नीतीश कुमार ने गया तीर्थ के विष्णुपद मंदिर का अपमान किया है, अब उन्हें नारायण भी नहीं बचा सकते

नीतीश कुमार ने ‘गया तीर्थ’ जाकर ये क्या पाप कर दिया?

nitish kumar

कहते हैं कि जब कुछ अच्छा नहीं कर सकते हैं तो कुछ ऐसा भी न करें जिसके बाद आप समाज को मुंह दिखाने के योग्य न रह जाएं। परंतु बख्तियारपुर से आने वाले महोदय नीतीश कुमार सिंह ने मानो शपथ ले ली हो कि सत्ता के लिए हम तो किसी भी हद तक जा सकत हैं, चाहे अपनी माटी का विनाश ही क्यों ना करना पड़े।

इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे सत्ता में बने रहने की अंध लालसा में अब नीतीश ने एक ऐसा महापाप किया है कि स्वयं नारायण भी इनके विनाश को नहीं रोक सकते हैं।

और पढ़ें- नीतीश कुमार के विरुद्ध खड़ी हो गई है बिहार की जनता

सोचा नहीं था कि यहां अधर्म का राज होगा!

बिहार में जंगल राज ने वापसी की है, ये तो सभी को ज्ञात हो चुका है पर यहां अधर्म का राज होगा ये किसी को स्वप्न में भी आभास नहीं हुआ होगा। सनातन धर्म के सबसे पावन स्थलों में से एक गया में हाल ही में नीतीश बाबू दल-बल सहित पधारे। इन्होंने विष्णुपद मंदिर की यात्रा की जिसके पीछे काफी बवाल मच गया। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या कांड हो गया जिसके लिए नीतीश कुमार इतनी गालियां खा रहे हैं?

असल में बंधुवर विष्णुपद मंदिर में सूचना प्रादयौगिकी मंत्री इसराइल मोहम्मद मंसूरी के साथ प्रवेश किए और इस मंदिर में सदियों से गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। अरे मूर्ख, जड़मति, घोंचूचंद नीतीश, बुद्धि क्या आरजेडी मुख्यालय में छोड़ आए हो? तोहार पल्टूराम होने पर कुछ बोला है?  लेकिन जो अब तुमने किया है उसके लिए किसी भी प्रकार के अपशब्द, किसी भी प्रकार की निंदा, सदैव कम पड़ेगी।

इस मंदिर के बाहर साफ लिखा गया है कि इसमें गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। बावजूद इसके नीतीश अपने साथ मंदिर के भीतर सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री मोहम्मद इसरायल मंसूरी को लेकर गए।

और सुनिए, मंदिर से लौटने के बाद जहां बिहार सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री मोहम्मद इसराइल मंसूरी ने मीडिया से बात करते हुए अपनी खुशी जाहिर की और बोला कि, “मेरा संजोग है, सौभाग्य है कि मुझे सीएम नीतीश कुमार के साथ विष्णु पद मंदिर के गर्भ गृह का दर्शन करने का भी मौका मिला” –

और पढ़ें- नीतीश कुमार की नाक के नीचे चल रहा था फर्जी पुलिस स्टेशन

तीर्थों में पावन तीर्थ माना जाता है गया

भई, ये गया है, ये तीर्थों में पावन तीर्थ माना जाता है। यहां सनातनी अपने पूर्वजों का पिंड दान करने के लिए देश के कोने कोने से आते हैं। इस नगर का सनातन, जैन एवं बौद्ध धर्म में अपना महत्व है, इसका उल्लेख रामायण एवं महाभारत जैसे महाकाव्यों तक में हुआ है। ऐसे पावन नगरी के किसी पावन धाम को ऐसे अपवित्र करना, केवल इसलिए कि किसी तुच्छ पद पर आसीन रहा जा सके, उसके लिए तो नारायण भी आपको क्षमा नहीं कर पाएंगे नीतीश कुमार।

परंतु जनता भी इस बार शांत नहीं है। यह पता चलने के बाद कि गर्भगृह में एक गैर हिंदू का प्रेवश हुआ, प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभु लाल बिठ्‌ठल ने भगवान विष्णु से क्षमा मांगी। इसके बाद पहले गर्भगृह को गंगा जल से धोया फिर भगवान को भोग लगाया गया।

मंदिर के पंडितों ने भी इस घटना को गलत बताया है और बीजेपी ने भी इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य हरिभूषण ठाकुर बचौल ने इसे लेकर अपना आक्रोश व्यक्त किया है –

इतना ही नहीं, अभी कुछ दिन पूर्व ही पटना में इनका स्वागत पत्थरों से किया गया था, जी हाँ, पत्थरों से। पत्थरबाजी पटना जिले के गौरीचक थाना के सोहगी गाँव में हुई। सीएम सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों के होने के बाद भी अज्ञात लोगों ने इस हमले को अंजाम दिया। हालांकि घटना के समय नीतीश कुमार इस काफिले में नहीं थे।

पटना-गया मेन रोड वाले जिस रास्ते से काफिला गुजर रहा था, वहां एक युवक की हत्या से नाराज लोग प्रदर्शन कर रहे थे। ऐसे में उन्होंने काफिले को गुजरते देखा तो भीड़ और भड़क गयी। सड़कों से पत्थर उठाकर काफिले पर फेंके जाने लगे। इस पथराव में गाड़ियां तो क्षतिग्रस्त हुई हीं लेकिन साथ में कुछ लोग चोटिल भी हुए।

नीतीश कुमार के जैसे रंग-ढंग हैं उसका एक फल तो ये पत्थरबाजी वाली घटना को ही मान लीजिए और अब विष्णु पद मंदिर में गैर हिंदू को प्रवेश करने वाली घटना का उन्हें क्या फल मिलेगा ये तो नारायण ही जाने। किसी ने सही ही कहा है, भगवान की लाठी में आवाज नहीं होती लेकिन जब लगती है तो बहुत जोर की लगती है। ये बात नीतीश बाबू समझ नहीं रहे हैं लेकिन जब उन्हें आभास होगा तब तक तो बहुत देर हो चुकी होगी।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Exit mobile version