एक होते हैं गिरगिट, एक होते महागिरगिट और तब आते हैं लिबरल गिरगिट। पिछली तीनों श्रेणियों में लिबरल गिरगिट सबसे विनाशक श्रेणी है जो अपने कहे को एक पक्ष तक सीमित रख अपना स्वार्थ साधते हैं। इन्हीं तत्वों के लिए नूपुर शर्मा विनाश का कारक, समाज की विभाजक हैं पर बीते शुक्रवार, 12 अगस्त 2022 को न्यू यॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी पर हमला हुआ था। हमेशा की भांति लिबरलों ने हमलावर की ‘कोई जात नहीं’ का राग जमकर अलापा। ये वही लोग हैं जो नूपुर शर्मा को देश का दुश्मन घोषित कर चुके हैं पर ये सलमान रुश्दी के हमलावर पर चुप्पी साधकर बैठ गए।
दरअसल, चर्चित लेखक सलमान रुश्दी 12 अगस्त 2022 व्याख्यान देने हेतु एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उनके लिए कार्यक्रम भी निर्धारित था पर कार्यक्रम में रुश्दी के व्याख्यान शुरू होने से ठीक पहले एक व्यक्ति मंच पर पहुंचा और रुश्दी पर कई बार चाकू से वार कर दिया। बाद में जब हमलावर की पहचान सार्वजनिक हुई तो पता चला कि पश्चिमी न्यूयॉर्क में रहने वाले 24 वर्षीय हादी मटर द्वारा सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला किया गया। पहचान सार्वजनिक होने के बाद तो मानो इस्लामिस्टों के कुनबे में भयंकर सन्नाटा पसर गया। चूंकि लिबरलों को तो हमले की निंदा करनी ही थी क्योंकि घटना आम नहीं थी पर यह गुट हमलावर पर हमलावर न होते हुए कैसे निंदा कर ख़ानापूर्ति की जाए, उसपर जुट गया।
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सहिष्णुता की प्रतिमूर्ति जावेद अख़्तर ने ट्वीट करते हुए लिखा, “मैं कुछ कट्टरपंथियों द्वारा सलमान रुश्दी पर बर्बर हमले की निंदा करता हूं। मुझे उम्मीद है कि न्यूयॉर्क पुलिस और अदालत हमलावर के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी।”
I condemn the barbaric attack on Salman Rushdie by some fanatic . I hope that NY police and the court will take the strongest action possible against the attacker .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) August 12, 2022
द वायर की आरफा खानम शेरवानी ने लिखा, “भयावह और क्रुद्ध करनेवाला! हम इस हिंसक कट्टरवाद की कड़ी निंदा करते हैं। सलमान रुश्दी के जल्द ठीक होने की दुआ कर रहे हैं। लेखक सलमान रुश्दी को न्यूयॉर्क में स्टेज पर चाकू मारा गया।”
Horrifying and infuriating !
Deeply condemn this violent fundamentalism.
Praying for Salman Rushdie’s speedy recovery.
Author Salman Rushdie Stabbed on Stage in New York, in Surgery https://t.co/AQJF2rJnvH— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) August 13, 2022
वहीं, 2-3BHK में व्यस्त स्वघोषित पत्रकार रोहिणी सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, “बेशक नुपुर शर्मा और सलमान रुश्दी की तुलना नहीं की जा सकती। नुपुर एक धर्मांध है, रुश्दी नहीं। लेकिन नूपुर की जान को भी गंभीर खतरा है। राज्य को उसे सुरक्षा देनी चाहिए। किसी को भी डर के साये में नहीं रहना चाहिए।” अगले ट्वीट में मैडम ने लिखा, “अभिव्यक्ति की कोई स्वतंत्रता नहीं है यदि इसमें अपमान करने का अधिकार शामिल नहीं है। आपत्तिजनक शब्द सामाजिक स्वीकृति या पार्टी की स्थिति की गारंटी नहीं देते हैं। लेकिन वे जेल या जीवन के लिए खतरनाक खतरों के लायक नहीं हैं। आप लोगों को डरा कर धर्म का सम्मान नहीं करवा सकते।”
Of course Nupur Sharma and Salman Rushdie cannot be compared. Nupur is a bigot, Rushdie isn’t. But there is grave threat to Nupur’s life too. The state must give her protection. No one should have to live in constant fear of brutal attack because they said obnoxious things.
— Rohini Singh (@rohini_sgh) August 13, 2022
इसके बाद कथित पत्रकार राणा अय्यूब ने ट्वीट करते हुए लिखा, “निशब्द।” अगले ट्वीट लिखते हुए अय्यूब ने लिखा, हम प्रार्थना करते हैं कि सलमान रुश्दी जल्द स्वस्थ हो जाएं, अपडेट का इंतजार है।
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No words
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) August 12, 2022
आपने ध्यान दिया होगा कि इस ट्वीट के खेल में एक समानता आपको अवश्य दिखी होगी, वह ये है कि इनमें से किसी ने भी हमलावर 24 वर्षीय हादी मटर का नाम नहीं लिया। वजह भी साफ़ थी क्योंकि हादी समुदाय विशेष का है तो उनके एजेंडे में फ़िट नहीं बैठ रहा था, जिसके परिणामस्वरूप इन लिब्रांडुओं ने न ही उसका नाम लिया और न ही कुछ अधिक कहा।
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