राजनीति में जो दिखता है वो होता नहीं है और जो होता है वो बाद में दिखता है. भारत में जात-पात से लेकर दाल-भात तक की राजनीति होती है, इसके बाद भी भारत के लोगों को वामपंथी मीडिया, किराए के इंटेलेक्चुअल और बिकाऊ लिबरल धोखे में रखने में सफल हो जाते हैं. गालीबाज श्रीकांत त्यागी को आप जानते होंगे. वही नोएडा का गुंडा, जिसने ग्रेंड ओमैक्स सोसाएटी में एक महिला को धमकी दी और उसके साथ अभद्रता की थी. श्रीकांत त्यागी का वीडियो वायरल हुआ, बवाल मचा, उसके बाद जो होता है वो सबकुछ हुआ।
लेकिन इस बार सबकुछ के साथ श्रीकांत त्यागी को भाजपा का नेता साबित करने का घृणित खेल भी खेला जा रहा था लेकिन सच्चाई को कोई कब तक छिपा कर रख सकता है। अब सच्चाई सभी के सामने आ गई है, त्यागी समाजवादी पार्टी के बड़े नेता का चेला है. इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे स्वामी प्रसाद मौर्या के चेले श्रीकांत त्यागी को भाजपा का नेता बताने की साजिश हुई और लोगों ने इस पर भरोसा भी कर लिया!
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इस तस्वीर को ध्यान से देखिए, गाड़ी को मत देखिए, उस पर लगे स्टीकर को देखिए जिस पर लिखा है- विधायक. नीचे लिखा है, विधानसभा सचिवालय है. इसी गाड़ी में बैठकर श्रीकांत त्यागी भाग रहा था. सचिवालय के स्टीकर वाली गाड़ी त्यागी के पास कहां से आई या फिर त्यागी ने अपनी गाड़ी पर सचिवालय का स्टीकर कहां से लगाया यह हम आपको बताएंगे लेकिन उससे पहले आप जान लीजिए कि जब भाजपा सांसद महेश शर्मा ग्रैंड ओमेक्स सोसाएटी में लोगों के बीच खड़े थे और अपनी सरकार पर शर्मिंदा हो रहे थे, उस वक्त स्वामी प्रसाद मौर्या का चेला श्रीकांत त्यागी नोएडा से मेरठ होते हुए हरिद्वार और ऋषिकेश में घूम रहा था. यूपी पुलिस के ऊपर बहुत प्रेशर था. बात लखनऊ के बाद दिल्ली तक पहुंच गई थी. सांसद महेश शर्मा गुस्से में थे. फिर भी श्रीकांत त्यागी पकड़ में नहीं आ रहा था, आप जानते हैं क्यों? क्योंकि वो सचिवालय की स्टीकर वाली गाड़ी में शहर दर शहर घूम रहा था. स्टीकर देखकर गाड़ी कोई नहीं रोकता था और वो इसका फायदा उठाते हुए शहरों की यात्रा करता रहा. तो आपको बता दें कि जिस स्टीकर ने त्यागी को बचाया, जिस स्टीकर ने त्यागी को भगाया, वो स्टीकर त्यागी को स्वामी प्रसाद मौर्या ने दिलाया था.
स्वामी प्रसाद मौर्या, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के बड़े नेता हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में ही उन्होंने भाजपा का साथ छोड़कर अखिलेश की साईकिल पकड़ी थी जो पंचर हो गई! इन्हीं स्वामी प्रसाद मौर्या का चेला है श्रीकांत त्यागी. पुलिस ने जब मेरठ से इसे पकड़ लिया तो स्वयं उसने कबूला है कि स्वामी प्रसाद मौर्या ने ही उसे सचिवालय का स्टीकर दिलवाया था. इससे यह समझ में आता है कि राजनीति में जो दिख रहा है, उसको नहीं मानना है. दिख तो यह रहा था कि श्रीकांत त्यागी भाजपा का कोई ‘छुटभैय्या नेता’ है क्योंकि भाजपा के करीब-करीब सभी बड़े नेताओं के साथ उसके फ़ोटो सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे थे, जबकि सारी चीजें इसके बिल्कुल उलट हो रही थी. समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या उसे बचा और भगा रहे थे.
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लेकिन यह तो कुछ भी नहीं है, आयरनी तो इसके बाद आती है. श्रीकांत त्यागी जब भाग गया तो गौतमबुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा उस सोसाएटी में पहुंचे और उन्होंने कार्रवाई की मांग की. उसके बाद ही त्यागी के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया गया, सोसाएटी के अंदर त्यागी का जितना भी अवैध निर्माण था- उसे गिरा दिया गया. त्यागी की गाड़ियां जब्त कर ली गईं, उसके ऊपर गैंग्स्टर की धारा लगा दी गई, इसके साथ ही त्यागी के ऊपर 25 हजार का इनाम घोषित कर दिया गया. इसके बाद भी ट्वीटर पर अखिलेश यादव जोकि समाजवादी पार्टी के सर्वेसर्वा हैं, उन्होंने महेश शर्मा की वीडियो डालते हुए कहा कि सरकार काम नहीं कर रही है, कानून व्यवस्था बहुत ख़राब है. लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि उन्हीं के साथ बैठकर चाय पी रहे स्वामी प्रसाद मौर्या, त्यागी को बचाने और भगाने में लगे हुए थे. तो यह होती है असली राजनीति, जिसे आप सभी को समझना बहुत आवश्यक है.
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