अमित शाह के साथ जूनियर एनटीआर: तेलंगाना में बीजेपी को चाहिए एक्स फैक्टर

दक्षिण की राजनीति में अपनी पैठ मजबूत करने के अथक प्रयास में लगे हैं अमित शाह

NTR

दक्षिण भारत की राजनीति में वहां की फिल्म इंडस्ट्री का विशेष प्रभाव देखने को मिलता रहा है। कांग्रेस की जड़ों को 60 से लेकर 90 के दशक में जिस तरह से वहां के फिल्मी सितारों ने उखाड़ फेंका था उसके बाद से तो आज तक कांग्रेस वहां अपनी वास्तविक स्थिति हासिल ही नहीं कर पायी है। दक्षिण की इस राजनीति में बीजेपी भी अपनी पैठ मजबूत करने के अथक प्रयास कर रही है। पहले एक संभावना रजनीकांत के रूप में दिखी दी लेकिन रजनी अन्ना ने राजनीति में न आने की घोषणा कर दी थी। ऐसे में बीजेपी जो इस समय तेलंगाना में अपना राजनीतिक प्रसार कर रही है उसने दिग्गज नेता की तीसरी पीढ़ी को साधने की कोशिश कर रही है। बात यहां जूनियर एनटीआर की हो रही है।

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मिशन मोड में हैं अमित शाह

तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव से लेकर AIMIM नेता असद्दुदीन ओवैसी ने एक अजीबो-गरीब मुस्लिम तुष्टिकरण का राज जमा कर रखा है और जनता अब इनसे बुरी तरह त्रस्त है। दूसरी ओर कांग्रेस की नौटंकियां भी आम आदमी द्वारा आजमायी जा चुकी हैं। ऐसे में वहां बीजेपी अपने लिए राजनीतिक जड़ों को मजबूत करने की जुगत में है। पिछले दो तीन वर्षों में राज्य में पार्टी ने यहां अपना संगठन खूब मजबूत किया है। पार्टी के चाणक्य और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी यहां की राजनीतिक स्थिति को लेकर मिशन मोड में काम करते रहे हैं।

अमित शाह रविवार को हैदराबाद के दौरे पर थे, इस दौरान उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी यानी रामोजी फिल्म सिटी का दौरा कर रामोजी राव‌ से मुलाकात की थी। अमित शाह ने यहां सुपरस्टार जूनियर एनटीआर से भी मुलाकात की जिसकी चर्चा राष्ट्रीय राजनीति में बहुत अधिक है। यह बात किसी से छुपी नहीं है कि तेलंगाना की राजनीति में जूनियर एनटीआर का कोई दखल नहीं है लेकिन राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो यह नाम उथल-पुथल मचाने के लिए काफी है।

अमित शाह ने जूनियर एनटीआर से मुलाकात की और उनकी जमकर तारीफ भी है। गृहमंत्री ने ट्वीट कर लिखा कि “यहां हैदराबाद में एक बहुत ही प्रतिभाशाली अभिनेता और तेलुगू सिनेमा के रत्न जूनियर एनटीआर के साथ अच्छी बातचीत हुई।” इस ट्वीट के साथ ही शाह ने जूनियर एनटीआर के साथ अपनी तस्वीरें भी शेयर की हैं। अब खास बात यह है कि एक तरफ अमित शाह राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं तो दूसरी ओर जूनियर एनटीआर फिल्मी जगत में अपने करियर की ऊंचाइयों पर हैं।

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अमित शाह का जूनियर एनटीआर से मिलना विशेष है

जूनियर एनटीआर जहां फिल्म जगत में RRR जैसी फिल्मों के चलते इंटरनेशनल लेवल पर ख्याति प्राप्त कर चुके हैं और अपने करियर के पीक पर हैं तो ऐसा नहीं है कि वे राजनीति से खास जुड़ाव रखते हैं, बल्कि असल खेल तो उनके दादा सीनियर एनटीआर का था जिन्होंने राज्य की राजनीति में तेलंगाना के अलग होने से पहले आंध्र पर एकछत्र राज किया था। NTR का राजनीति से कोई ताल्लुक नहीं था लेकिन जब उन्होंने राजनीति में कदम रखा तो राज्य में कांग्रेस जैसी पार्टी को नाकों चने चबवा दिए थे।

ऐसे में बीजेपी के लिए अमित शाह का जूनियर एनटीआर से मिलना एक एक्स फैक्टर हो सकता है। भले ही जूनियर एनटीआर राजनीति में न आएं लेकिन उनकी फिल्मी भविष्य सुनहरा माना जा रहा है। बीजेपी तेलंगाना में फिलहाल अपने राजनीतिक प्रसार में जुटी है। अहम बात यह है कि भले ही सीटों में पार्टी पीछे है लेकिन मुख्यमंत्री केसीआर यह जानते हैं कि बीजेपी अब राज्य में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में आ चुकी है। यही कारण है कि केसीआर आए दिन प्रधानमंत्री और मोदी समेत बीजेपी के केंद्रीय धड़े पर हमलावर रहते हैं।

ऐसे में बीजेपी की कोशिश हो सकती है कि तेलंगाना की राजनीति में जूनियर एनटीआर को एक एक्स फैक्टर बनाया जाए। इस एक्स फैक्टर का लाभ पार्टी को न केवल तेलंगाना बल्कि दक्षिण भारत की राजनीति में कई राज्यों के लिहाज से मिल सकता है जो कि पार्टी के लिए सहज होगा।

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