शाहरुख बन गया अभिषेक, इंडिया टुडे वालों घिन नहीं आती

क्या मजबूरी थी जो मुस्लिम हत्यारे को हिन्दू बताना पड़ा ?

INIDA TODAY

source - TFIPOST.in

जब कोई चीज आपके एजेंडे में फिट ना बैठे, तो सच ही छिपा दो और झूठ लोगों के आगे परोस दो। ऐसा ही काम आज हमारे देश के कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा किया जा रहा है। कई मीडिया संस्थान आज हिंदूफोबिक बनते चले जा रहे हैं। कई बार इन समूहों के द्वारा हिंदुओं को नीचा दिखाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस मामले में इंडिया टुडे मीडिया समूह सबसे आगे खड़ा नजर आता है। परंतु अब इंडिया टुडे सभी हदों को पार करते हुए एक ऐसे दरिंदे की रक्षा करने में जुटा है, जिसने ना केवल एक लड़की को जिंदा जलाया, बल्कि इसके साथ ही उसकी मौत पर बड़ी ही बेशर्मी से हंस भी रहा था। ऐसे ही हैवान की इंडिया टुडे द्वारा पहचान छिपाने की कोशिश गई है, वो भी केवल इसलिए कि वो एक समुदाय विशेष से संबंध रखता है।

दरअसल, हाल ही में झारखंड से ऐसी घटना सामने आई, जिसने हर किसी को हिलाकर रखा हुआ है। शाहरुख हुसैन नाम के दरिंदे ने 17 वर्षीय अंकिता कुमारी को जिंदा जलाकर मार दिया। अंकिता की गलती केवल यह थी कि उसने शाहरुख के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। इस घटना को लेकर पूरे देश में आक्रोश है और जनता एकजुट होकर अंकिता के हत्यारे शाहरुख को ऐसी कठोर सजा देने की मांग कर रही है कि आने वाले दिनों में ऐसी घटना को अंजाम देने की कोई सोचे भी न।

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मुस्लिम हत्यारे को हिन्दू बताया 

परंतु इंडिया टुडे अंकिता को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाने की जगह वो तो उसके हत्यारे को बचाने में ही जुटा है। दरअसल इस घटना की रिपोर्ट लिखते हुए मीडिया ग्रुप ने हत्यारे के नाम को ही बदलकर रख दिया गया । इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में अंकिता के हत्यारे को शाहरुख की जगह “अभिषेक” बताने के प्रयास किए। मीडिया संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में अभिषेक नाम का प्रयोग किया और कही भी यह नहीं उल्लेख किया कि यह बदला हुआ नाम है।

अपनी खबर में इंडिया टुडे ने सीधा सीधा फोटो कैप्शन में लिखा था- “आरोपित अभिषेक को पुलिस कस्टडी में हंसता हुआ देखा जा सकता है।“ इसके अलावा कंटेंट में मीडिया संस्थान ने लिखा था- “आरोपित अभिषेक को हंसते हुए देखा गया, जब उसे पुलिस द्वारा हथड़की पहानकर गाड़ी में लेकर जाया जा रहा था।“

हालांकि जल्द ही लोगों ने इंडिया टुडे की इस हरकत के बाद पकड़ लिया, जिसके बाद उसने अपने लेख में सुधार किया। परंतु तब तक कई लोग खबर का स्क्रीनशॉट ले चुके थे, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है और ऐसा करने के पीछे लोग इंडिया टुडे की मंशा पर प्रश्न खड़े करते नजर आ रहे हैं। एक ट्विटर यूजर ने कहा- “अंकिता सिंह को जिंदा जलाने वाले आरोपी का नाम शाहरुख है। परंतु इंडिया टुडे ने ‘सेक्युलर’ होने का फैसला किया और नाम बदलकर अभिषेक कर दिया।“

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अन्य लोग भी इस हरकत के लिए इंडिया टुडे को निशाने पर लेते नजर आए।

झारखंड में अंकिता सिंह के साथ घटी इस घटना ने हर किसी को सन्न है। बताया जाता है कि शाहरुख कई वर्षों से अंकिता के पीछे पड़ा था और उसे परेशान कर रहा था। शाहरुख के द्वारा अंकिता पर दोस्ती का दबाव बनाया जा रहा था। शाहरुख बार-बार अंकिता को जान से मारने की धमकी दे रहा था और अंत में उसे ऐसा करके ही सुकून मिला। 23 अगस्त को अंकिता जब अपने घर में सो रही थी, तो शाहरुख ने खिड़की से पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जला दिया। इस दौरान अंकिता 90 प्रतिशत तक जल चुकी थीं। पांच दिनों तक अंकिता जिंदगी और मौत से लड़ती रही और अंत में शनिवार देर रात को दम तोड़ दिया।

केवल इतना ही नहीं। अंकिता को यूं बेरहम से मारने के बाद भी शाहरुख के चेहरे पर जरा भी पछतावा, डर, शर्म कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। उल्टा घटना को अंजाम देने के बाद वो तो हंस रहा था। पुलिस ने जब उसे हिरासत में लिया, तो वो निर्लज्जता से हंसता हुआ नजर आया। शाहरुख की हंसी वाली तस्वीर देखकर तो मानो लोगों का गुस्सा और भड़क गया। परंतु इंडिया टुडे ऐसे ही दरिंदे की पहचान छिपाने के प्रयास करता दिखा है। इससे घिनौना भला और क्या हो सकता है।

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