‘वामपंथी मीडिया पोर्टल्स’ को दाना पानी देने वाले IPSMF और CPR पर पड़ा आयकर विभाग का छापा

यह 'सोरोस कार्टेल' के लिए एक बड़ी चेतावनी है!

Income tax department

Source- TFI

सनातन संस्कृति को अपमानित करने, फर्जी खबरे फैलाने, लोगों को भड़काने जैसी तमाम चीजों के लिए देश की जनता से गालियां खाने वाले वामपंथी मीडिया पोर्टल्स की लंका लग गई है। इनकी हालत कुछ ऐसी हो गई है कि ये न रो सकते हैं, न ही हंस सकते हैं। हुआ कुछ ऐसा है कि इन्हें फंडिंग करने वाले यानी जिनकी बोटियों पर ये पलते हैं अब वे ही कानून के लपेटे में आ गए हैं और उनकी क्लास लगाई जा रही है! आयकर विभाग ने टैक्स चोरी, एफसीआरए उल्लंघन और पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को हो रही फंडिंग से संबंधित मामलों को लेकर वामपंथियों के दुलारे IPSMF, CPR और ऑक्सपैम इंडिया पर छापेमारी की है।

दरअसल, आयकर विभाग ने बुधवार को दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) और वैश्विक एनजीओ ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ एक मीडिया फाउंडेशन के अलावा उन्हें प्राप्त धन में कथित एफसीआरए उल्लंघन से संबंधित जांच के तहत छापेमारी की। खबरों की मानें तो आयकर विभाग ने गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) और धर्मार्थ संगठन डोमेन में तीन और संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की। आयकर विभाग ने दोपहर के आसपास इन संगठनों के परिसरों का दौरा किया और विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के कथित उल्लंघन से संबंधित जांच के तहत खातों और वित्तीय लेनदेन का निरीक्षण किया।

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ध्यान देने वाली बात है कि इस थिंक टैंक को फोर्ड फाउंडेशन, बिल गेट्स, ओमिड्यार समेत कई विदेशी दानदाताओं द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। CPR वामपंथियों का नीति प्रभावक थिंक टैंक में गिना जाता है। वहीं, बेंगलुरु स्थित इंडिपेंडेंट एंड पब्लिक स्पिरिटेड मीडिया फाउंडेशन-IPSMF, लेफ्ट डिजिटल मीडिया फर्म कारवां, द प्रिंट, ऑल्ट न्यूज़ आदि को फंडिंग करता है। ज्ञात हो कि आयकर विभाग द्वारा एक साथ गुजरात, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों में 110 से ज्यादा परिसरों पर छापे मारे गए। छापे की यह कार्रवाई कुछ पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और उनके कथित संदिग्ध लेन-देन को लेकर की गई।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से कहा कि यह कार्रवाई विदेशी चंदे को लेकर जांच का हिस्सा है। बेंगलुरु स्थित ट्रस्ट IPSMF खोजी स्टोरिज के लिए पहचाने जाने वाले कुछ मीडिया संगठनों को फंड करता है जो सरकारों पर लगातार सवाल उठाते हैं और फर्जी खबरों को बढ़ावा देते हैं। IPSMF के अध्यक्ष टीएस निनन हैं जो खुद एक पत्रकार हैं, जबकि ट्रस्टियों में अभिनेता अमोल पालेकर भी शामिल हैं।

थिंक टैंक सीपीआर कभी शिक्षाविद प्रताप भानु मेहता की अगुवाई में था, जो वर्तमान भाजपा सरकार के एक प्रमुख आलोचकों में से एक हैं। वर्तमान में इसके गवर्निंग बोर्ड की अगुवाई मीनाक्षी गोपीनाथ कर रही हैं, जो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ा चुकी हैं और दिल्ली में लेडी श्रीराम कॉलेज की प्रिंसिपल रही हैं। वहीं, ऑक्सफैम इंडिया भी छापेमारी की कार्रवाई का सामना कर रहा है, जो ऑक्सफैम अंब्रेला के तहत गैर सरकारी संगठनों के वैश्विक संघ का हिस्सा है। इसकी वेबसाइट का कहना है कि यह संगठन “भारतीय संविधान में कल्पना के अनुसार एक न्यायपूर्ण और समावेशी देश बनाने के लिए सरकारों से नीतिगत बदलाव की मांग करने के लिए जनता के साथ अभियान चलाती है।”

देश को मिलेगी इन विषैले तत्वों से निजात

इन सभी थिंक-टैंक के कार्यालय के कर्मचारियों, मुख्य निदेशकों और पदाधिकारियों से भी पूछताछ की गई है। चाणक्यपुरी में धर्म मार्ग स्थित सीपीआर कार्यालय परिसर के बाहर मीडियाकर्मी इंतजार करते दिखे। ऑक्सफैम इंडिया, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च और बेंगलुरु स्थित IPSMF की ओर से अभी तक इस कार्रवाई को लेकर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। खबरों के अनुसार आयकर विभाग एफसीआरए के माध्यम से धन की प्राप्ति के साथ-साथ इन संगठनों की बैलेंस शीट भी खंगाल रहा है।

जिस बात के उल्लंघन का आरोप यहां लगाया जा रहा है वो है वित्त-पोषण और वो भी गैर कानूनी। कानून के मुताबिक, विदेशी फंड हासिल करने वाले सभी एनजीओ को एफसीआरए के तहत रजिस्टर कराना होता है। सरकार ने पिछले पांच वर्षों में कानून के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले लगभग 1,900 गैर सरकारी संगठनों का एफसीआरए पंजीकरण रद्द किया है। दिसंबर 2021 के अंत तक 22,762 FCRA-पंजीकृत संगठन थे। ऐसे में बुधवार को हुई इतनी कार्रवाइयों के बीच यह तो तय हो गया कि इस बार आयकर इस नैक्सस के खात्मे की ओर कदम बढाएगी ताकि साफ-स्वच्छ राजनीतिक मानदंड स्थापित किए जा सकें और देश को इन विषैले तत्वों से निजात मिल सके।

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