PFI की बड़ी साजिश का खुलासा, युवाओं को दी जा रही थी आतंकी हमले की ट्रेनिंग, अब NIA बजाएगी बैंड

कराटे के नाम पर ट्रेनिंग कैंप चला रहा था PFI

PFI, Telangana

Source- TFI

बाहरी ताकतों से तो एक बार फिर भी लड़ना आसान होता है परंतु समस्या तब गंभीर रूप ले लेती है जब दुश्मन आपके घर में ही बैठा हो। वर्तमान समय में देश के अंदर मौजूद दुश्मनों के कारण भारत कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहा है। देश के भीतर कुछ ऐसी ताकते हैं, जो भारत को तोड़ने का प्रयास करती रहती हैं। इसमें सबसे शीर्ष पर नाम आता है पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नामक संगठन का, जो हमेशा से ही देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहा है। देश में कोई हिंसा हो, कोई दंगा या फिर किसी भी प्रकार की देश विरोधी गतिविधि ही क्यों न हो, PFI की संलिप्तता हर जगह देखने को मिली है।

PFI भारत को एक इस्लामिक राष्ट्र बनाने के सपने देखता है और वह देश में इस्लामिक कट्टरता बढ़ाने के प्रयासों में जुटा रहता है। अब PFI के एक बड़े षड्यंत्र का फिर से खुलासा हुआ है, जिसके बाद  गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को निर्देश दिया है कि वह इस बात की जांच करे कि निजामाबाद में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की तरफ से कथित तौर पर चलाए जा रहे कराटे कैंप में लड़ाई और हथियारों की ट्रेनिंग दी जा रही है या नहीं।

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दरअसल, पीएफआई पर आरोप है कि यह संगठन तेलंगाना के निजामाबाद में कराटे ट्रेनिंग की आड़ में मुस्लिम युवाओं का ब्रेन वॉश करने का काम कर रहा था। पीएफआई कराटे प्रशिक्षण के बहाने युवाओं को लड़ने और हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहा था। इसी ट्रेनिंग सेंटर पर अब गृह मंत्रालय ने शिकंजा कसते हुए पूरे मामले की जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया है।

आरोपों के अनुसार कराटे प्रशिक्षक अब्दुल कादर समेत पापुलर फ्रंट आफ इंडिया से जुड़े 25 लोग इस पूरे षड्यंत्र का हिस्सा थे। निजामाबाद में यह लोग अब तक 200 युवाओं को प्रशिक्षण दे चुके हैं और अपने इस मॉडल के तहत ही आसपास के अन्य जिलों में कराटे प्रशिक्षण केंद्र खोलने की योजना में थे। कैंप के अंदर कराटे मास्टर अब्दुल कादर द्वारा युवाओं को दूसरे धर्म के खिलाफ उकसाने और कट्टरता का जहर घोलने का प्रयास किया जा रहा था। साथ ही आरोप तो यह भी लग रहे हैं कि मुस्लिम युवाओं को बरगलाने के लिए इन्हें विदेशों से फंडिंग भी मिल रही थी। साथ ही अब्दुल कादिर के पास से आपत्तिजनक दस्तावेज और  हथियार बरामद करने की भी बात सामने आई है।

ध्यान देने वाली बात है कि जुलाई महीने में पुलिस द्वारा अब्दुल कादिर समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद कराटे प्रशिक्षण के नाम पर चल रहे इस ट्रेनिंग सेंटर की पोल खुली थी। इस पर गृह मंत्रालय द्वारा भी सख्ती बरतते हुए पूरी मामले की जांच एनआईए ने कराने का निर्णय लिया गया। NIA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जल्द ही इस मामले में आतंकवाद रोधी धाराओं के तहत FIR दर्ज कर जांच शुरू की जाएगी।

NIA के अधिकारी के अनुसार, कराटे प्रशिक्षण की आड़ में युवाओं में कट्टरता का जहर घोलने और हथियार चलाने कर ट्रेनिंग का मामला पहली बार सामने आया है। इसके तहत जो युवा कराटे प्रशिक्षण लेने आते थे, उन्हें कट्टर धार्मिक साहित्य पढ़ने को दिया जाता था जिससे दूसरे धर्म के लोगों के प्रति उनके मन में नफरत पैदा की जा सके। कराटे की आड़ लेकर उन्हें विभिन्न तरह से हथियारों का प्रशिक्षण दिया जाता था, जिससे कि वो दूसरे धर्म के लोगों पर हमला कर सके। युवाओं को ब्रेन वाश कर PFI उनका उपयोग दंगे भड़काने और दूसरे धर्म के लोगों पर हमले के लिए करना चाहती थी।

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आपको बताते चलें कि पीएफआई हर तरह की साजिश रचकर देश के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने के प्रयासों में जुटा रहता है। यह संगठन देश में दंगे कराने में सबसे आगे रहता है। जब-जब यह संगठन सुर्खियों में आया है, तब तब भारत विरोधी एजेंडे में ही लिप्त पाया गया है। कई दंगों, कई जगहों पर हिंसा भड़काने में पीएफआई का नाम आ चुका है। जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप भी इस संगठन पर लगता रहा है। इसके अलावा लव जिहाद से जुड़े मामलों में पीएफआई की भूमिका देखने को मिली है। ऐसे में यह जरूरी होता जा रहा है कि केंद्र सरकार पीएफआई जैसे संगठनो पर और सख्ती दिखाई और इस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा कर खेल ही खत्म कर दे।

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