पुरुषों के विरुद्ध घरेलू हिंसा को सामान्य बनाने पर क्यों तुली हैं आलिया भट्ट!

आलिया भट्ट की "Darlings" पुरुष विरोधी है!

Alia Bhatt Darlings

बॉलीवुड वाले कहते हैं कि जनता उनके पीछे ऐसे ही पड़ी रहती है और बिना किसी कारण उनकी फिल्मों का बहिष्कार कर रही है। परंतु देखा जाए तो बॉलीवुड की जो मौजूदा परिस्थिति है उसके लिए वो स्वयं ही जिम्मेदार है। अब आप आलिया भट्ट की आने वाली फिल्म डार्लिंग्स को ही ले लीजिए। अन्य बॉलीवुड फिल्मों की तरह डार्लिंग्स भी सोशल मीडिया पर बॉयकॉट कैंपेन के लपेटे में आ गयी है। सोशल मीडिया पर #BoycottDarling ट्रेंड कर रहा है जिसके पीछे का कारण फिल्म के ट्रेलर में दिखायी गयी कुछ ऐसी चीजें हैं जो किसी भी कीमत पर स्वीकार करने योग्य नहीं है। किसी भी तरह से इनको जायज नहीं ठहराया जा सकता।

घरेलू हिंसा के इर्द-गिर्द है कहानी

दरअसल, डार्लिंग की कहानी घरेलू हिंसा के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है कि कैसे एक महिला घरेलू हिंसा का बदला अपने पति से लेती है। परंतु उसका बदला लेने का अंदाज भी बिल्कुल अनोखा है। फिल्म में आलिया भट्ट आपको बदरुनिसा शेख की भूमिका निभाती नजर आएंगी। वहीं उनके पति हमजा शेख के रोल में विजय राज दिख रहे हैं। शेफाली शाह भी डार्लिंग्स में मुख्य करिदार निभाती दिखायी देगीं। आप अगर डार्लिंग्स का ट्रेलर देखेंगे तो ऐसा ही प्रतीत होगा कि कैसे घरेलू हिंसा को इस फिल्म के माध्यम से मजाक के रूप में पेश किया जा रहा है। ट्रेलर में आपको देखने को मिलेगा कि आलिया बदले के नाम पर अपने पति को मारती-पीटती है, उनको टॉर्चर करती हैं और इसे बड़े ही डार्क कॉमेडी की तरह लोगों के आगे प्रस्तुत किया जा रहा है।

ट्रेलर के कुछ दृश्यों में देखने को मिलता है कि आलिया, विजय के हाथ बांधती हैं, उन्हें कड़ाही से पीटती हैं और वो अपने पति को प्रताड़ित करते हुए हर हद को पार कर जाती हैं। ऐसा करने को “औरतों के अपमान का बदला” के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। परंतु यहां कई तरह के प्रश्न उठते हैं जिस पर ध्यान देना होगा। घरेलू हिंसा को लेकर सबक सिखाने का यह कौन-सा तरीका होता है। क्या आलिया अपनी फिल्म के माध्यम से पुरुषों के प्रति हिंसा को बढ़ावा देने का प्रयास नहीं कर रही हैं? क्या वो घरेलू हिंसा को इस तरह कॉमेडी के साथ प्रस्तुत कर पुरुषों के विरुद्ध होने वाले घरेलु हिंसा को सामान्य नहीं बना रही है।

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घरेलू हिंसा समाज का एक बेहद ही गंभीर विषय है और उसका इस तरह से मजाक बनाना आखिर किस हद तक जायज लगता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारे देश में ऐसी कई महिलाएं हैं जो घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं। परंतु जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी तरह से महिलाओं के साथ तो ऐसी घटनाएं होती ही हैं, पुरुष के साथ भी घरेलू हिंसा की घटनाएं होती हैं। परंतु वास्तविक समस्या यह रही है कि इन मुद्दों पर ज्यादा ध्यान ही नहीं दिया जाता है, इस पर कभी बात ही नहीं होती है। अब आलिया भट्ट की डार्लिंग्स के ट्रेलर को देखकर तो ऐसा लगता है कि पुरुषों के प्रति घरेलू हिंसा को बढ़ावा देने और उकसाने की कोशिश की जा रही है, इसके साथ ही घरेलू हिंसा जैसे गंभीर विषय को भी सामान्य बनाया जा रहा है और मजाक भी बनाया जा रहा है।

डॉर्लिंग्स लोगों के निशाने पर है

इन्हीं कारणों से डॉर्लिंग्स लोगों के निशाने पर आ गयी है और लाल सिंह चड्ढा, रक्षा बंधन के साथ साथ लोग आलिया की इस फिल्म को भी बॉयकॉट करने की बात कर रहे हैं। एक यूजर ने डार्लिंग्स फिल्म को लेकर आपत्ति जताते हुए ट्विटर पर कहा- “पुरुषों के खिलाफ घरेलू हिंसा को सामान्य क्यों बनाया जा रहा और इसका मजाक क्यों बनाया जाता है। भारत में 3.4 करोड़ पुरुष घरेलू हिंसा का सामना करते हैं। यह स्वीकार्य नहीं है।“

वहीं एक अन्य यूजर ने तो आलिया भट्ट की तुलना एम्बर हर्ड के साथ कर दी और लिखा- “आलिया भट्ट और कुछ नहीं भारत की एंबर हर्ड हैं और वो पुरुषों के खिलाफ घरेलू हिंसा को बढ़ावा देती हैं और इसका मजाक बना रही है।

यहां यह भी जान लेना होगा कि डार्लिंग्स में आलिया भट्ट केवल अभिनय ही नहीं कर रही हैं बल्कि वो इसकी निर्माता भी हैं। जी हां, मैडम आलिया इस फिल्म के माध्यम से एक प्रोड्यूसर के रूप में डेब्यू भी करने जा रही हैं। डॉर्लिंग्स को गौरव वर्मा, आलिया भट्ट और गौरी खान ने मिलकर प्रोड्यूस किया है। फिल्म 5 अगस्त को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने को तैयार है। हालांकि इससे पहले ही फिल्म को बायकॉट करने की मांग जोर पकड़ रही है।

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आलिया भट्ट तो अब प्रोड्यूसर भी बन गयी हैं तो कम से कम फिल्म में क्या दिखाया जा रहा है इसकी थोड़ी जिम्मेदारी उनको भी तो उठानी ही चाहिए लेकिन अब ये आलिया को समझाए कौन, क्योंकि कुछ लोगों को छोड़ दिया जाए तो बॉलीवुड वाले एक ही थाली के चट्टेबट्टे हैं।

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