लड़के हैं गलती हो जाती है, यह कहा था उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने। इसका परिप्रेक्ष्य था उन लड़कों से जो लड़कियों के साथ जघन्य कृत्य कर भाग जाते थे। ऐसी ही सोच का एक अंश अब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भीतर दिखने लगा है। यह तब है जब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र के दुमका में एक नाबालिग लड़की अंकिता की हत्या का मामला शांत नहीं हुआ था कि उसी क्षेत्र से एक और रोंगटे खड़े कर देने वाली खबर सामने आती है।
एक और नाबालिग की हत्या
खबर आती है कि एक 14 वर्षीय नाबालिग लड़की को पहले गर्भवती किया गया और बाद में उसे मौत के घात उतार दिया गया। इतने पर खबर खत्म नहीं होती बल्कि एक पेड़ पर लड़की के शव को लटका दिया जाता है। इस तरह की हैवानियत पर सोरेन ने संवेदना व्यक्त की हो या न की हो पर इस मामले में जो संवेदनहीन बयान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दी है उसके बाद तो उन्होंने निर्लज्जता की सारी सीमाएं ही लांघ दी हैं।
दरअसल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार बचाने और रिज़ॉर्ट पॉलिटिक्स करने में ऐसे व्यस्त हैं कि राज्य की जनता की कोई पूछ ही नहीं रही। जिस विधानसभा क्षेत्र से हेमंत सोरेन विधायक हैं उसी क्षेत्र से 10 दिन के भीतर 2 नाबालिगों की हत्या की खबर आ गयी पर विधायकजी को कोई मतलब नहीं है। पहला मामला था अंकिता से जुड़ा हुआ। आरोप है कि एकतरफा प्यार में विफल रहने के बाद शाहरूख हुसैन नामक युवक ने 12वीं की छात्रा अंकिता पर गत 23 अगस्त, 2022 को पेट्रोल छिड़कर उसके ही घर में ही उसे जला दिया था। बेहद गंभीर स्थिति में उसे दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद बेहतर इलाज के लिए उसे रिम्स, रांची रेफर कर दिया गया था। अंततः वो लड़ाई लड़ते हुए हार गयी और दुमका जिले के जरूवाडीह में 12वीं की छात्रा अंकिता कुमारी की मृत्यु हो गयी।
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अंकिता हत्याकांड मामले ने जनता का रोष चरम पर पहुंचा दिया कि दूसरी तरफ एक और हृदय विदारक घटना सामने आ गयी। इस बार मरने वाली लड़की की उम्र 14 साल थी और वह आदिवासी समुदाय से थी। जिसका शव दुमका के विश्वविद्यालय थाने के श्रीमदा में पेड़ से लटका मिला। 14 वर्षीय मृतक राणेश्वर थाना क्षेत्र की रंगलिया पंचायत की रहने वाली थी। बताया जा रहा है कि श्रीमदा गांव के कुछ लोग शनिवार की सुबह सड़क से गुजर रहे थे, तभी उनकी नजर पेड़ से लटकी किशोरी के शव पर पड़ी। सूचना के बाद विवि थाना प्रभारी सुजीत उरांव मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में ले लिया। इस मामले में भी लव जिहाद का एंगल सामने आया जहां आरोप लगता है कि अरमान अंसारी नाम के एक मुस्लिम युवक ने उसे प्रेम जाल में फंसाकर गर्भवती कर दिया। जब आरोपी पर शादी के लिए दबाव डाला गया तो साजिश के तहत लड़की की हत्या कर दी गयी।
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भाजपा नेताओं की पहल सोरेन को चुभ गयी
अंकिता हत्याकांड घटना पर भाजपा नेताओं का जाना और शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाना और आर्थिक सहायता देना सोरेन सरकार को इतना खटका की भाजपा नेता और सांसद मनोज तिवारी, निशिकांत दुबे और कपिल मिश्रा को अनर्गल आरोपों में फंसाने का षडयंत्र रच दिया पर स्वयं एकबार भी दोनों परिवार के पास जाकर नहीं बैठे। यह तब है जब हेमंत सोरेन उसी विधानसभा से चुनकर आने वाले विधायक हैं। विडंबना तो यह है कि परिवार को ढांढस बंधाना तो दूर सीएम हेमंत सोरेन ने अपने विषैले मुख से यह कह दिया कि “घटनाएं होती हैं। वो कहां नहीं होती हैं?” बुद्धि भ्रष्ट होना इसे ही कहते हैं।
#WATCH | "Incidents happen. Where do they not occur?" says Jharkhand CM Hemant Soren on the recent incident of a minor girl hanged to death from a tree in Dumka pic.twitter.com/5DoGnWvNtO
— ANI (@ANI) September 4, 2022
वहीं राजनीति के इतने लोभी कि न विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाया और न ही राज्यपाल ने विश्वास मत हासिल करने की बात कही। बावजूद इसके झारखंड में सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को जबरन विधानसभा में विश्वास मत लाकर उसे जीत लिया। सरकार के पक्ष में 48 वोट पड़े हैं, जबकि बीजेपी ने सदन का बहिष्कार कर दिया। हेमंत सोरेन ने आज विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था। मतलब विपक्ष ने न ही अविश्वास ज़ाहिर किया और न जो बहुमत सिद्ध करने की बात कही पर सोरेन ने अपने आप में ही तुर्रमखां बनते हुए पूरे यूपीए कुनबे को रिज़ॉर्ट पॉलिटिक्स के तहत पहले झारखंड से बाहर छत्तीसगढ़ भेजा और सोमवार को आकर विश्वास मत प्रस्तुत कर दिया।
मतलब करने के काम नहीं किए, न ही 2 नाबालिग बेटियों के परिवार से मिले और न ही उन्हें ढांढस बंधाया और तो और जले पर नमक छिड़कते हुए “घटनाएं होती हैं” ऐसा बयान दे दिया। अब तो आने वाला भविष्य ही ऐसे बयानों और संवेदनहीनता का हिसाब देगा।
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