होली का त्यौहार पर निबंध कक्षा 5 से कक्षा 9 के विद्यार्थियों के लिए

होली का त्यौहार पर निबंध

स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम होली का त्यौहार पर निबंध (Holi ka tyohar par Nibandh) लेकर आये है, यह निबंध कक्षा 5 से 9 तक के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.

होली का त्यौहार पर निबंध – प्रस्तावना

होली का त्यौहार पर निबंध – भारत में बहुत से त्यौहार मनाये जाते हैं इनमे से एक होली का त्यौहार भी मनाया जाता है। जिसे सभी लोग रंगों के साथ गुलाल लगाकर मनाते हैं। पहले समय में होली को सिर्फ गुलाल और चन्दन लगा कर मनाया जाता था। भारत में अलग-अलग जगहों में होली अलग-अलग नाम से वृन्दावन की होली, काशी की होली, ब्रज की होली, मथुरा की होली आदि प्रसिद्ध है। होली के दिन सभी लोग अपने घरों में विभन्न प्रकार के पकवान बनाते हैं और महमानों को बुलाते हैं होली के पहले दिन सभी लोग रात को एकत्र हो कर होलिका दहन करते हैंहोली वसंत का एक उत्सव है।

होली को अतिरिक्त रूप से वसंत का युवा कहा जाता है। प्रकृति सरसों की पीली साड़ी पहनकर किसी की राह देखती हुई प्रतीत होती है। दरअसल, हमारे पूर्वजों में भी, होली के उत्सव को प्रेम की छवि के रूप में देखा जाता है। अभी, सभी इसमें सभी छोटे-बड़े लोग पुरानी अलगाव, दुश्मनी, भेदभाव की अनदेखी करते हैं। होली रंगो का उत्सव है और रंग खुशी का पर्याय हैं। बसंत के मौसम में प्रकृति की भव्यता बहुत प्यारी है।

किशोरावस्था में जब प्रकृति पूरी तरह से भीग जाती है, तो आदमी उसी तरह खुशी से झूमने लगता है। होली का उत्सव इसी की छवि है। इस खूबसूरत उत्सव के दौरान, पूरा वातावरण अद्भुत हो जाता है। होली के उत्सव की प्रशंसा करने के लिए, यह दिन स्कूलों, विश्वविद्यालयों और कार्यस्थलों में एक प्रशासन अवसर है।

होली क्यों मनाई जाती है?

हमारे भारत देश में जो भी धार्मिक व सामाजिक त्यौहार मनाए जाते हैं उनके पीछे कोई ना कोई घटना अवश्य जुड़ी होती हैं। शायद ही कोई ऐसी महत्वपूर्ण तिथि हो जो किसी न किसी त्योहार या पर्व से संबंधित ना हो। होली मनाने के पीछे भी एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। इस कथा के अनुसार दैत्यराज हिरण्यकश्यप एक अत्यंत क्रूर और अत्याचारी राजा था। वह अपने प्रजा को भगवान का नाम ना लेने का आदेश दे रखा था।

उसका मानना था कि वह खुद भगवान है और लोग उसकी ही पूजा करें। यदि कोई भगवान की भक्ति करते हुए पकड़ा जाता तो उसे वह बहुत ही कठोर दंड देता था। इसलिए वहां की प्रजा अत्यंत ही भयभीत रहती थी। किंतु हिरण्यकश्यप का पुत्र (जिनका नाम प्रहलाद था) भगवान विष्णु के परम भक्त था। वह अपने पिता (हिरण्यकश्यप) के आदेशों के विपरीत हमेशा भगवान विष्णु के भक्ति में लीन रहता था। पिता के बार-बार समझाने पर भी जब प्रहलाद नहीं माना तो हिरण्यकश्यप ने उसे मारने का अनेक प्रयास किया, किंतु प्रहलाद बार-बार बच जाता था।

इस प्रकार प्रहलाद प्रजा में काफी लोकप्रिय हो गया था। दैत्यराज हिरण्यकश्यप की एक बहन थी जिसका नाम होलिका था। जिसे वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं जलेगी। इसलिए हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन की सहायता से प्रहलाद को आग में जलाकर मारने की तैयारी कर लिया। योजना के अनुसार होलिका प्रहलाद को अपने गोद में लेकर लकड़ियों के ढेर पर बैठ गई और लकड़ियों में आग लगा दी गई।

जिसके बाद भगवान की कृपा ऐसा हुआ की होलिका का वरदान अभिशाप बन गया वह आग में जलकर भस्म हो गई और प्रहलाद को आंच तक नहीं आया। इस प्रकार अच्छाई का बुराई पर जीत हुआ और तभी से होली (Holi) का त्यौहार मनाया जाने लगा। इसलिए होली के 1 दिन पहले होलिका जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया जाता है।

होली कैसे मनाया जाता है?

होलिका दहन के अगले दिन बच्चे सुबह से ही एक दूसरे पर रंग और पानी डालकर होली (Holi) की शुरुआत करते हैं। फिर धीरे-धीरे बड़ों में भी होली का रंग चढ़ना शुरू हो जाता है। कभी बच्चे गुब्बारों में रंग और पानी भरकर एक दूसरे पर मारते हैं तो कभी पिचकारी में रंग भर के एक दूसरे पर फेंक कर होली का आनंद लेते हैं।

इस दिन चारों ओर चहल पहल दिखती है। जगह जगह लोगों की टोलियां एकत्र होकर ढोल की थाप पर होली पर गाने गाते दिखते हैं।

होली (Holi) के कई दिन पहले से ही लोग पापड़ और चिप्स अपनी छतों पर सुखाने लगते हैं। होली के दिन अच्छे-अच्छे पकवान जैसे- गुजिया, घेवर, मावा आदि भी बनाए जाते हैं। दिन भर रंग खेलने के बाद शाम को सभी लोग स्नान करके नए कपड़े पहनते हैं और बच्चे, बूढ़े, और नौजवान सभी एक दूसरे को गले मिलकर अबीर गुलाल लगाते हैं।

होली का महत्व क्या है?

होली (Holi) का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। यह त्यौहार हमें यह बताता है की बुराई कितनी भी बड़ी क्यों ना हो वह अच्छाई के आगे नहीं टिक सकती है और अंत में अच्छाई की ही जीत होती है। साथ ही यह मेल मिलाप का त्यौहार भी है। लोग इस दिन अपने सारे बैर भाव बुलाकर एक दूसरे को गले लगाते हैं। यह त्यौहार ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाकर समानता का भी संदेश देता है। यह त्यौहार ऐतिहासिक के साथ-साथ सामाजिक महत्व भी रखता है।

लोकप्रिय पर्व होली Main points of Holi- –होली के दिन घरों में खीर – पूड़ी और विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं। इस त्यौहार पर अनेक मिठाइयां बनाई जाती है। बेसन के सेव, गुझिया और दही – वड़े तो लगभग हर परिवार में ही बनाए जाते है। कांजी, भांग और ठंडाई इस पर्व विशेष पेय पदार्थ है।

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होली का त्यौहार पर निबंध – उपसंहार

Ques-होली का नाम किसके नाम पर पड़ा है ?
Ans-होली का नाम हिरण्यकश्यप की बहन होलिका के नाम पर रखा गया है।

Ques-होली के दिन लोग क्या-क्या करते हैं ?
Ans-सभी लोग उस दिन एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं।

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