विराट कोहली काफी लंबे समय से अपने बेकार फॉर्म से जूझ रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में उनके बल्ले से शतक नहीं निकला है और वो काफी बेहतर परफॉरमेंस भी नहीं कर पा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एशिया कप टूर्नामेंट में लगातार 2 अर्द्धशतकीय पारी खेली, जिसके बाद से यह प्रतीत होने लगा कि वो फॉर्म में वापस लौट रहे हैं। लेकिन महाशय ने लगातार 2 अर्द्धशतक क्या बनाया, ये ऐसे चौड़ियाने लगे मानो विश्व कप फाइनल में मैच जिताऊ छक्का इन्होंने ही लगाया हो। ‘नौ की लकड़ी नब्बे खर्च’ से कम नखरे नहीं है इनके और यहां तो बात भारत पाकिस्तान मैच की थी, जिसे एक थर्ड क्लास बॉलिंग लाइनअप के बाद भी भारतीय टीम कूट नहीं पाई, बेइज्जती हुई वो अलग। इस लेख में हम विराट कोहली की नौटंकियों से परिचित होंगे, जो भारतीय टीम के कप्तान पद से हटाए जाने पर भी कम नहीं हुई हैं।
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‘विराट का विक्टिम कार्ड’
फॉर्म को लेकर काफी आलोचनाओं के बाद विराट कोहली को लगा, चलो कुछ अलग करते हैं और सच में उन्होंने किया। एशिया कप में पाकिस्तान के विरुद्ध उन्होंने 60 रन ठोंक दिए। इसपर उनके प्रशंसक बावलों की भांति उछल पड़े और सभी जगह किंग कोहली, कोहली रॉक्स के नारे लगने लगे, वो और बात थी कि इस मैच को भारतीय टीम 5 विकेट से हार गई। परंतु बात यहां तक सीमित रहती तो कोई दिक्कत नहीं थी। विराट कोहली को खुजली मची कि थोड़ी सहानुभूति बटोरी जाए।
विराट कोहली ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में एमएस धोनी के साथ अपने बॉन्ड को लेकर कहा, “मैं आपको एक चीज बता सकता हूं कि जब मैंने टेस्ट कैप्टेंसी छोड़ी तो मेरे पास सिर्फ एक शख्स का मैसेज का आया, जिनके साथ मैं खेला हूं और वो थे एमएस धोनी। बहुत लोगों के पास मेरा नंबर है। मतलब बहुत लोग सजेशन देते हैं कि क्या करना है। उनके पास बोलने के लिए बहुत कुछ होता है लेकिन जिनके पास मेरा नंबर है। उनका एक भी मैसेज नहीं आया।” कोहली ने आगे कहा, “एक रिस्पेक्ट, एक कनेक्शन होता है किसी के साथ, वो जब ये कनेक्शन रियल होता है तो ये इस तरीके से दिखता है, क्योंकि दोनों तरफ सिक्योरिटी होती है, क्योंकि न उनको मुझसे कुछ चाहिए और न मुझे उनसे कुछ चाहिए। न मैं उनसे कभी इनसिक्योर था और न वो मुझसे कभी इनसिक्योर।”
विराट कोहली को यह समझना चाहिए कि उन्होंने विश्व कप या चैंपियंस ट्रॉफी में कोई मैच जिताऊ पारी नहीं खेली है, जो इतना उछल रहे हैं और न ही उन्होंने धोनी की तरह लहराते हुए छक्का जड़कर विश्व कप दिलाई है, जो हारे हुए मैच में 60 रन बनाकर इतना इतरा रहे हैं। जिस एमएस धोनी के कंधे पर बंदूक रखकर आप अपने हेटर्स पर निशाना साध रहे हैं, उनके नेतृत्व को अलग रख दें तो भी उनकी कप्तानी में एक बार भी भारत ने पाकिस्तान के समक्ष नाक नहीं कटवाई है। उनके करियर का प्रादुर्भाव ही विशाखापट्टनम में पाकिस्तान को कूटते हुए हुआ था। अभी तो हमने विश्व कप में उनके कालजयी परफ़ॉर्मेंस पर चर्चा भी प्रारंभ नहीं की है।
और आपने क्या किया? चैंपियंस ट्रॉफी 2017 हो, विश्व कप 2019 हो या फिर टी 20 विश्व कप 2021, जहां पर भी पाकिस्तान के विरुद्ध इज्जत बचाने की बात आई, आप तो पतली गली से खिसकते बने! एशिया कप 2022 में भी आपने पाकिस्तान के विरुद्ध केवल अर्द्धशतक ही बनाया है और ये कोई बहुत बड़ी उपलब्धि नहीं है। ये तो वही बात हो गई कि गली क्रिकेट में तुक्के से चौका लगाने वाला वर्ल्ड कप क्रिकेट में टीम इंडिया के ट्रायल्स के लिए आवेदन की बात करे।
BCCI की तगड़ी प्रतिक्रिया
शायद इसीलिए विराट की यह नौटंकी BCCI को रास नहीं आई। इनसाइड स्पोर्ट्स ने एक बीसीसीआई अधिकारी के हवाले से लिखा, “टीम के हर खिलाड़ी से लेकर बीसीसीआई तक, कोहली को हर किसी ने बैक किया था। यह कहना कि उन्हें सपोर्ट नहीं किया गया, यह बात सच नहीं है, उन्हें ब्रेक भी दिया गया, जिससे वह वापसी कर सकें। जब उन्होंने टेस्ट की कप्तानी छोड़ी तब बीसीसीआई से लोगों ने उन्हें सोशल मीडिया पर शुभकामनाएं भी दी थी। मुझे नहीं समझ में आता है यहां यह बात कैसे आ गई कि उन्हें किसी ने सपोर्ट नहीं किया।” जब 60 रन ठोंकने पर कोहली की ये हालत है तो गलती से वो अगर शतक के निकट पहुंच गए तो उनके नखरों का जाने क्या होगा। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि विराट कोहली अपनी प्रासंगिकता के साथ धीरे-धीरे अपना संयम, धैर्य इत्यादि सब खो रहे हैं और जल्द ही वो विनोद कांबली के बेहतर वर्जन से अधिक कुछ नहीं होंगे!
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