ब्रह्मास्त्र एक औसत हिट भी नहीं परंतु नंबर फेंक फेंक एक अलग ही नैरेटिव बनाया जा रहा है

शुरू हो गया है बॉलीवुडिया गैंग का 'ब्रह्मास्त्र स्कैम'!

Brahamastra

Source- TFI

अति उत्तम!

बॉयकॉट गैंग के मंसूबे नाकाम!

ट्रोल्स के मुंह पर करारा तमाचा!

अंतरराष्ट्रीय बॉक्स ऑफिस पर टॉप 3 की सूची में ब्रह्मास्त्र!

बॉलीवुड का सूखा खत्म!

ब्रह्मास्त्र ब्लॉकबस्टर, जल्द ही होगी 300 करोड़ पार!

भाईसाब, सुनकर तो बड़ा आनंद आ रहा होगा और कई को दुख भी लग रहा होगा। परंतु यह खेल इतना भी सरल नहीं है और न ही इसे खेलने वाले खिलाड़ी। जिस भ्रम में ये जनता को डाल रहे हैं, उसे देख तो बड़े से बड़ा घोटालेबाज भी चकित हो जाए कि भई हमसे कहां चूक हो गई। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे ब्लॉकबस्टर तो छोड़िए, अयान मुखर्जी की ‘ब्रह्मास्त्र’ एक औसत सक्सेस भी नहीं है। मौजूदा समय में नंबरों को तोड़ मरोड़कर एक अनोखा नैरेटिव तैयार किया जा रहा है ताकि जनता को हीन दिखाया जा सके और बॉलीवुड के घटिया कंटेंट को बढ़ावा दिया जा सके।

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जो भी कहिए, एक बात के लिए करण जौहर की प्रशंसा तो करनी पड़ेगी, जो भी हो उसने अपनी दृढ़ता नहीं छोड़ी। आपको क्या लगा, जब उसने ये बोला कि वह ‘ऐसे ट्रोल्स को सीरियसली नहीं लेता’ तो क्या आप सच में उसे हल्के में ले लिए। यह करण जौहर है, बॉलीवुड का वो कॉकरोच, जो किसी भी स्थिति में बच निकलेगा, चाहे फर्जी कलेक्शन का मकड़जाल ही क्यों न बनाना पड़े। अब यह मॉडल ‘जुग जुग जीयो’ पर भले ही सुपरफ्लॉप सिद्ध हुआ हो परंतु करण जौहर ने ठान लिया, झुकने का नहीं!

हुआ भी वही, बॉलीवुड के इस कॉकरोच ने ऐसा भ्रमजाल फैलाया कि अब मीडिया में लगभग हर रिपोर्ट ब्रह्मास्त्र की विरुदावली से ही भरा पड़ा है। कोई ये नहीं बताएगा कि वास्तव में कितना कलेक्शन रहा परंतु सब लाइन से कहेंगे कि ब्रह्मास्त्र ने बॉलीवुड की लाज रख ली, ब्रह्मास्त्र ने बॉयकॉट गैंग को सबक सिखाया यानी ब्रह्मास्त्र के माध्यम से नेपोटिज्म की जीत हुई और जनता की हार।

ब्रह्मास्त्र को प्रदर्शित हुए अभी चंद दिन हुए हैं परंतु इसके विवाद खत्म होने के नाम ही नहीं लेते। सनातन धर्म से इसके नाते पर चर्चा तो बाद में, पहले इसके बॉक्स ऑफिस पर ही चर्चा करते हैं। विराट कोहली और के एल राहुल के निजी जीवन पर इतनी चर्चा नहीं हो रही है, जितना इस फिल्म के डेली बॉक्स ऑफिस स्टेटस पर हो रही है और कई ट्रेड एनालिस्ट्स एवं स्वघोषित क्रिटिक्स तो इस फिल्म को लेकर इतने उत्साहित है, जितना स्वयं इस फिल्म के खुद के स्टारकास्ट भी नहीं होंगे।

उदाहरण के लिए इस क्रिटिक को देख लीजिए। अजय ब्रह्मात्मज नामक इस क्रिटिक को ब्रह्मास्त्र के सफलता की इतनी खुशी नहीं है, जितना बॉयकॉट बिरादरी की ‘असफलता’ से है. इनका ट्वीट देखिए, “बहिष्कार गैंग बगले झांक रहा है। दर्शकों ने ब्रह्मास्त्र को प्यार दिया और स्वीकार किया”

अब ये अकेले नहीं थे। “सिटीलाइट्स”, “स्कैम 1992” जैसे प्रोजेक्ट्स देने वाले फिल्मकार हंसल मेहता ने मानो केवल जनता को चिढ़ाने के उद्देश्य से एक साक्षात्कार में कहा, “मुझे ब्रह्मास्त्र के नाइट शो के लिए टिकटें ही नहीं मिल रही थी। मुझे ये फिल्म बड़ी पसंद आई। मुझे नहीं पता किसे इससे चिढ़ मच रही है पर मुझे तो बड़ी पसंद आई और मैं बड़ी बेसब्री से इसके दूसरे पार्ट का इंतज़ार कर रहा हूं।”

ऐसा है कि चीन भी बड़ा छाती ठोक के बोल रहा था कि गलवान में उसे कुछ हुआ ही नहीं, जबकि वास्तविकता क्या थी ये किसी से छिपी नहीं है। परंतु सत्य क्या है? ओपनिंग वीकेण्ड में ब्रह्मास्त्र विश्वभर में 9000 स्क्रीनों पर प्रदर्शित हुई, जिसमें से लगभग 6000 तो अकेले भारत में ही थे। अब प्रथम दिन का कलेक्शन कितना गया? मीडिया की माने, तो 40 करोड़ से ऊपर और ओपनिंग वीकेंड तो भैया 140 करोड़ तक और विदेशी कलेक्शन मिलाकर लगभग 240 करोड़ तक पहुंच गया। स्वयं धर्मा प्रोडक्शन तक ने माना कि उसका ओपनिंग वीकेंड 225 करोड़ है।

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परंतु सत्य तो कुछ और ही है। बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के अनुसार, ओपनिंग वीकेंड में इस फिल्म ने लगभग 120.75 करोड़ की कमाई की है। इसमें अगर विदेशी कलेक्शन जोड़ दें तो 209.47 करोड़ होंगे। ये धर्मा के बताए आंकड़ों से कहीं कम है और अगर घरेलू आंकड़ों पर ध्यान दे तो 410 करोड़ के बजट के मुकाबले ये उसका आधा भी नहीं है।

अब इसकी तुलना में जिन फिल्मों को पछाड़ने की बातें मीडिया द्वारा की जा रही है, उन पर भी कृपा दृष्टि डालते हैं। RRR ओपनिंग वीकेण्ड में 500 करोड़ से अधिक का वैश्विक कलेक्शन बटोर लाई, जो उसके 550 करोड़ के बजट को ही रिकवर करने के लिए आवश्यकता से अधिक था। दूसरी ओर, KGF चैप्टर 2, जो मात्र 100 करोड़ के बजट में बनी, उसने 400 करोड़ से अधिक का कलेक्शन किया। यहीं नहीं, द कश्मीर फाइल्स, जो मात्र 15 करोड़ के बजट में बनी, उसने भी ओपनिंग वीकेण्ड में अपने बजट से कहीं अधिक 27 करोड़ कमा लिया। ऐसे में ब्रह्मास्त्र का कलेक्शन किसी मज़ाक से कम नहीं है परंतु वह वास्तव में उतनी ही बड़ी हिट है, जितना गलवान घाटी में चीन की विजय और भारत पाकिस्तान के युद्ध में पाकिस्तान की औकात, आगे आप समझदार हैं!

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