अब भारत के पास मोबाइल हैंडसेट गेम में चीन को मात देने का अच्छा अवसर है

स्मार्टफोन की दुनिया में भारत चीन को पछाड़ने के लिए तैयार है

मेड इन इंडिया स्मार्टफोन शिपमेंट

हो गयी है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए। सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए। इन पंक्तियों ने परोक्ष रूप से भारत के ‘मेक इन इंडिया’ संकल्प को परिभाषित किया है। यहां यह जानना महत्वपूर्ण हो जाता है कि, मेड इन इंडिया स्मार्टफोन शिपमेंट Q2 2022 में 16 प्रतिशत बढ़कर 44 मिलियन (4.4 करोड़) यूनिट तक पहुंच गया। इस लक्ष्य के पूर्ण होने पर जितना सार्थक असर भारतीय बाज़ार पर पड़ा है उससे बड़ा झटका चीन के बाजार पर पड़ा है। सही मायनों में अब भारत के पास मोबाइल हैंडसेट गेम में चीन को मात देने का वास्तविक अवसर है और उसकी पूर्ति अवश्य होगी।

और पढ़ें- आईटी मंत्रालय बिना चीनी phones को दबाए भारतीय smartphones को बढ़ाना चाहता है, हाउ क्यूट

मेक इन इंडियास्मार्टफोन शिपमेंट बढ़ी

दरअसल, रिपोर्टों के अनुसार ‘मेक इन इंडिया’ स्मार्टफोन शिपमेंट साल-दर-साल 16 प्रतिशत बढ़कर इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 44 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया है जो भारत के लिए बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है। जब से चीन से हटकर व्यापार करने की नीति भारत के स्मार्टफोन बाजार ने अपनायी है उससे अब तक का सबसे सकारात्मक प्रतिफल निकल कर आया है। काउंटरपॉइंट की लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, मेड इन इंडिया स्मार्टफोन शिपमेंट Q2 2022 में 16 प्रतिशत बढ़कर 44 मिलियन (4.4 करोड़) यूनिट तक पहुंच गया। यही चक्र रहा तो भारत मोबाइल हैंडसेट के खेला में चीन को भयंकर धोबीपछाड़ दे देगा और चीन का सबसे बड़ा मार्केट भारत कब्ज़ा लेगा।

बताते चलें कि काउंटरपॉइंट रिसर्च ने कहा कि कई पीएलआई योजनाओं के साथ भारत सरकार का सकारात्मक प्रभाव दिखा रहा है और “हमने स्मार्टवॉच, टीडब्ल्यूएस, नेकबैंड और टैबलेट जैसे उत्पाद खंडों में स्थानीय विनिर्माण हिस्सेदारी में वृद्धि देखी है”। ओप्पो ने 24 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ ‘मेक इन इंडिया’ स्मार्टफोन शिपमेंट का नेतृत्व किया, इसके बाद सैमसंग और वीवो हैं। लावा ने 21 फीसदी हिस्सेदारी के साथ फीचर फोन शिपमेंट का नेतृत्व किया। इसका कारण यह बताया गया कि कंपनियां प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम्स के मानदंडों को पूरा करने के लिए उच्च उत्पादन पर जोर दे रही हैं।

“ओप्पो ने हाल ही में विहान पहल की घोषणा की जिसके तहत स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला को सशक्त बनाने के लिए अगले पांच वर्षों में $ 60 मिलियन का निवेश करने की योजना है। सैमसंग ने प्रीमियम सेगमेंट के स्मार्टफोन, खासकर गैलेक्सी एस सीरीज के साथ अपने मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ाया है।”

स्मार्टफोन सेगमेंट में इन-हाउस मैन्युफैक्चरिंग ने जून तिमाही में कुल ‘मेक इन इंडिया’ शिपमेंट में लगभग 66 फीसदी का योगदान दिया, जबकि बाकी 34 फीसदी शिपमेंट थर्ड-पार्टी ईएमएस (इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज) से आए। तीसरे पक्ष के ईएमएस खिलाड़ियों में भारत एफआईएच, डिक्सन और डीबीजी तिमाही के दौरान प्रमुख खिलाड़ी थे। Padget Electronics (396 प्रतिशत YoY), Wistron (137 प्रतिशत YoY) और Lava (110 प्रतिशत YoY) शिपमेंट के मामले में तिमाही के दौरान सबसे तेजी से बढ़ते स्मार्टफोन निर्माता थे।

और पढ़ें- चीनी कंपनियां एक साथ छोड़ सकती हैं भारत, शुभयात्रा!

ओप्पो ने विहान पहल की घोषणा की

भारत में लोकल मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के बारे में बात करते हुए, काउंटरपॉइंट रिसर्च एनालिस्ट प्रचिर सिंह ने कहा, “पिछले साल की तुलना में मेड इन इंडिया स्मार्टफोन शिपमेंट में वृद्धि हुई है। तिमाही के दौरान हमने नये प्लांट्स लगाने के साथ-साथ मौजूदा प्लांट्स के विस्तार के साथ भारतीय मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम में बढ़ते निवेश को देखा। हाल ही में ओप्पो ने विहान पहल की घोषणा की जिसके तहत लोकल सप्लाई चैन को सशक्त बनाने के लिए अगले पांच वर्षों में $60 मिलियन का निवेश करने की योजना है। सैमसंग ने प्रीमियम सेगमेंट के स्मार्टफोन, विशेषकर गैलेक्सी एस सीरीज के साथ अपने मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ाया है। आगे बढ़ते हुए आने वाला फेस्टिव सीजन लोकल मांग में अपेक्षित वृद्धि के कारण मेड इन इंडिया शिपमेंट को और आगे बढ़ाएगा।”

ऐसे में भारत का मार्केट न बढ़े ऐसा कैसे हो सकता है। जहां एक ओर पहले से ही iPhone भी चीन पर आश्रित न रहकर भारत का रुख कर रहा है वहीं भारत का मोबाइल हैंडसेट बाजार धीरे-धीरे नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। बता दें कि भारतीय बहुराष्ट्रीय समूह कंपनी, टाटा समूह, वर्तमान में एप्पल इंक के लिए एक ताइवानी आपूर्तिकर्ता के साथ चर्चा कर रही है। यह बातचीत मूल रूप से भारत में एक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए हो रही है। बता दें कि टाटा समूह भारत में iPhones को असेंबल करना चाहता है। ऐसे में iPhone भारत का रुख करे उससे पहले ही भारत मोबाइल हैंडसेट गेम में चीन को मात देने की ओर अग्रसर हो चला है और सबकुछ ठीक रहा तो यह कीर्तिमान शीघ्र ही स्थापित होगा।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Exit mobile version