देसी कंपनियों को बेहतरीन बनाने के लिए मोदी सरकार की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है। सरकार ऐसी संस्थाओं को उन्नत बनाने के लिए कई बड़े कदम उठा रही है लेकिन इन कंपनियों में काम करने वाले सरकारी बाबुओं के दिमाग से ‘सराकरी का भूत’ नहीं निकल रहा है। वे अभी भी अपने सरकारी रवैये से बाहर नहीं निकल रहे हैं। BSNL के अधिकारियों की हालत भी कुछ ऐसी है लेकिन अब मोदी सरकार ने ऐसे अधिकारियों को स्पष्ट संकेत दे दिया है कि अगर ये लोग अपने सरकारी रवैये से बाज नहीं आए तो इन्हें निकाल कर बाहर फेंक दिया जाएगा।
दरअसल, सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी अश्विनी वैष्णव की एक ऑडियो क्लिप काफी तेजी से वायरल हो रही है, जिस पर तरह तरह की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। वायरल हो रही ऑडियो क्लिप में अश्विनी वैष्णव ने बीएसएनएल को स्पष्ट चेतावनी से यह बता दिया है कि सरकार का काम “सरकारी बाबू” वाले ढर्रे पर नहीं होना चाहिए अन्यथा एक्शन लिया जाएगा।
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सार्वजनिक क्षेत्र के दूरसंचार ऑपरेटर BSNL के कर्मचारियों के साथ अपनी पहली बैठक के दौरान दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक संक्षिप्त संदेश देने का काम किया। बैठक से एक लीक ऑडियो में उन्हें BSNL कंपनी के 62,000 कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए सुना गया कि जो कोई भी अच्छा प्रदर्शन नहीं करेगा, उसे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के लिए कहा जाएगा। ध्यान देने वाली बात है कि मोदी सरकार द्वारा बीएसएनएल के पुनरुद्धार के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा के कुछ दिनों बाद गुरुवार को कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक बुलाई थी। वहीं, वायरल हो रही ऑडियो क्लिप में दूरसंचार मंत्री को यह कहते सुना जा सकता है कि “मैं हर महीने प्रदर्शन को मापूंगा। जो काम नहीं करना चाहते हैं वे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले सकते हैं और घर जा सकते हैं या आपको स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के लिए मजबूर किया जाएगा जैसा कि रेलवे में हुआ था।”
ज्ञात हो कि बीएसएनएल को वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 27 जुलाई को 1.64 लाख करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी थी। कैबिनेट द्वारा अनुमोदित पुनरुद्धार उपायों में BSNL सेवाओं के उन्नयन, स्पेक्ट्रम आवंटन, इसकी बैलेंस शीट को कम करने और इसके फाइबर नेटवर्क को बढ़ाने के लिए नई पूंजी लगाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। अश्विनी वैष्णव ने कहा, “जिस तरह से पुनरुद्धार पैकेज बनाया गया है, दुनिया की कोई और सरकार इतना बड़ा जोखिम नहीं उठा सकती थी जितना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया है। यह कोई छोटा आवंटन नहीं था।”
आपको बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चयन का कोई सानी नहीं है। पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों में से एक और नाम पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में बीते वर्ष अश्विनी वैष्णव के रूप में शामिल हुआ था। मंत्री बनने के साथ ही अहम मंत्रिमंडलों का प्रभार दिए जाने के बाद यह तो सिद्ध हो गया था कि पीएम मोदी की वैष्णव से अपेक्षाएं बहुत हैं। वैष्णव को जो भी काम दिया गया उन्होंने उसे काफी बेहतरीन तरीके से किया है। उन्हें जो भी मंत्रिमंडल मिला, उन्होंने उसे ऊपर उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है और अब बारी दूरसंचार विभाग की है। ज्ञात हो कि मोदी कैबिनेट ने भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) का बीएसएनएल में विलय करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इस विलय से BSNL को 5.67 लाख किलोमीटर अतिरिक्त ऑप्टिकल फाइबर मिलेगा, जिसे देश की 1.85 लाख ग्राम पंचायतों में बिछाया जा चुका है। वहीं, जिस प्रकार अश्विनी वैष्णव ने 62 हज़ार कर्मचारियों को लताड़ लगाते हुए बाबुओं वाली नीति को त्यागने को कहा है, उससे यह सिद्ध होता है कि इस बार यह सख़्ती संस्था की बेहतरी और उसे बेहतरीन बनाने के लिए की गई है।
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