दिन में एक साधारण व्यक्ति और रात के अंधेरे में एक हत्यारा- पॉल बर्नार्डो की कहानी

एक सीरियल किलर जो बहुत समय तक देता रहा पुलिस को चकमा

Paul Bernardo

जुर्म की दुनिया हमेशा से ही खौफनाक दास्तानों से भरी रही है। इस दुनिया में कई-कई ऐसी घटनाएं घट जाती हैं, जो किसी भी सामान्य व्यक्ति को भीतर तक झकझोर कर रख दें। कई सीरियल किलर्स की खौफनाक कहानियां आपने सुनी होंगी, जिसके बाद यही प्रश्न मन में उठता है कि आखिर कब और किन परिस्थितियों में एक सामान्य सा दिखने वाला व्यक्ति हैवान का रूप ले लेता है?

कनाडा का पॉल बर्नार्डो

कोई व्यक्ति कब एक खूंखार अपराधी बन जाए, यह कहा नहीं जा सकता है। फिर चाहे वो काले सूट में एक सौम्य व्यवहार वाला किसी कंपनी का सीईओ ही क्यों न हो। ऐसा ही एक राक्षस था कनाडा का पॉल बर्नार्डो, जिसने हैवानियत की हर सीमा को पार करते हुए ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया, जिसके बारे में जानने पर आपकी आत्मा कांप उठेगी।

27 अगस्त 1964 को पॉल बर्नार्डो का जन्म कनाडा के ओंटारियो के स्कारबोरो में हुआ था। वो कनाडाई सीरियल किलर या सीरियल रेपिस्ट रह चुका है। बर्नार्डो द स्कारबोरो रेपिस्ट और द स्कूलगर्ल किलर के नाम से भी जाना जाता है। बचपन में तो पॉल बर्नार्डो एक सामान्य बच्चे की ही तरह था। बल्कि यह कहें कि वो एक आदर्श बच्चा था तो कुछ गलत नहीं होगा।

निक प्रोन अपनी पुस्तक लिथल मैरिज में पॉल के युवा रूप का वर्णन करते हुए बताते हैं कि वो एक ऐसा युवा लड़का था जो हमेशा मुस्कुराता रहता था। वो बहुत ही प्यारा था और उसकी मुस्कान भी काफी अच्छी थी। विनम्र, अच्छा व्यवहार और स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करने वाला वो एक बहुत ही आदर्श बच्चा था। परंतु यही आदर्श बच्चा एक दिन दरिंदे का रूप ले लेगा इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।

बाहर से दिखने में तो पॉल का बचपन एकदम सामान्य लगता था। वह अपनी मां, पिता और बड़े भाई बहनों के साथ घर में रह करता था। पॉल बर्नोर्डो अपने भाई-बहनों में सबसे छोटा था। देखने में उसका परिवार सामान्य ही लगता था, परंतु पर्दे के पीछे कहानी कुछ और ही थी। पॉल बर्नार्डो की मां मर्लिन में आत्मविश्वास की भारी कमी थी, जबकि उनके पति केनेथ शराब पीने वाला,अनियंत्रित, शारीरिक और मौखिक रूप से अपमानजनक कृत्य करने वाला व्यक्ति था। दोनों के बीच संबंध धीरे-धीरे बिगड़ रहे थे। उपेक्षा और पिटाई से परेशान होकर पॉल बर्नार्डो की मां का पुराने प्रेमी से संबंध शुरू हो गया था। एक समय ऐसा भी आया, जब बर्नार्डो के पिता केनेथ ने अपनी ही बेटी डेबी का यौन शोषण करना शुरू कर दिया। पॉल इन्हीं सब परिस्थिति में पलकर बढ़ा हुआ।

पॉल बर्नाडा जब 15 वर्ष का था, तब उसे पता चला कि वो अपनी मां मर्लिन के विवाहेत्तर संबंध से पैदा हुआ है। जब पॉल के सामने यह राज खुला तो वो इसे बर्दाश्त नहीं कर पाया। जो युवा लड़का अब तक सबके सामने अच्छा बनता आ रहा था, उसका धैर्य अब खत्म हो चुका था। मां के नाजायज संबंधों से पॉल बर्नार्डो इस कदर नाराज हुआ कि वो अपनी मां के लिए ही “वेश्या” और “फूहड़” जैसे शब्दों का प्रयोग कर उन्हें खुलेआम बेइज्जत करने लगा था। इन सबसे पॉल गहरी तरह से प्रभावित हुआ, बावजूद इसके वो अपने दोस्तों के साथ एकदम सामान्य तरीके से रहता था। एक तरफ पॉल साधारण जीवन जी रहा था, उसने स्कारबोरो में सर विल्फ्रिड लॉरियर कॉलेजिएट इंस्टीट्यूट में भाग लिया और फिर 1982 में टोरंटो स्कारबोरो विश्वविद्यालय गया और एक अमेरिकी मल्टी-लेवल मार्केटिंग कंपनी एमवे (Amyway) के लिए भी काम किया।

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पॉल के जीवन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था  

हालांकि जैसा दिख रहा था पॉल के जीवन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था। महज 10 वर्ष की आयु से अश्लील चित्रों का एक संग्रह एकत्र कर रहा था। जब वो धीरे-धीरे बड़ा हो रहा था तो यह उसे संतुष्ट करने के लिए पर्याप्त नहीं थे। पॉल बर्नार्डो ने एक के बाद एक कई लड़कियों को अपना शिकार बनाकर उसके साथ घिनौनी घटनाओं को अंजाम दिया। उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर बार में मिलने वाली युवा लड़कियों पर पिकनिक तकनीक अपनाने लगा, जिसमें सफल भी रहा। पॉल तेजी से लड़कियों के प्रति आक्रामक हो रहा था। वो वर्जिन लड़कियों को अपना शिकार बनाना चाहता था।

बर्नार्डो ने स्कारबोरो में और उसके आस-पास कई लड़कियों पर यौन हमले किए। देर शाम बसों से उतरते ही उसने अपने अधिकांश पीड़ितों का पीछा कर उन्हें अपना शिकार बनाया। बताया जाता है कि बर्नार्डो ने 4 मार्च 1987 में अपने माता-पिता के सामने 21 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार किया था। यह उसका पहला शिकार था। इसके बाद पॉल बर्नार्डो ने एक के बाद एक इस तरह की कई घटनाओं को अंजाम दिया था। बर्नार्डो ने स्कारबोरो, ओंटारियो और उसके आसपास कई यौन हमले किए।

साल 1987 में ही 23 वर्षीय पॉल बर्नार्डो की मुलाकात 17 साल की कार्ला होमोल्का से हुई थी। पहले तो होमोल्का पॉल की इस हैवानियत से अनजान थीं। परंतु फिर एक दिन उसने ही होमोल्का के सामने अपना राज उगल दिया। परंतु इसके बाद जैसा आप सोच रहे होंगे, हुआ ठीक इसके विपरीत ही। कार्ला ने पॉल की इस हैवानियत का विरोध करने की जगह उसकी बलात्कारी प्रवृत्ति की सराहना की। उसने तो यह तक कह दिया कि जब दोनों ने पहली बार संबंध बनाए थे, तो उस वक्त वो वर्जिन नहीं थी। इस वजह से तुम्हारा अधिकार बनता है कि वर्जिन लड़कियों के साथ संबंध बनाओ।

केवल इतना ही नहीं कार्ला ने तो इन कृत्यों में पॉल का सहयोग करना शुरू कर दिया। दोनों नयी-नयी लड़कियों को मिलकर अपने जाल में फंसाते थे। वर्ष 1990 में पॉल और कार्ला ने मिलकर एक 15 वर्षीय लड़की को शिकार बनाया और उस बच्ची को इस कदर टॉर्चर करके रख दिया कि उसकी जान तक चली गयी। इस घटना के दो ही हफ्तों बाद पॉल बर्नार्डो और कार्ला होमोल्का ने सगाई कर ली। बताया जाता है कि उस वक्त तक बर्नार्डो 19 लड़कियों को अपना शिकार बना चुका था, जिसमें से कई नाबालिग थीं।

कार्ला होमोल्का के पागलपन का आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि उसने अपनी ही बहन को हवस का शिकार बनाने के लिए पॉल बर्नार्डो के समक्ष पेश कर दिया। पॉल की गंदी नजरें पहले से ही कार्ला की छोटी बहन टैमी होमोल्का पर थीं। क्रिसमस पर उपहार के रूप में कार्ला ने टैमी को पॉल को भेंट कर दिया।

23 दिसंबर 1990 की रात दोनों ने टैमी की शराब में वेलियम नाम की दवा मिला दी, जिससे टैमी सुस्त पड़ने लगी। इसके बाद कार्ला ने अपने काम करने की जगह से चुराकर लाई गई हैलोथेन का प्रयोग कर उसे बेहोश कर दिया। फिर बेहोशी की हालत में ही बर्नार्डो ने टैमी का बलात्कार किया। इस दौरान कार्ला इस कुकर्म का वीडियो बनाने लगी। फिर बर्नार्डो ने कैमरा पकड़ा और कार्ला अपनी छोटी बहन के साथ बर्बरता करने लगी। इस दौरान टैमी की हालत इतनी बिगड़ गयी थी कि वो उल्टियां करने लगी और उसकी सांसे भी थमने लगी थीं।

टैमी को इस अवस्था में देखकर पॉल और कार्ला घबरा गए और उन्होंने हेल्थ सर्विस को फोन भी लगाया, परंतु टैमी बच नहीं पाई। डॉक्टरों की रिपोर्ट में टैमी की मौत का कारण शराब पीने के बाद हुई उल्टियों के दौरान सांस अटकना बताया गया था।

स्कारबोरो रेपिस्ट को पकड़ने के प्रयासों में पुलिस जुटी हुई थी, परंतु कोई सफलता उसे हाथ नहीं लग रही थी। 17 नवंबर 1988 को, मेट्रोपोलिटन टोरंटो पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए एक टास्क फोर्स का गठन भी किया। जांचकर्ताओं को मई 1990 तक कोई महत्वपूर्ण सुराग नहीं मिला था, परंतु फिर एक पीड़िता ने उन्हें अपने हमलावर के चेहरे का विवरण प्रदान किया। पुलिस ने एक कंप्यूटर पर समग्र चित्र बनाया जिसे समाचार पत्रों में प्रकाशन सहित व्यापक प्रसार किया गया था। अगले हफ्तों में प्राप्त 16,000 प्रतिक्रियाओं में से तीन लोगों ने कहा कि चित्र पॉल बर्नार्डो जैसा दिखता है।

जांचकर्ताओं द्वारा दो बार बर्नार्डो से पूछताछ की गई थीं, परंतु वो उन्हें भी बड़ी ही आसानी से चकमा देने में कामयाब हो रहा था। जांचकर्ता संतुष्ट थे कि बर्नार्डो एक संभावित संदिग्ध नहीं था। उसने भरोसा बढ़ाने के लिए डीएनए सबूत के लिए उसके बाल, खून और लार के सैंपल तक दे दिए थे। क्योंकि पॉल बर्नार्डो बेहद ही शातिर था और वो कनाडा के कमजोर फॉरेंसिंग बुनियादी ढांचे से भी परिचित था। इसलिए पुलिस से बच निकलने के लिए यह चाल चली।

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पुलिस को चकमा दे देता था बर्नार्डो

एक तरफ बर्नार्डो पुलिस को चकमा देने में कामयाब होता जा रहा था, दूसरी ओर वो और कार्ला होमोल्का मिलकर एक के बाद एक अन्य लड़कियों को अपना शिकार बनाते रहे। 7 जून 1991 को होमोल्का ने जेन डो, जिससे वो दो वर्ष पहले एक पेट शॉप पर मिली थी, उसे अपने घर बुलाया। होमोल्का ने यहां डो को नशा कराया और दोनों ने इसी अवस्था में शोषण किया और हमले की वीडियोग्राफी भी की। इसके एक हफ्ते बाद 14 वर्षीय लड़की को प्रताड़ित कर यौन शोषण किया। दोनों ने मिलकर लेस्ली को बेरहमी से मौत के घाट भी उतारकर उसके शरीर को टुकड़ों में काट दिया था।

16 अप्रैल 1992 को बर्नार्डो और कार्ला ने 15 वर्षीय नाबालिग को अपना शिकार बनाया। उन्होंने क्रिस्टन का अपहरण किया। इस बार कई लोगों ने उन्हें अपहरण करते देखा। अन्य पीड़ितों के विपरीत क्रिस्टन की आंखों पर पट्टी नहीं थी। लेस्ली की तरह क्रिस्टन को ही इस दोनों के द्वारा बड़ी ही बेरहमी से मार दिया गया।

बर्नार्डो बड़ी ही चालाकी से एक के बाद एक जघन्य घटनाओं को अंजाम देता जा रहा था। परंतु कहते हैं न कि पाप का घड़ा एक न एक दिन भरता है तो उसके भी पापों का घड़ा भर चुका था और इस मामले में उसके कुकृत्यों में उसका साथ देने वाली कार्ला होमोल्का ही उसकी दुश्मन बन गयी।

बात 27 दिसंबर वर्ष 1992 की है, तब पॉल बर्नार्डो ने कार्ला के साथ बुरी तरह से मारपीट की और उसके अंगों को चोट पहुंचायी। कुछ लोगों की सलाह के बाद कार्ला ने बर्नार्डो के खिलाफ घरेलू हिंसा का आरोप लगाया। इस दौरान जांच के हिस्से के तौर पर बर्नार्डो ने डीएनए नमूने प्रदान किए। बर्नार्डो का डीएनए “स्कारबोरो रेपिस्ट” से मेल खाता हुआ पाया गया। हालांकि इस दौरान कार्ला ने स्वयं को निर्दोष दिखाने के प्रयास भी किए। उसने अपने आप को पॉल की शिकार बताया और कहा कि उसे उसके अपराधों में भाग लेने के लिए मजबूर किया गया था।

परंतु कार्ला की चालाकी यहां चल नहीं पा रही, जिसके बाद उसने नया पैंतरा अपनाते हुए बर्नार्डो के खिलाफ सरकारी गवाह बनने का निर्णय ले लिया। कार्ला ने बर्नार्डो के विरुद्ध गवाही दी और उसके गुनाहों के लिए उसे 12 साल की सजा हुई। वर्ष 2005 में कार्ला जेल से छूटकर बाहर आ गयी। वहीं पॉल बर्नार्डो को 25 वर्षों के लिए बिना पैरोल आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी थी। बाद में पॉल का साइकोपैथी चेकलिस्ट परीक्षण भी किया गया, जिसमें उसने 40 में से 35 अंक प्राप्त किए थे। इसका उपयोग लोगों की मनोरोग की उपस्थिति का आकलन करने के लिए किया जाता है। उसे नैदानिक मनोविकृति के रूप में वर्गीकृत किया गया था।

पॉल बर्नार्डो दिखने में तो एक सामान्य व्यक्ति था, परंतु वही सामान्य व्यक्ति इतने बड़े हैवान का रूप ले लेगा, इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। पॉल बर्नार्डो के घर में घटी घटनाओं ने बर्नार्डो की मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डाला और उसे शैतान बना दिया। वहीं, कार्ला होमोल्का की बर्नार्डो के गुनाहों में बराबर की भागीदार रही और उसने उसके पागलपन के विरुद्ध आवाज उठाने की जगह बढ़ाने का काम ही किया।

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