हर चुनाव किसी न किसी के केंद्र में ही संपन्न होता है। हर पार्टी एक बिंदु तय कर लेती है कि इसके इर्द-गिर्द ही वो चुनाव लडेंगे और जीतेंगे भी। कर्नाटक में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पुनः सत्ता में वापसी करने के लिए प्रयासरत सत्ताधारी पार्टी भाजपा अपने काम में लग गई है कि कैसे कर्नाटक के किले को अपने पास बरकरार रख सकें। इसी उद्देश्य से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बी.एस. येदियुरप्पा ने कई मिथकों को तोडने के प्रयास में मंगलवार को मैसूर से वीर सावरकर रथ यात्रा की शुरुआत की। कर्नाटक में येदियुरप्पा की यह सावरकर रथ यात्रा कांग्रेस के लिए राज्य में समूल नाश की सुगबुगाहट है।
कर्नाटक में इन दिनों सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा वीर सावरकर की वाहवाही पर सवाल उठा रही विपक्षी कांग्रेस पार्टी के साथ विवाद के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बी.एस. येदियुरप्पा ने मंगलवार को वीर सावरकर रथ यात्रा की शुरुआत की ताकि लोगों को उनके योगदान और बलिदान के बारे में जागरूक किया जा सके। निश्चित रूप से वीर सावरकर बलिदानी थे यह पचा पाना आज भी देश के एक तबके के लिए मुश्किल जान पडता है।
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इसी क्रम में अब भाजपा इस काम में जुट गई है कि जिन वीर सावरकर को इंदिरा गांधी ने तक वीर कहा था, उनको मानने वाले आज के कांग्रेसी उन्हीं वीर सावरकर को गलत कहते हैं। इस यात्रा का शुभारम्भ कर्नाटक के ऐतिहासिक शहर मैसूर से हुआ। येदियुरप्पा ने मैसूर पैलेस के परिसर में कोटे अंजनेय मंदिर से यात्रा शुरू की। ज्ञात हो कि राज्य के प्रमुख विपक्षियों में से एक, पूर्व मुख्यमंत्री, कर्नाटक विधानसभा में नेता विपक्ष, सिद्धारमैया का गृह जनपद भी मैसूर ही है। इस रथ यात्रा का आयोजन सावरकर फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है।
यात्रा का शुभारंभ करते हुए येदियुरप्पा ने कहा, “यह चित्रित करना गलत है कि वीर सावरकर स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे। केवल वे लोग जिन्हें धर्म और राष्ट्र का विचार नहीं है। वे इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना बयान दे सकते हैं। वीर सावरकर पर विपक्ष के नेता सिद्धारमैया का बयान उनकी गरिमा के अनुरूप नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि, “अगर वह इस तरह के बयान देते रहे तो राज्य की जनता उन्हें सबक सिखाएगी। हम लोगों के बीच वीर सावरकर की देशभक्ति का प्रचार करेंगे।”
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सावरकर के विचारों को फैलाना है उद्देश्य
यह रथ यात्रा विशेष उद्देश्य के साथ शुरू की गई है। रथ यात्रा 30 अगस्त तक मैसूर, मांड्या और चामराजनगर जिलों में चलेगी। रथ यात्रा के दौरान वीर सावरकर के मूल्यों और सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। यह कांग्रेस की आदत रही है कि जिनको भाजपा विशेष स्थान देती है उन पर विरोधी स्वर उठना स्वाभाविक है। वहीं आगामी चुनावों के लिए सावरकर की गलत छवि बनाने वाली कांग्रेस बनाम भाजपा से होना तय है। यह स्वयं भाजपा के लिए आवश्यक भी है क्योंकि वो दक्षिण के राज्यों में एक कर्नाटक पर ही सत्ता में बनी रही है ऐसे में अन्य दक्षिण राज्यों को साधने के लिए भाजपा का कर्नाटक में बने रहना भाजपा के समय की मांग है।
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