधा ऋतिक रोशन की आगामी फिल्म है।
ऋतिक रोशन के बाद आए अनुराग कश्यप और लाल सिंह चड्ढा के महाफ्लॉप होने के पीछे उन्होंने जो कुछ कहा उसके बारे में जानकर तो आप अपना सिर ही पकड़ लेंगे। अनुराग कश्यप ने कहा कि हालात जितने गंभीर दिखाए जा रहे हैं उतने हैं नहीं। लोगों को कैसे पता कि साउथ की फिल्में चल रही हैं। उनको नहीं पता होगा कि पिछले हफ्ते वहां कौन सी फिल्म रिलीज हुई क्योंकि वहां भी हाल ऐसा ही है।
यहां तक तो ठीक था परंतु इसके आगे जो कुछ अनुराग कश्यप ने कहा, वो हैरान करने वाला था। उन्होंने बॉलीवुड की फिल्में नहीं चलने के लिए पनीर पर लगे GST को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास किए। उन्होंने कहा कि असल समस्या यह है कि लोगों के पास खर्च करने के लिए पैसे ही नही हैं। पनीर पर GST लगा हुआ है। खाने की चीजों पर GST लगाया हुआ है। इन सब चीजों से ध्यान भटकाने के लिए बायकॉट का खेल खेला जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर लोगों के पास फिल्म देखने के पैसे नहीं होते तो क्या द कश्मीर फाइल्स, RRR और केजीएफ-2 जैसी फिल्में चल पाती? इसी कड़ी में बॉलीवुड के कथित ‘एक्टर’ अर्जुन कपूर का गुस्सा बायकॉट के इस ट्रेंड पर फूट पड़ा और उन्होंने बॉलीवुड से एकजुट होकर इस बायकॉट अभियान के विरुद्ध लड़ाई लड़ने की बात कही है।
अर्जुन कपूर ने कहा कि “जवाब देने की बारी अब आ चुकी है। यह हर रोज बढ़ता ही चला जा रहा है। इंडस्ट्री के लोगों ने चुप रहकर गलती की। लोगों ने हमारी शालीनता का फायदा उठाया। लोगों के मन में जो आ रहा है, वे हमारे बारे में बोल रहे हैं। मैंने सोचा कि हमारा काम जवाब देगा, हम अपने हाथ क्यों गंदे करें परंतु अब चीजें हद से अधिक बढ़ रही हैं। बायकॉट सिस्टम लोगों की आदत बनता चला जा रहा है। हम सभी को एक साथ आना होगा और इसके खिलाफ आवाज उठानी पड़ेगी।”
परंतु यहां अर्जुन कपूर से प्रश्न यही है कि वो लड़ाई किसके विरुद्ध लड़ेंगे ? और इससे उन्हें हासिल क्या होगा? क्या दर्शकों को यूं धमकाकर वो उन्हें अपनी फिल्में देखने के लिए मजबूर करेंगे? वैसे अर्जुन कपूर को यह समझना चाहिए कि वो ऐसे एक्टर हैं जिनकी फिल्में बायकॉट हो या फिर न हो, चलनी तब भी नहीं है, क्योंकि उनकी फिल्मों को कोई पूछता नहीं है। ऐसे में बायकॉट अभियान पर उनका यह गुस्सा तो बेफिजूल ही नजर आता है।
ध्यान देने वाली बात है कि यह लोगों के गुस्से का ही परिणाम था कि लंबी छुट्टियां होने के बाद भी आमिर खान और करीना कपूर की फिल्म बुरी तरह से पिट रही है। 180 करोड़ में बनी लाल सिंह चड्ढा का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन दिन पर दिन घटता चला जा रहा है। पिछले 6 दिनों में इस फिल्म ने केवल 48.33 करोड़ का ही कारोबार किया है। परंतु बॉलीवुड के विरुद्ध लोगों का छेड़ा गया यह बायकॉट अभियान यही खत्म नहीं होने वाला, रणबीर कपूर की बह्मास्त्र, ऋतिक रोशन की विक्रम वेधा और शाहरुख खान की पठान भी अभी से बायकॉट ट्रेंड के लपेटे में आ रही है, जिससे बॉलीवुड के लिए समस्याएं और बढ़ने वाली हैं।
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