1997 में किडनैप हुए, 2008 में 15 फुट की दूरी से मौत को देखा, गौतम अडानी की कहानी

दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स के जीवन के हादसे!

गौतम अडानी किडनैपिंग

Source- TFI

भारतीय अरबपति गौतम अडानी आज दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बन चुके हैं। संपत्ति के मामले में उनके आगे टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ही हैं। गौतम अडानी ने दूसरे नंबर पर कायम अमेजन के फाउंडर जेफ़ बेजोस को पीछे छोड़ दिया है। हालांकि, दूसरे नंबर की लड़ाई में कई बार बदलाव देखने को मिल रहा है। संपत्ति में उतार-चढ़ाव के आधार पर ही दूसरे नंबर की कुर्सी पर भी कभी गौतम अडानी कब्जा कर ले रहे हैं तो कभी जेफ़ बेजोस। गौतम अडानी दुनिया के दूसरे नंबर के रईस बन गए हैं तो लोग उनके बारे में जानना चाहते हैं। आइए, आज हम आपको गौतम अडानी के जीवन की दो महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में बताते हैं।

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गौतम अडानी की किडनैपिंग

भारत के सबसे अमीर शख्स और दुनिया के दूसरे अमीर शख्स गौतम अडानी की एक बार किडनैपिंग कर ली गई थी। घटना 1997 की है। किडनैपर्स ने गौतम अडानी को किडनैप कर लिया था और इसके बदले में किडनैपर्स ने 15 लाख करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी। पुलिस की चार्जशीट के अनुसार अडानी की कार को कुछ स्कूटर सवार बदमाशों ने जबरन रुकवाया था। इसके बाद वहां कुछ लोग वैन लेकर आए और अडानी को किडनैप करके ले गए। लंदन के फाइनेंशियल टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में गौतम अडानी ने इस बारे में एक बार बातचीत भी की थी। गौतम अडानी ने इस दौरान कहा था कि उनके जीवन में दो तीन बेहद ही खराब वाकये हुए हैं। उन्होंने किडनैपिंग का वाकया याद करते हुए कहा कि आज भी वो इस बारे में लोगों को बताते हुए शर्मिंदगी महसूस करते हैं।

ताज हमले में बाल-बाल बचे

गौतम अडानी की जिंदगी में किडनैपिंग एक बड़ा हादसा था लेकिन इससे भी बड़ी घटना उनकी प्रतीक्षा कर रही थी। मुंबई के ताज होटल पर जो आतंकी हमला हुआ, वो उनकी जिंदगी का दूसरा सबसे खतरनाक हादसा था। जब मुंबई के होटल पर हमला हुआ, उस वक्त गौतम अडानी होटल के अंदर ही मौजूद थे। 26 नवंबर, 2008 को गौतम अडानी मुंबई के ताज होटल में दुबई पोर्ट के सीईओ मोहम्मद शराफ के साथ डिनर के लिए आए थे। उसी वक्त वहां पाकिस्तानी आतंकियों ने हमला कर दिया। आतंकियों ने ताज होटल में घुसते ही फायरिंग शुरू कर दी थी।

आतंकी जो फायरिंग कर रहे थे, गोलीबारी कर रहे थे, यह सबकुछ गौतम अडानी ने अपनी आंखों से देखा। होटल स्टाफ ने अडानी समेत अपने मेहमानों को बेसमेंट में छिपा दिया। 26 नवंबर की पूरी रात गौतम अडानी ने बेसमेंट में छिपकर ही बिताई। इसके बाद दूसरे दिन यानी कि 27 नवंबर की सुबह उन्हें सुरक्षाबलों ने बेसमेंट से बाहर सुरक्षित निकाला। गौतम अडानी के जीवन का यह दूसरा ऐसा हादसा था, जिसे वो कभी नहीं भूल सकते। गौतम अडानी आज भी उस हादसे को याद करते हुए कहते हैं कि उन्होंने 15 फुट की दूरी से मौत को देखा है।

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