BYJUs का घाटा 17 गुना बढ़ा, धीमी मौत मर रही है कंपनी

हमने पहले ही आपको बताया था!

BYJUs

एक वक्त ऐसा था जब ऑनलाइन पढ़ाई की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। हम यह सोच नहीं सकते थे कि बिना स्कूल-कॉलेज जाए घर बैठे ही लैपटॉप, कंप्यूटर या स्मार्टफोन के माध्यम से पढ़ाई संभव है। परंतु फिर परिस्थिति बदल गयी। कोरोना महामारी ने दस्तक दी और पूरी दुनिया उलट-पलटकर रह गयी और इसी दौरान शुरू हुआ ऑनलाइन पढ़ाई का दौर। कोरोना महामारी का यह दौर BYJUs के लिए किसी वरदान से कम नहीं साबित हुआ। इस दौरान कंपनी की किस्मत खुल गयी थी और कंपनी बहुत मुनाफा कमाने लगी थी। परंतु ऐसा प्रतीत होता है कि कोरोना महामारी के बाद सामान्य होते हालात के बाद BYJUs के अच्छे दिन लद गए हैं।

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बर्बादी की ओर BYJUs

TFI द्वारा आपको यह लगातार बताया जा रहा है कि दो वर्षों पूर्व जो BYJUs मुनाफे में चल रही थी, वो कैसे अब बर्बाद होती चली जा रही है। लगातार यह अनुमान जताए जा रहे हैं BYJUs दिवालिया होने की कगार पर आकर खड़ी हो गयी है। हमारी इन बातों की पुष्टि करते हुए अब वित्त वर्ष 2020-21 के वित्तीय परिणाम एक वर्ष की देरी के बाद सामने आए हैं जो देश की सबसे बड़ी एडटेक कंपनी BYJUs की वर्तमान हालत को जाहिर कर रहे हैं।

दरअसल, वित्त वर्ष 2020-21 में BYJUs का घाटा 17 गुना बढ़ गया है। कंपनी को 4500 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है, जो एक वर्ष पूर्व यानी वित्त वर्ष 2019-20 में 262 करोड़ रुपये था। इसके साथ ही कंपनी के राजस्व में भी भारी कमी आयी है। BYJUs का राजस्व 2020-21 में 14 फीसदी घटकर 2428 करोड़ रुपये रह गया है जबकि पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का राजस्व 2704 करोड़ रुपये रहा था।

हालांकि इस घाटे के पीछे कंपनी के सीईओ बायजू रवींद्रन की तरफ से इस पर सफाई भी दी गयी है। उन्होंने कहा कि घाटे को लेकर चिंतत होने की आवश्यकता नहीं है। बायजू रवींद्रन के अनुसार अकाउंटिंग प्रैक्टिस में हुए कुछ बदलाव के कारण घाटा अधिक दिख रहा है और रेवेन्यू के आंकड़ों में कारोबार में हुई महत्वपूर्ण वृद्धि का हिस्सा नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्व का कुछ हिस्सा वित्त वर्ष 2022 के आंकड़ों में दिखायी देगा। इससे मजबूत वित्तीय ग्रोथ और बेहतर आंकड़े सामने आएंगे।

इन परिणामों से स्पष्ट होता है कि BYJUs इस वक्त काफी खस्ता हाल में है। परंतु यहां सबसे बड़ा प्रश्न जो उठता है वो यह है कि आखिर कंपनी इन परिस्थितियों में कैसे पहुंची? आखिर ऐसा क्या हुआ जो कुछ समय पहले ही मुनाफे कमाने वाली कंपनी अचानक डूबने की स्थिति में पहुंच गयी?

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BYJUs की शुरुआत कैसे हुई?

2003 के आसपास, बायजू रवींद्रन ने कैट परीक्षा में बैठने वाले अपने कुछ दोस्तों की मदद करने का निर्णय लिया था। उन्होंने भी प्रतियोगी परीक्षा का प्रयास किया और दो बार 100 पर्सेंटाइल हासिल किए। हालांकि उन्होंने भारत के शीर्ष बिजनेस स्कूलों में अपनी नौकरी चुनी। इसके बाद उनके मन में विचार आया कि छात्रों को पढ़ाना शुरू किया जाए।

शुरुआत में तो बायजू ने कम ही छात्रों को पढ़ाना शुरू किया था, परंतु बाद में उन्होंने अपने शिक्षण कौशल को एक प्रमुख व्यावसायिक उद्यम में बदल दिया। एड-टेक की दिग्गज कंपनी BYJU को शुरुआत में थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया था, जो कि बायजू रवींद्रन, दिव्या गोकुलनाथ और 2011 में छात्रों के एक समूह द्वारा स्थापित एक कंपनी थी।

अगस्त 2015 में फर्म ने “BYJU’s: The Learning App” लॉन्च किया, जो कंपनी के लिए गेमचेंजर साबित हुआ। स्मार्टफोन की बढ़ती लोकप्रियता के साथ ही BYJUs का यह ऐप भी पॉपुलर होने लगा था। 2018 के अंत तक कंपनी के 15 मिलियन उपयोगकर्ता थे, जिसमें 9 मिलियन ग्राहक ऐसे थे जो पैसे देकर पढ़ाई करते थे।

पिछले दो साल एडटेक दिग्गज BYJU’S के लिए बहुत ही शानदार रहे हैं। यह समय ऐसा था जब BYJU के दरवाज़े पर निवेशकों का ढेर लगा रहा। BYJU’S के पास इतना पैसा था कि वह दूसरे ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म की खरीदारी की होड़ में लग गया। इस दौरान BYJU’S अधिग्रहण की होड़ में लग गया। BYJU’S ने वर्ष 2021 में अधिग्रहण पर $2.4 बिलियन से अधिक खर्च किए। वहीं BYJU’S ने वर्ष 2020 में वाइट हैट जूनियर और अमेरिकी कंपनी-ऑस्मो को खरीदा। 2021 में जियोजेब्रा, हूडैट, हैशलर्न, ग्रेडअप, टॉपर, स्कॉलर, टिंकर, डिजिटल बुक प्लेटफॉर्म-एपिक, ग्रेटलर्निंग जैसे प्लेटफार्म को खरीदा और आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड, जिसे जेईई और नीट जैसी परीक्षाओं की तैयारी करवाने के लिए जाना जाता है वह BYJU’S की अब तक की सबसे बड़ी खरीद थी। आकाश को खरीदने के लिए BYJU’S ने लगभग एक बिलियन डॉलर में सौदा पक्का किया। यह भारतीय एडटेक स्पेस में अब तक का सबसे बड़ा और महंगा अधिग्रहण था।

BYJU’S ने अपनी समूह कंपनियों में 2,500 कर्मचारियों को काम से निकाल दिया है। हालांकि BYJU’S का कहना था की स्कूल खुलने के बाद एडटेक सेवाओं की मांग में कमी के चलते यह कदम गया है। साथ ही, वाइट हैट जूनियर और टॉपर में 500 से कम लोगों की छंटनी की गयी है। वही छंटनी किए गए कर्मचारियों का दावा है कि अकेले टॉपर में लगभग 1,100 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है।

वह एक के बाद एक कई ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म खरीदते जा रही थी और देखा जाए तो BYJU’S के खरीदे हुए प्लेटफार्म वाकई में काफी अच्छे भी थे। परंतु शायद BYJUs यह कहावत भूल गया था कि जितने चादर हो पैर भी उतने ही फैलाने चाहिए। इसके कोई संदेह नहीं कि BYJU’S के खरीदे प्लेटफार्म बहुत ही उन्नत थे परंतु इसका असर BYJU’S की जेब पर दिखने लगा गया था।

इस सबसे स्पष्ट होता है कि जिस BYJUs के एक समय पर सितारे चमक रहे थे वो अब फीके पड़ने लगे हैं। कंपनी लगातार घाटे में जा रही है और अब स्थिति ऐसी बन रही है कि कंपनी दिवालिया होने की कगार पर आ गई है।

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