बॉलीवुड का ‘घमंडी सरगना’ करण जौहर कहता है बॉलीवुड को कोई ख़त्म नहीं कर सकता!

प्राण जाए पर करण जौहर की 'बकैती' न जाए

Karan Johar

एक होते हैं मूर्ख, फिर आते हैं ढपोरसंख और फिर आते हैं करण जौहर। प्राण जाए पर बकैती न जाए को मानो अपने मिंट मोहीटो में घोल के पी गए हैं ये महोदय। एक के बाद एक बॉलीवुड की अनेक फिल्में फ्लॉप हो रही हैं, 100-100 करोड़ कमा के भी फिल्में फ्लॉप हो रही हैं पर इनके लिए सब चंगा सी।

बॉलीवुड का विनाश हो रहा है

इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे करण जौहर इस अकड़ में हैं कि बॉलीवुड को कुछ नहीं हुआ है, ये जानते हुए भी कि इन्हीं के कुकर्मों के कारण बॉलीवुड का शनै-शनै विनाश हो रहा है। हाल ही में बॉलीवुड की वर्तमान अवस्था को लेकर करण जौहर से वार्तालाप की गयी। इनसे जब पूछा गया कि क्या वे इस बात को मानते हैं कि बॉलीवुड अपने विनाश की ओर अग्रसर हैं तो महोदय हंसी में उड़ाते हुए वो बोलते हैं कि यह सब बकवास है। अच्छी फिल्में हमेशा चलेंगी। ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ और ‘भूल भुलैया 2′ ने बड़ी कमाई की है। हमने ‘जुग जुग जीयो’ को भी अच्छी कमाई करते देखा है। जो फिल्म अच्छी नहीं होतीं वो कभी नहीं चल सकतीं।”

करण चचा, फेंकने की भी एक सीमा होती है और यहां तो आप नेक्स्ट लेवल खेल रहे हैं। अगर ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ और ‘जुग जुग जीयो’ ने अच्छी कमाई की है तो फिर उस लॉजिक से ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ ब्लॉकबस्टर होनी चाहिए, ‘जब हैरी मेट सेजल’ तो बॉक्स ऑफिस पर प्लेटिनम जुबली होनी चाहिए और तो और ‘शमशेरा’ को तो कान फिल्म फेस्टिवल में जाकर ‘पाम डी ओर’ यानी गोल्डन पाम पर दावा करना चाहिए।

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शमशेरा के फ्लॉप होने पर रो रहे थे संजय दत्त

परंतु ये अकेले नहीं हैं जिन्हें इस प्रकार के दौरे पड़ते हैं। अभी हाल ही में शमशेरा के फ्लॉप होने के पश्चात संजय दत्त इसकी असफलता के लिए ऑडियंस को ही दोषी ठहराते हुए दिखाई दे रहे थे। महोदय ने इंस्टाग्राम पर करण मल्होत्रा और रणबीर कपूर का समर्थन करते हुए पोस्ट कर लिखा कि फिल्में बनाना जुनून का काम हैं। एक कहानी कहने का जुनून, उन किरदारों को जीवन में लाने का जुनून, जिनसे आप पहले कभी नहीं मिले हैं। शमशेरा प्यार का एक ऐसा श्रम है, जिसे हमने अपना सब कुछ दे दिया। यह खून, पसीने और आंसूओं से बनी फिल्म है। यह एक सपना है जिसे हम पर्दे पर लेकर आए हैं। दर्शकों के मनोरंजन के लिए फिल्में बनाई जाती हैं और हर फिल्म को अपने दर्शक मिल जाते हैं, भले ही देर से मिलें। शमशेरा से बहुत से लोग नफरत करते हैं। मुझे यह बहुत अजीब लगता है कि लोग आपकी मेहनत की इज्जत नहीं करते। ये ठीक नहीं है। करण मल्होत्रा उन निर्देशकों में से एक हैं, जिन्होंने मुझे अग्निपथ फिल्म में कांचा चीना जैसा किरदार दिया। मैं उनका साथ हमेशा दूंगा।”

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अब ऐसे में इतना तो स्पष्ट है कि बॉलीवुड विनाश की ओर अग्रसर है। परन्तु, करण जौहर जैसे लोगों को लगता है कि कुछ नहीं, सब बढ़िया है। वैसे titanic के डूबने के पूर्व भी लोगों को ऐसा ही तो लगता था।

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