याकूब मेमन कब्र सौंदर्यीकरण: भारत कब तक आतंकी हमदर्दों को अपनी बोली लगाने की अनुमति देगा?

देशद्रोहियों का महिमामंडन करने वाले लोग देश के लिए दीमक हैं

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आतंकियों को पहले पाला जाता है और फिर जैसे-तैसे उनको उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाता है फिर उनकी मज़ारों को सजाया जाता है। यह है मायानगरी मुंबई का सच जो हमेशा से ही अंडरवर्ल्ड के प्रकोप से डरती रही है क्योंकि अंडरवर्ल्ड सरगनाओं का एपीसेंटर तो हमेशा से मुंबई ही रहा है। अब हालिया उदाहरण उस देशद्रोही का है जिसने खायी यहां की बजायी वहां की, इसका नाम है याकूब मेमन। आज भले ही याकूब मेमन जिंदा न हो पर उसके कुछ अनुयायी उसके निजी परिवार के अतिरिक्त अब भी देश में जीवंत हैं जो उसके महिमामंडन में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे।

मेमन और कसाब जैसों की राह पर कौन चल रहा है?

दरअसल, भाजपा ने महाराष्ट्र की पूर्व महाविकास अघाड़ी सरकार पर कब्र के ऊपर स्मारक बनाने की अनुमति देने का आरोप लगाया है। वो भी किसी ऐसे-वैसे की कब्र नहीं बल्कि 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की कब्र की। जैसे ही टीवी चैनलों पर सौंदर्यीकरण प्रक्रिया की रिपोर्ट सामने आयी वैसे ही राजनीतिक गतिरोध छिड़ गया, जिसके बाद उच्च स्तरीय जांच शुरू हुई। लेकिन बात वही है कि कौन हैं वो लोग जो अब भी मेमन और कसाब जैसों की राह पर चलकर उनका चेला बनने को तैयार है।

हुआ यह कि, 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की मुंबई स्थित कब्र के “सौंदर्यीकरण” पर विवाद छिड़ गया। ज्ञात हो कि यह वही याकूब मेमन है जिसे 2015 में नागपुर जेल में फांसी पर लटका दिया गया था। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया था कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री रहते हुए, उन्हीं के कार्यकाल के दौरान कब्र के “सौंदर्यीकरण” की प्रक्रिया को पूरा किया गया था। इस बाबत अब भाजपा ठाकरे को माफी मांगने के लिए कह रही है।

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बता दें कि, याकूब मेमन की कब्र की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से वायरल होने के बाद, मुंबई पुलिस ने गुरुवार को कार्रवाई की और दक्षिण मुंबई के बड़ा कब्रिस्तान में याकूब मेमन की कब्र पर लगायी गयी एलईडी लाइटों को हटा दिया। पुलिस ने बताया था कि बड़ी रात (शब-ए-बारात) के मौके पर बड़ा कब्रिस्तान में हैलोजन लाइटें लगायी गयी थीं। इसे कबरास्तान के ट्रस्टियों ने हटा दिया है। महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने पूर्व सरकार के खिलाफ तीखी टिप्पणी की। “कब्र का सौंदर्यीकरण पिछली ठाकरे सरकार के दौरान हुआ था। मुख्यमंत्री और गृह मंत्री नियमित रूप से राज्य की प्रमुख घटनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।”

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दया याचिका अस्वीकार कर मेमन को दी गयी थी फांसी

1993 के मुंबई बम धमाकों के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद मेमन को फांसी दी गयी थी। दया याचिका को अस्वीकार करने के बाद 2015 में उसे मौत की सजा दी गयी थी। मृत्योपरांत उसकी कब्र की साज-सज्जा कर उसकी मृत्यु को शहादत की तरह मनाने का प्रयास करने वाले लोगों ने ही यह काम किया है। यह कोई पहली बात नहीं है जहां किसी देशद्रोही के प्रति ऐसी कृतज्ञता व्यक्त की जा रही है। यह हमारी ही पिछली सरकारें थीं जिन्होंने ताज हमले 26/11 के मास्टरमाइंड अज़मल कसाब को वर्षों तक जेल में पाला, उसकी खातिर की, यहां तक की उसे बिरयानी तक खिलायी। यहां एक अंतर यह था कि कसाब भारतीय नहीं था और याकूब भारतीय था।

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लेकिन भारतीय होने न होने से याकूब के पाप कम नहीं हो जाते। बम ब्लास्ट में कितने परिवार ख़त्म हो गए। 1993 मुंबई ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन की कब्र को मजार बनाने की कोशिश की गयी है पर उसके 1993 के कर्म उसको कभी वास्तव शहीद करार होने ही नहीं देंगे जैसा कि कुछ तत्व चाह रहे हैं। शेष यह जांच उद्धव ठाकरे को भी नहीं बख्शेगी यदि यह सारी साज-सज्जा उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार ने करवायी होगी जैसा की प्रथम दृष्टया प्रतीत हो रहा है।

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